नई दिल्ली : दिल्ली में जल मंत्री आतिशी के आरोपों को उनके भी विभाग दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के अधिकारियों ने नकार दिया है. दिल्ली सरकार में जल मंत्री आतिशी ने बुधवार को आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार की ओर से वजीराबाद से पानी को रोक दिया गया है. यमुना नदी में जलस्तर कम होने से दिल्ली से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) में पर्याप्त पानी नहीं आ पा रहा है, जिससे दिल्ली में जल संकट पैदा हो गया है. भारतीय जनता पार्टी की सरकार चुनाव से पहले दिल्ली में जल संकट को मुद्दा बनाने के लिए और लोगों को परेशान करने के लिए ऐसा कर रही है.
वहीं, दिल्ली जल बोर्ड ने यमुना नदी में जलस्तर कम होने के पीछे मौसम की स्थिति, तापमान, जलग्रहण क्षेत्र में वर्षा की स्थिति, नदी का पुनर्जनन आदि बताया है. दिल्ली जल बोर्ड ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि यमुना का पानी नहीं रोका गया है, जिससे की दिल्ली में जल संकट पैदा हो. ये उतार-चढ़ाव प्रकृति में नियमित और मानक हैं. विशेष रूप से गर्मी के महीनों में देखे जाते हैं. यह पिछले पांच वर्षों के दौरान मई के महीने में मापे गए वजीराबाद में यमुना नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है.
आंकड़ों पर गौर करें तो वजीराबाद में मई 2024 का जलस्तर, मई 2021 और 2022 में मापे गए जल स्तर से कहीं बेहतर है. 15 मई के बाद वजीराबाद में जलस्तर इस बार 2021 और 2022 से और ज्यादा गिर गया था. इस साल 15 मई के बाद जल स्तर में कम गिरावट दर्ज की गई है. इसके तहत वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) और ट्यूबवेलों सहित सभी स्रोतों से दिल्ली जल बोर्ड की कुल पानी उत्पादन क्षमता 956 मिलियन गैलन प्रति दिन (एमजीडी) है. दिल्ली जल बोर्ड ने कहा है कि गर्मी के लिए समर एक्शन प्लान तैयार किया गया है, जिसके तहत टैंकरों से पानी की आपूर्ति दी जा रही है. जिन इलाकों में जरूरत है वहां अतिरिक्त पानी की आपूर्ति दी जा रही है.
वजीराबाद में पिछले चार साल में 21 मई को जलस्तर
- 21 मई 2020 में 674.50 फीट
- 21 मई 2021 में 670.80 फीट
- 21 मई 2022 में 668.3 फीट
- 21 मई 2023 में 674.50 फीट
- 21 मई 2024 में 670.9 फीट
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