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राज्य चुनाव आयोग से मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों पर नगर निगम चुनाव लड़ने पर कोई रोक नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट - no ban on political parties

Delhi high court: एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि एसईसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों पर नगर निगम चुनाव लड़ने पर कोई रोक नहीं.

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By PTI

Published : Apr 11, 2024, 4:52 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि संविधान के तहत उन राजनीतिक दलों पर नगर निगम चुनाव लड़ने पर कोई रोक नहीं है, जिन्हें राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने मान्यता दी है. कोर्ट ने कहा कि नगरपालिका चुनावों के लिए एसईसी द्वारा राजनीतिक दलों को चुनाव चिह्नों का आवंटन उचित है और यह मनमाना नहीं है.

अदालत ने उस याचिका को खारिज करते हुए इस आशय का आदेश पारित किया, जिसमें एसईसी को चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की सूची में राजनीतिक दलों के लिए आरक्षित प्रतीकों को डालने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी. याचिका में एसईसी को आरक्षित प्रतीकों के बिना दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का चुनाव कराने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी, जो कथित तौर पर संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) के तहत प्रदत्त याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की रीढ़ स्वयं लोग हैं, जो प्रत्यक्ष चुनाव के माध्यम से अपना प्रतिनिधि चुनते हैं. जब भारत का पहला आम चुनाव हुआ, तो मतदाताओं में बड़ी संख्या ऐसे लोगों की थी जो निरक्षर थे और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के नाम भी नहीं पढ़ सकते थे. इसलिए विभिन्न विकल्पों पर विचार करने के बाद चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए चुनाव चिह्नों के उपयोग की एक प्रणाली लागू की गई, ताकि मतदाताओं को अपनी पसंद के उम्मीदवार के पक्ष में अपने मताधिकार का प्रयोग करने में मदद मिल सके.

अदालत ने कहा कि एसईसी ने 2022 के प्रतीक आदेश में, चुनाव आयोग द्वारा पहले से ही मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य दलों को मान्यता प्रदान की और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को प्रतीक आवंटित करने का प्रावधान किया. हमारी राय है कि एसईसी द्वारा संविधान के अनुच्छेद 243 ZA, डीएमसी अधिनियम की धारा 7 और 2012 के नियमों के नियम 15 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया प्रतीक आदेश 2022 अधिकारातीत नहीं है.

यह भी पढ़ें-दिल्ली हाईकोर्ट ने डीडीए को यमुना के जलग्रहण क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने का दिया निर्देश, साथ ही कही यह बात

रिकॉर्ड के अनुसार, याचिकाकर्ता लोकेश कुमार, 2022 एमसीडी चुनाव में ग्रीन पार्क से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और असफल रहे. उन्होंने 2012 के एमसीडी नियमों के कुछ नियमों को चुनौती दी थी, जो एसईसी को नगरपालिका चुनावों के लिए राष्ट्रीय और राज्य पार्टियों को मान्यता देने और उनके चुनाव चिह्नों को अपनाने की शक्ति प्रदान करते हैं.

यह भी पढ़ें-भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित करने को चुनौती देने वाली याचिका पर खेल मंत्रालय को नोटिस जारी

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि संविधान के तहत उन राजनीतिक दलों पर नगर निगम चुनाव लड़ने पर कोई रोक नहीं है, जिन्हें राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने मान्यता दी है. कोर्ट ने कहा कि नगरपालिका चुनावों के लिए एसईसी द्वारा राजनीतिक दलों को चुनाव चिह्नों का आवंटन उचित है और यह मनमाना नहीं है.

अदालत ने उस याचिका को खारिज करते हुए इस आशय का आदेश पारित किया, जिसमें एसईसी को चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की सूची में राजनीतिक दलों के लिए आरक्षित प्रतीकों को डालने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी. याचिका में एसईसी को आरक्षित प्रतीकों के बिना दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का चुनाव कराने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी, जो कथित तौर पर संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) के तहत प्रदत्त याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की रीढ़ स्वयं लोग हैं, जो प्रत्यक्ष चुनाव के माध्यम से अपना प्रतिनिधि चुनते हैं. जब भारत का पहला आम चुनाव हुआ, तो मतदाताओं में बड़ी संख्या ऐसे लोगों की थी जो निरक्षर थे और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के नाम भी नहीं पढ़ सकते थे. इसलिए विभिन्न विकल्पों पर विचार करने के बाद चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए चुनाव चिह्नों के उपयोग की एक प्रणाली लागू की गई, ताकि मतदाताओं को अपनी पसंद के उम्मीदवार के पक्ष में अपने मताधिकार का प्रयोग करने में मदद मिल सके.

अदालत ने कहा कि एसईसी ने 2022 के प्रतीक आदेश में, चुनाव आयोग द्वारा पहले से ही मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य दलों को मान्यता प्रदान की और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को प्रतीक आवंटित करने का प्रावधान किया. हमारी राय है कि एसईसी द्वारा संविधान के अनुच्छेद 243 ZA, डीएमसी अधिनियम की धारा 7 और 2012 के नियमों के नियम 15 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया प्रतीक आदेश 2022 अधिकारातीत नहीं है.

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रिकॉर्ड के अनुसार, याचिकाकर्ता लोकेश कुमार, 2022 एमसीडी चुनाव में ग्रीन पार्क से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और असफल रहे. उन्होंने 2012 के एमसीडी नियमों के कुछ नियमों को चुनौती दी थी, जो एसईसी को नगरपालिका चुनावों के लिए राष्ट्रीय और राज्य पार्टियों को मान्यता देने और उनके चुनाव चिह्नों को अपनाने की शक्ति प्रदान करते हैं.

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