नई दिल्ली: दिल्ली की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने 28 अक्टूबर को निगम सदन की बैठक बुलाई है. उम्मीद की जा रही थी कि इसमें दिल्ली नगर निगम के नए मेयर का चुनाव होगा. लेकिन निगम की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 28 अक्टूबर को होने वाली बैठक में मेयर का चुनाव नहीं होगा.
दरअसल, मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की फाइल उपराज्यपाल तक मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर के बाद जाता है. लेकिन केजरीवाल के जेल जाने के बाद ऐसा नहीं हो सकता. जिसकी वजह से एलजी ने पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति से इनकार कर दिया और मेयर चुनाव टल गया. केजरीवाल के बाद आतिशी के सीएम बनने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि मेयर चुनाव अक्टूबर में होने वाली बैठक में हो सकता है. केजरीवाल ने भी सीएम आतिशी को जल्द चुनाव कराने का आग्रह किया था.
भाजपा हमलावरः 28 अक्टूबर को होने वाली सदन की बैठक में मेयर चुनाव नहीं कराए जाने पर भाजपा आम आदमी पार्टी पर हमलावर हो गई है. निगम के नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी द्वारा इस माह महापौर चुनाव न कराने से साबित कर दिया है कि वह दलित विरोधी है. उन्होंने कहा कि भाजपा बार-बार यह मांग कर रही है कि बिना किसी देरी के महापौर का चुनाव कराया जाए.
निगम अधिकारियों द्वारा महापौर चुनाव की तारीख तय करने मंजूरी मांगी थी लेकिन मेयर शैली ओबेरॉय ने चुनाव टालने के आदेश दे दिए. जबकि, इस माह महापौर चुनाव कराने में कोई भी समस्या नहीं थी. अब 28 अक्टूबर को सदन की बैठक तो होगी, लेकिन महापौर का चुनाव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी कि सरकार दलितों का हक निगम में मार रही है.
नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि महापौर ब्राजील सरकारी खर्चे पर घूमने जाना चाहती है. इसकी वजह से उन्होंने दलित के लिए आरक्षित महापौर पद पर चुनाव नहीं कराया है. साथ ही आम आदमी पार्टी दीपावली पर वसूली करना चाहती है. इसलिए वह मेयर चुनाव को टाल रही. केजरीवाल ने दलितों के हितेषी होने का दावा किया था, लेकिन महापौर चुनाव टालकर बता दिया कि वह दलितों का हक मारकर सत्ता में बने रहना चाहती है.
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