ETV Bharat / state

आजमगढ़ से जुडा दिल्ली इंटरनेशनल किडनी रैकेट का तार, मोहम्मद शारिक को गिरफ्तार करने जिले में आई थी दिल्ली पुलिस, एसपी ने किया खुलासा - kidney racket linked to Azamgarh

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 10, 2024, 8:54 PM IST

दिल्ली के चर्चित अंतरराष्ट्रीय किडनी रैकेट का तार आजमगढ़ से भी जुड़ गया है. दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आया मोहम्मद शारिक जो आजमगढ़ बिलरियागंज थाना क्षेत्र का निवासी है. शारिक को गिरफ्तार करने आजमगढ़ भी आई थी दिल्ली पुलिस. एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने भी दिल्ली पुलिस टीम के आने की बात कही.

आजमगढ़ का शारिक दिल्ली से गिरफ्तार
आजमगढ़ का शारिक दिल्ली से गिरफ्तार (PHOTO credits ETV BHARAT)
किडनी रैकेट के तार आजमगढ़ से जुड़े (video credits ETV BHARAT)

आजमगढ़: दिल्ली के बहुचर्चित इंटरनेशनल किडनी रैकेट का तार आजमगढ़ से भी जुड़ गया है. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने चार बांग्लादेशियों सहित कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में एक आजमगढ़ के बिलरियागंज थाना क्षेत्र के बिंदवल गांव का निवासी मोहम्मद शारिक भी शामिल है. जो दिल्ली में पैथोलॉजी चलाता था. जिसकी तलाश में दिल्ली पुलिस बीते 23 जून को आजमगढ़ आई थी.

दिल्ली पुलिस ने मामले का बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि, 16 जून को सूचना मिली थी कि, दिल्ली और नोएडा के निजी अस्पतालों में अवैध रूप से किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाला एक गिरोह सक्रिय है. जिसपर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने जांच शुरू की. टीम ने जसोला गांव में घेराबंदी कर चार आरोपी बांग्लादेशी रसेल रोकोन, सुमन मियां और त्रिपुरा निवासी रतेश पाल को गिरफ्तार कर लिया. उनकी निशानदेही पर तीन डोनर और तीन मरीजों की पहचान कर उनको गिरफ्तार कर लिया है.

आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि. गिरोह के सदस्य बांग्लादेश में डायलिसिस केंद्रों पर जाकर किडनी की बीमारी से पीड़ितों को निशाना बनाते थे. ये किडनी डोनर भी बांग्लादेश में ही ढूंढते थे. डोनर को भारत लाया जाता था और फिर पासपोर्ट जब्त कर उन्हें किडनी देने के लिए मजबूर किया जाता था.

डॉक्टर का सहायक फाइल बनाता था जांच में पता चला कि गिरोह से जुड़ी एक नामी निजी अस्पताल की डॉक्टर डी. विजया राजकुमारी का निजी सहायक विक्रम सिंह मरीजों की फाइल बनाता था. मरीज-डोनर का रिश्ता दर्शाने को फर्जी शपथ पत्र तैयार कराता था. बदले में विक्रम हर ग्राहक से 20 हजार रुपये वसूलता था. पूछताछ में रसेल ने सहयोगी मोहम्मद शारिक का नाम बताया. मो. शारिक डॉ. विजया से मरीजों का अपॉइंटमेंट लेता था. वह भी हर मरीज 50 से 60 हजार रुपये लेता था. इसके बाद विक्रम और शारिक को दबोचा गया. गिरफ्तार रसेल अहमद, विक्रम सिंह व शारिक ने पुलिस को बताया कि डॉ. विजया को अवैध धंधे की पूरी जानकारी थी. जिसके बाद डॉ. विजया को गिरफ्तार किया गया.

दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आया आजमगढ़ का रहने वाला मोहम्मद शारिक पुत्र कलीम बीएससी मेडिकल लैब टेक्नीशियन तक की पढ़ाई की है. यूपी के आजमगढ़ जिले के बिलरियागंज थाना क्षेत्र के बिंदवल गांव का रहने वाला है. वह मरीजों और दाताओं की प्रत्यारोपण फाइलों की प्रोसेसिंग के संबंध में निजी सहायक विक्रम और डॉ. विजया राजकुमारी के साथ समन्वय करता था.

पुलिस को आरोपियों के कब्जे से डॉक्टर, नोटरी पब्लिक, एडवोकेट आदि की 23 मुहरें, किडनी मरीजों और दाताओं की छह जाली फाइलें, अस्पतालों के जाली दस्तावेज, जाली आधार कार्ड, जाली स्टिकर, खाली स्टाम्प पेपर, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क, दो लैपटॉप जिसमें आपत्तिजनक डेटा है, आठ मोबाइल फोन और 1800 यूएस डॉलर बरामद किए गए हैं

आजमगढ़ के एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि, मोहम्मद शारिक को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस 23 जून को आजमगढ़ आई थी. दिल्ली पुलिस ने बिलरियागंज थाने की पुलिस की मदद मांगी. पुलिस की मदद से दिल्ली पुलिस मोहम्मद शारिक के घर गई लेकिन घर पर वह नहीं मिला. इसके बाद शारिक को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया.

एसपी ग्रामीण बताया कि दिल्ली पुलिस किडनी रैकेट के मामले में शारिक को गिरफ्तार करने आई थी. बताया कि शारिक दिल्ली में पैथोलॉजी संचालक है. दिल्ली के चर्चित अंतरराष्ट्रीय किडनी रैकेट में आजमगढ़ के मोहम्मद शारिक का नाम जुड़ने से जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म है .

किडनी रैकेट के तार आजमगढ़ से जुड़े (video credits ETV BHARAT)

आजमगढ़: दिल्ली के बहुचर्चित इंटरनेशनल किडनी रैकेट का तार आजमगढ़ से भी जुड़ गया है. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने चार बांग्लादेशियों सहित कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में एक आजमगढ़ के बिलरियागंज थाना क्षेत्र के बिंदवल गांव का निवासी मोहम्मद शारिक भी शामिल है. जो दिल्ली में पैथोलॉजी चलाता था. जिसकी तलाश में दिल्ली पुलिस बीते 23 जून को आजमगढ़ आई थी.

दिल्ली पुलिस ने मामले का बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि, 16 जून को सूचना मिली थी कि, दिल्ली और नोएडा के निजी अस्पतालों में अवैध रूप से किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाला एक गिरोह सक्रिय है. जिसपर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने जांच शुरू की. टीम ने जसोला गांव में घेराबंदी कर चार आरोपी बांग्लादेशी रसेल रोकोन, सुमन मियां और त्रिपुरा निवासी रतेश पाल को गिरफ्तार कर लिया. उनकी निशानदेही पर तीन डोनर और तीन मरीजों की पहचान कर उनको गिरफ्तार कर लिया है.

आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि. गिरोह के सदस्य बांग्लादेश में डायलिसिस केंद्रों पर जाकर किडनी की बीमारी से पीड़ितों को निशाना बनाते थे. ये किडनी डोनर भी बांग्लादेश में ही ढूंढते थे. डोनर को भारत लाया जाता था और फिर पासपोर्ट जब्त कर उन्हें किडनी देने के लिए मजबूर किया जाता था.

डॉक्टर का सहायक फाइल बनाता था जांच में पता चला कि गिरोह से जुड़ी एक नामी निजी अस्पताल की डॉक्टर डी. विजया राजकुमारी का निजी सहायक विक्रम सिंह मरीजों की फाइल बनाता था. मरीज-डोनर का रिश्ता दर्शाने को फर्जी शपथ पत्र तैयार कराता था. बदले में विक्रम हर ग्राहक से 20 हजार रुपये वसूलता था. पूछताछ में रसेल ने सहयोगी मोहम्मद शारिक का नाम बताया. मो. शारिक डॉ. विजया से मरीजों का अपॉइंटमेंट लेता था. वह भी हर मरीज 50 से 60 हजार रुपये लेता था. इसके बाद विक्रम और शारिक को दबोचा गया. गिरफ्तार रसेल अहमद, विक्रम सिंह व शारिक ने पुलिस को बताया कि डॉ. विजया को अवैध धंधे की पूरी जानकारी थी. जिसके बाद डॉ. विजया को गिरफ्तार किया गया.

दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आया आजमगढ़ का रहने वाला मोहम्मद शारिक पुत्र कलीम बीएससी मेडिकल लैब टेक्नीशियन तक की पढ़ाई की है. यूपी के आजमगढ़ जिले के बिलरियागंज थाना क्षेत्र के बिंदवल गांव का रहने वाला है. वह मरीजों और दाताओं की प्रत्यारोपण फाइलों की प्रोसेसिंग के संबंध में निजी सहायक विक्रम और डॉ. विजया राजकुमारी के साथ समन्वय करता था.

पुलिस को आरोपियों के कब्जे से डॉक्टर, नोटरी पब्लिक, एडवोकेट आदि की 23 मुहरें, किडनी मरीजों और दाताओं की छह जाली फाइलें, अस्पतालों के जाली दस्तावेज, जाली आधार कार्ड, जाली स्टिकर, खाली स्टाम्प पेपर, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क, दो लैपटॉप जिसमें आपत्तिजनक डेटा है, आठ मोबाइल फोन और 1800 यूएस डॉलर बरामद किए गए हैं

आजमगढ़ के एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि, मोहम्मद शारिक को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस 23 जून को आजमगढ़ आई थी. दिल्ली पुलिस ने बिलरियागंज थाने की पुलिस की मदद मांगी. पुलिस की मदद से दिल्ली पुलिस मोहम्मद शारिक के घर गई लेकिन घर पर वह नहीं मिला. इसके बाद शारिक को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया.

एसपी ग्रामीण बताया कि दिल्ली पुलिस किडनी रैकेट के मामले में शारिक को गिरफ्तार करने आई थी. बताया कि शारिक दिल्ली में पैथोलॉजी संचालक है. दिल्ली के चर्चित अंतरराष्ट्रीय किडनी रैकेट में आजमगढ़ के मोहम्मद शारिक का नाम जुड़ने से जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म है .

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.