नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. सुनवाई के दौरान ईडी ने अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि खान को अगर अग्रिम जमानत दी गई तो वे जांच में सहयोग नहीं करेंगे.
ईडी ने कहा था कि अमानतुल्लाह खान ने आपराधिक गतिविधियों से काफी संपत्ति अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदी है. ईडी ने कहा था कि छापे के दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य ऐसे मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि वो मनी लांड्रिंग के अपराध में लिप्त हैं.
अमानतुल्लाह खान ने ट्रायल कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1 मार्च को अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. खान की ओर से पेश वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा था कि मनी लांड्रिंग मामले में ईडी की ओर से नोटिस जारी किया गया है. एक ही मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई है. सीबीआई ने 23 नवंबर 2026 को पहली एफआईआर दर्ज की थी.
आरोप है कि अमानतुल्लाह खान को दिल्ली वक्फ बोर्ड का चेयरमैन गलत तरीके से नियुक्त किया गया. सीबीआई ने इस मामले को ये कहते हुए बंद कर दिया ये प्रशासनिक गड़बड़ी है. गुरुस्वामी ने कहा कि ये निर्विवाद कानून है कि एक ही मामले के लिए दो एफआईआर दर्ज नहीं किए जा सकते हैं. उन्होंने कहा था कि दोनों ही मामलों में जमानत के आदेश में साफ कहा गया है कि राजकोष को कोई नुकसान नहीं हुआ.
ईडी के मुताबिक, ये मामला 13 करोड़ 40 लाख रुपए की जमीन की बिक्री से जुड़ा है. आप विधायक अमानतुल्लाह खान के अज्ञात स्रोतों से अर्जित संपत्ति से जमीनें खरीदी और बेची गई. आरोपी कौसर इमाम सिद्दीकी की डायरी में 8 करोड़ रुपए की एंट्री की गई है. जावेद इमाम को ये संपत्ति सेल डीड के जरिए मिली. जावेद इमाम ने ये संपत्ति 13 करोड़ 40 लाख में बेची. जीशान हैदर ने इसके लिए जावेद को नकद राशि दी.
इस मामले में पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई की ओर से दर्ज केस में आप विधायक अमानतुल्लाह खान समेत 11 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. सीबीआई ने इस मामले में 23 नवंबर 2016 को एफआईआर दर्ज किया था. जांच के बाद सीबीआई ने 21 अगस्त 2022 को चार्जशीट दाखिल किया था. सीबीआई के मुताबिक, दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी नियुक्तियों में गड़बड़ियां की गई.
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सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपियों के साथ साजिश रची, जिन्हें वक्फ बोर्ड में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. चार्जशीट के मुताबिक, इन नियुक्तियों में मनमानी की गई और अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया.
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