नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी उमर खालिद, खालिद सैफी, शरजील इमाम और अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई को टालते हुए अगले सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तारीख निर्धारित की है. यह सुनवाई जस्टिस नवीन चावला की अध्यक्षता में होगी.
कड़कड़डूमा कोर्ट ने खारिज की थी याचिका
उमर खालिद ने पहले भी जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिसमें 24 जुलाई को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया था. इससे पहले, 22 जुलाई को जस्टिस अमित शर्मा ने उमर खालिद की जमानत याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. गौरतलब है कि कड़कड़डूमा कोर्ट ने 28 मई को उमर खालिद की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था.
उमर खालिद के वकील ने कहा
सुनवाई के दौरान उमर खालिद के वकील त्रिदिप पेस ने अदालत में कहा कि दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में उमर खालिद के नाम का प्रयोग संदिग्ध और दुर्भावनापूर्ण तरीके से किया गया है. उन्होंने कहा कि बार-बार उमर खालिद के नाम का उल्लेख करने और झूठे तथ्यों को पेश करने से सच नहीं बदलेगा. पेस ने यह भी कहा कि उमर खालिद के खिलाफ मीडिया में एक तरह का ट्रायल चलाया गया है, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है.
पुलिस की ओर से पब्लिक प्रोसिक्यूटर का जवाब
पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने उत्तर दिया कि उमर खालिद की ओर से जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ये नहीं कहा जा सकता है कि जांच में कई गड़बड़ियां हैं. ये आरोप मुक्त करने की याचिका नहीं है. इस मामले में उमर खालिद की ओर से कहा गया था कि इस मामले के दूसरे आरोपियों के खिलाफ हमसे गंभीर आरोप हैं और वे जमानत पर हैं और उन्हें तो दिल्ली पुलिस ने आरोपी भी नहीं बनाया था.
उमर खालिद की ओर से पेश वकील त्रिदीप पेस ने कहा था कि जिन तथ्यों के आधार पर तीन आरोपियों को जमानत दी गई वही तथ्य उमर खालिद के साथ भी हैं. उन्होंने समानता के सिद्धांत की बात करते हुए उमर खालिद को जमानत देने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ कोई आतंकी कानून की धारा नहीं लगी है.
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उमर खालिद ने पहले सुप्रीम कोर्ट में अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी और अब ट्रायल कोर्ट में नई याचिका दायर करने की योजना बना रहे हैं. वे 2020 के दिल्ली दंगों की कथित बड़ी साजिश के मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए गए थे और फिलहाल जेल में हैं. उल्लेखनीय है कि इससे पहले 18 अक्टूबर 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी.
जमानत की इस चर्चित याचिका पर सुनवाई दिल्ली हिंसा मामले में कानूनी लड़ाई के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है, जिसमें विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे जुड़ते हैं. अब यह देखना होगा कि 25 नवंबर को होने वाली सुनवाई में क्या निर्णय लिया जाता है.
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