नई दिल्ली: इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट की पुलिस ने कनाडा के फर्जी वीजा मामले में वांटेड चल रही एक महिला आरोपी को गिरफ्तार किया है. उसकी तलाश 15 साल से आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस को थी. कोर्ट ने इसे 10 साल पहले भगोड़ा भी घोषित कर दिया था. डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार गिरफ्तार महिला की पहचान कर ली गई है. वह पंजाब के मोगा की रहने वाली है. साल 2009 में दर्ज चीटिंग के मामलों में इसकी तलाश थी. पुलिस के अनुसार महिला का पति भी इस मामले में भगोड़ा घोषित था और उसे हाल में ही गिरफ्तार करके तिहाड़ जेल भेज दिया गया था.
एसीपी चंद्रशेखर की देखरेख में गठित टीम ने इस भगोड़ा घोषित महिला के बारे में पता लगाकर उसे गिरफ्तार किया है. पुलिस को टेक्निकल सर्विलांस से सूचना मिली कि यह महिला न्यू दिल्ली रेलवे स्टेशन ट्रेन से आ रही है. पुलिस ने वहां पर ट्रैप लगाया, जैसे ही ट्रेन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंची, सर्च ऑपरेशन करके पुलिस ने उसे पकड़ लिया. उनसे पूछताछ में पता चला कि वह पंजाब के गांव में रह रही थी. महिला ने पुलिस को बताया कि वह अपने पति और एक दूसरे सहयोगी अशोक के साथ मिलकर 15 लाख रुपये एक शख्स से लिया था. उसने कनाडा का फर्जी वीजा पासपोर्ट का इंतजाम किया था. बाद में यह रकम आपस में बांट लिया था.
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पुलिस के अनुसार इस मामले का खुलासा तब हुआ था, जब 24-25 जुलाई 2009 की रात गुरजीत सिंह नाम का शख्स आईजीआई एयरपोर्ट पर आया था. जब उसके डॉक्यूमेंट की जांच की गई तो उसका कनाडा वीजा फेक निकला. फिर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू की और गुरदीप सिंह को गिरफ्तार किया गया. उसने बताया कि अशोक नाम के एजेंट ने उसे 15 लाख रुपए लेकर कनाडा वीजा का फर्जी तरीके से इंतजाम किया था. जिसके चक्कर में वह एयरपोर्ट पर पकड़ा गया. फिर इस मामले में कोर्ट ने बाद में आरोपियों को भगोड़ा घोषित कर दिया था.
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