नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन की देखरेख करने वाले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित जानकारी देने को कहा था. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने यह आदेश दिया है.
याचिका केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के मुख्य सूचना अधिकारी ने दायर किया था. याचिका में केंद्रीय सूचना आयोग के 30 नवंबर 2022 के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें आयोग ने RTI के एक आवेदन पर सीबीडीटी को कहा था कि वो श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराएं. सीबीडीटी के यहां आरटीआई के तहत कैलाश चंद्र मूंदड़ा ने 16 फरवरी 2021 को आवेदन दिया था और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित जानकारी मांगी थी.
- यह भी पढ़ें- पूर्व महिला जज के साथ दुर्व्यहार के मामले में दिल्ली बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष राजीव खोसला बरी
कैलाश चंद्र मूंदड़ा ने अपने आरटीआई आवेदन में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को आयकर कानून की धारा 80जी के तहत मिलने वाले छूट के लिए दायर अर्जी में ट्रस्ट की ओर से दाखिल आवेदन की संलग्नकों के साथ प्रति की मांग की थी. मूंदड़ा की इस अर्जी को सीबीडीटी ने 5 अप्रैल 2021 को आरटीआई की धारा 8(1)(जे) के तहत देने से इनकार कर दिया. उसके बाद मूंदड़ा ने इस आदेश को अपीलीय प्राधिकार में चुनौती दी.
अपीलीय प्राधिकार ने 9 जून 2021 को मूंदड़ा की अपील खारिज कर दिया. उसके बाद मूंदड़ा ने केंद्रीय सूचना आयोग के यहां अर्जी दाखिल किया, जिसके बाद आयोग ने 30 नवंबर 2022 को सीबीडीटी को निर्देश दिया कि वो मूंदड़ा को सभी सूचनाएं उपलब्ध कराएं. आयोग के इसी आदेश को सीबीडीटी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.