नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के 12 जोन के जोनल चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन के साथ-साथ स्टैंडिंग कमेटी मेंबर के लिए बुधवार को सिविक सेंटर में होने वाली वोटिंग टल गई है. मेयर शैली ओबेराय ने पीठासीन पदाधिकारी को नियुक्त करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि मेरी अंतरात्मा अलोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने की इजाजत नहीं देती.
गत शुक्रवार को ही इसके लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया समाप्त हो गई. इसके बाद एमसीडी सेक्रेटरी ऑफिस की तरफ से चुनाव संबंधी गाइडलाइन जारी कर दी गई थी. दरअसल, एमसीडी के 12 जोन में से 3 जोन ऐसे हैं, जहां चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन के साथ-साथ स्टैंडिंग कमेटी मेंबर के लिए चुनाव नहीं होने थे. सिटी-सदर पहाड़गंज जोन, करोल बाग जोन और केशव पुरम जोन में वोटिंग कराने की जरूरत नहीं होगी. इन सभी पर पीठासीन अधिकारी की ओर से तीनों पदों के लिए नामांकन दाखिल करने वाले प्रत्याशियों को ही विजेता घोषित किया जाएगा. इन तीनों जोन में तीनों पदों के लिए एक-एक नामांकन ही दाखिल किए गए हैं.
इन वार्डों में नहीं होंगे चुनावः एमसीडी के सिटी-एसपी वार्ड और करोल बाग वार्ड में आम आदमी पार्टी ने तीनों पदों के लिए प्रत्याशी उतारा है. वहीं, बीजेपी ने यहां पर प्रत्याशी उतारना जरूरी नहीं समझा. इसके चलते यहां पर दोनों वार्ड में आम आदमी पार्टी की जीत तय मानी जा रही है. इसके अलावा केशव पुरम जोन में बीजेपी के पास जीत का बहुमत है. इस वजह से यहां पर बीजेपी कैंडिडेट के सामने आम आदमी पार्टी ने प्रत्याशी नहीं उतारा.
इन पांच जोन में AAP पार्टी के कब्जा की संभावना: जोनल चुनाव में 9 जोन में से पांच जोन ऐसे हैं, जहां AAP जीत को लेकर पूरी तरह से मजबूत स्थिति में है. इनमें खासतौर से सिटी-सदर पहाड़गंज जोन, करोल बाग जोन, रोहिणी जोन, वेस्ट जोन, साउथ जोन शामिल है. इन जोन में बीजेपी के पास संख्या बल नहीं है, लेकिन इन जोन में क्रॉस वोटिंग होने को लेकर भी संभावना जताई जा रही है. बावजूद इसके इन पांचों जोन में से किसी पर कब्जा करना बीजेपी के लिए इतना आसान नहीं है.
AAP के 4 पार्षदों के पासा पलटने से जोन में बदल गए समीकरण: अगर बात बीजेपी की करें तो केशव पुरम जोन, सिविल लाइन, नजफगढ़, शाहदरा साउथ, शाहदरा नॉर्थ के अलावा सेंट्रल और नरेला जोन भी उसकी झोली में आने की पूरी संभावना है. बीजेपी पहले से ही 5 जोन में मजबूत थी, वहीं आम आदमी पार्टी के 4 पार्षदों के बीजेपी ज्वाइन करने के बाद सेंट्रल जोन और नरेला जोन के समीकरण बदल गए हैं. इन दोनों जोनों में बीजेपी जीत के लिए मजबूत स्थिति में है. बीजेपी ने इन पार्षदों को इन दोनों जोन में अहम पदों पर भी उतारकर बड़ा मास्टरस्ट्रोक लगाया है. इसके चलते इन जोनों में आम आदमी पार्टी के वोट बैंक में सेंधमारी लगाई जा सकती है. नरेला जोन में जहां बीजेपी के पास 11 निगम पार्षद हैं तो आम आदमी पार्टी के पास सिर्फ 9 निगम पार्षद ही हैं. इसी तरह से मध्य जोन में भी AAP के पास सिर्फ 10 पार्षद हैं. जबकि, बीजेपी के पास 15 पार्षद हैं. तीन आप पार्षदों के बीजेपी में चले जाने से बीजेपी यहां मजबूत हो गई है.
जोन चुनाव में सिर्फ इनको होगी वोट डालने की अनुमति: जोनल चुनाव में सिर्फ चुने हुए निगम पार्षद और एलजी सचिवालय की तरफ से नॉमिनेटेड सदस्य एल्डरमैन (मनोनीत पार्षद) ही वोट कर सकेंगे. इसमें निगम सदन के सदस्य के रूप में मनोनीत 14 विधायक, 7 लोकसभा, 3 राज्यसभा सांसद वोट नहीं करते हैं. इन सभी को सिर्फ मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में वोट करने का अधिकार होता है.
चुनाव बाद स्टेंडिंग कमेटी में दोनों दलों के पास हो जाएंगे बराबर सदस्य: निगम पार्षदों की संख्या के आधार पर इन 12 जोन में से 5 जोन में आम आदमी पार्टी तो बीजेपी के 7 जोन पर कब्जा होने की स्थिति साफ है. इसके चलते बीजेपी को 7 मेंबर स्थायी समिति के लिए भी यहां से मिल जाएंगे, जिसके बाद 18 सदस्यीय स्टेंडिंग कमेटी में दोनों पार्टियों के 9-9 मेंबर हो जाएंगे. जोनल चुनाव के बाद इस संख्या बल के आधार पर स्टेंडिंग कमेटी चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन का चुनाव बराबर के मुकाबले वाला रहेगा. दोनों दल स्टैंडिंग कमेटी पर अपना कब्जा करने की कोशिश करेंगे. ऐसे में क्रॉस वोटिंग होने की भी प्रबल संभावना बनी रहेगी. हालांकि, स्टैंडिंग कमेटी के चुनावों की तारीख का ऐलान होना अभी बाकी है.
बता दें, स्थायी समिति में 18 सदस्य होते है, जिनमें से छह सदस्य एमसीडी सदन से चुने जाते हैं. जबकि, एमसीडी की 12 वार्ड समितियों से 12 सदस्य चुने जाते है. प्रत्येक वार्ड समिति से एक-एक पार्षद स्थायी समिति का सदस्य चुनने का प्रावधान है.
मीटिंग हॉल में सिर्फ इनकी होगी एंट्री, गाइडलाइन जारी: चुनाव के लिए निगम सचिवालय की ओर से सभी जरूरी गाइडलाइन जारी कर साफ कर दिया है कि मीटिंग हाल में निगम पार्षदों और मनोनीत पार्षदों के अलावा किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. सभी अपना पहचान पत्र दिखा कर मीटिंग हॉल में प्रवेश पा सकेंगे. किसी भी निगम पार्षद और मनोनीत सदस्य को पोलिंग बूथ में मोबाइल फोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं होगी. चुनाव के दौरान तीनों पदों के लिए अलग-अलग तीन बॉक्स रखे जाते हैं, जिनमें पीठासीन अधिकारी की तरफ से मिली पर्ची के आधार पर सदस्य अपना वोट डालते हैं. इस बार किसी भी मीडियाकर्मी को मीटिंग हॉल में एंट्री नहीं दी जाएगी. पार्टी समर्थकों को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
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