नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में बीते मार्च में आतिशी ने चालू वित्त वर्ष का बजट पेश किया था. तब वह वित्त मंत्री थीं. उन्होंने राम-राज्य थीम पर बजट पेश किया था. अब जिस दिन से आतिशी मुख्यमंत्री बनीं हैं तब से वे और उनके मंत्री खुद को रामायण का पात्र बताते हुए काम करने की बातें कह रहे हैं. पदभार संभालने के चंद मिनट बाद ही आतिशी ने अपने आप की तुलना भरत से की. उन्होंने कहा कि जिस तरह भरत ने भगवान राम का खड़ाऊं लेकर उनकी अनुपस्थिति में राज चलाया था, वही कोशिश उनकी भी रहेगी. जब तक अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री नहीं बन जाते तब तक वह उनके नाम पर शासन चलाएगी. उन्होंने केजरीवाल के मुख्यमंत्री वाली कुर्सी तक खाली छोड़ दी.
कैलाश गहलोत ने अपने आपको हनुमान बताया: मंगलवार को आतिशी कनॉट प्लेस के उसी हनुमान मंदिर में पूजा करने गई जहां केजरीवाल अक्सर जाते हैं. मंगलवार को ही दिल्ली सरकार की कैबिनेट में शामिल परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने जब सचिवालय में पदभार संभाला तब उन्होंने अपने आपको हनुमान बताया. उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता विभाग के रुके हुए कामों को पूरा करना है और अरविंद केजरीवाल को जिताकर फिर से मुख्यमंत्री बनना है. वह राम का हनुमान बनाकर रामराज की अवधारणा पर सभी काम करेंगे.
मनीष सिसोदिया ने खुद को बताया लक्ष्मण: पिछले दिनों राजनीतिक हालात ऐसी बनी कि तब की वित्त मंत्री आतिशी मुख्यमंत्री बन चुकी हैं. शनिवार को उन्होंने दिल्ली के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली हैं. उस दिन से लेकर आज तक सरकार के मंत्री से लेकर आम आदमी पार्टी के नेता अपने आप को रामायण के अलग- अलग पात्र के रूप में बता रहे हैं. रविवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जंतर मंतर के मंच पर मनीष सिसोदिया को लक्ष्मण समान भाई के रूप में बताया था. सिसोदिया ने भी मंच से केजरीवाल को राम तुल्य बड़े भाई बताकर अपनी बात कही थीं.
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'जेल से बाहर आए व्यक्ति की तुलना श्रीराम से...': आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद जिस तरह रामायण के अलग-अलग पात्रों का जिक्र सभी कर रहे हैं, कांग्रेस व बीजेपी नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई है. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने तंज करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी बेनकाब हो गई है और दिल्ली को राम भरोसे छोड़ दिया है. जिस व्यक्ति पर भ्रष्टाचार के आरोप है वह जेल में रहा, उसकी तुलना भगवान से राम से करना बिल्कुल गलत है. आम आदमी पार्टी के पास अब कोई विजन नहीं है. वह बेनकाब हो गई है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि गर्मियों के दौरान दिल्ली की जनता पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रही थी. बारिश हुई तो दर्जनों लोग की जान पानी में डूबने व करंट लगने से हो गई. नई मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी ने जिम्मेदारी संभाली तो अभी तक और जिस तरह काम कर रही है, इससे साबित होता है कि वह डमी कैंडिडेट है इससे बहुत सी महिलाओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है.
"मुख्यमंत्री कार्यालय में एक कुर्सी खाली छोड़कर यह कहना है कि जिस प्रकार 14 साल की वनवास के बाद भगवान राम ने अयोध्या का शासन संभाला चार महीने बाद अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगे. अरविंद केजरीवाल के नाम पर सभी मर्यादाओं की धज्जियां उड़ाई जा रही है." -देवेंद्र यादव, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
'केजरीवाल के भ्रष्टाचार में डूबे विजन को आगे बढ़ा रही आतिशी': प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी कहा है कि आतिशी सरकार के चार दिन में काम नहीं बल्कि तमाशा दिखाएं हैं. वह मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद जिस तरह सचिवालय गई और वहां पर जो बयान दिया उसके अगले दिन मंगलवार को हनुमान मंदिर में के बाहर जो बातें कहीं, इससे स्पष्ट है कि आम आदमी पार्टी सरकार का विजन भ्रष्टाचार का पर्याय है. नई मुख्यमंत्री के चार दिन का लगभग 100 घंटे का सफर बताता है कि उनकी शासन सुधार में नहीं अरविंद केजरीवाल के भ्रष्टाचार में डूबे विजन को आगे बढ़ाने में रुचि है.
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