नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने 23 जून को दोबारा होने वाली नीट परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने की मांग करने वाली तीन अभ्यर्थियों की याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस मनोज जैन की वेकेशन बेंच ने कहा कि अभ्यर्थियों को मिले कम समय के बाद उन्हें अतिरिक्त समय दिया गया था. उनकी याचिका में कोई दम या तथ्य नहीं है. इसलिए उन्हें नीट की परीक्षा में दोबारा शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
चार याचिकाकर्ताओं में से तीन एक ही परीक्षा केंद्र के थे जबकि चौथे दूसरे परीक्षा केंद्र के. याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ताओं को 5 मई को हुई नीट की परीक्षा में निर्धारित समय से कम समय मिला. इसकी वजह ये थी कि उन्हें जो शुरु में प्रश्न पत्र का सेट मिला उसे परीक्षा के बीच में ही दूसरे सेट से बदल दिया गया. याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ताओं को प्रश्नपत्र का उत्तर देने के लिए न तो अतिरिक्त समय मिला और न ही ग्रेस मार्क्स. इसलिए उन्हें 23 जून को दोबारा होने वाली नीट की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाए.
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हाईकोर्ट में दाखिल ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों को जो दूसरा प्रश्नपत्र का सेट मिला उनके उत्तर देने के लिए उन्हें पर्याप्त अतिरिक्त समय दिया गया. ऐसे में उन्हें दोबारा परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. सुनवाई के दौरान एनटीए की ओर से कहा गया कि जिस परीक्षा केंद्र पर तीन याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा दी थी. वहां उन्हें पहले प्रश्नपत्र के सेट बांटने के पांच मिनट के अंदर ही दूसरा सेट उपलब्ध करा दिया गया था. इस परीक्षा केंद्र के सभी अभ्यर्थियों को उत्तर देने का पर्याप्त अतिरिक्त समय दिया गया था. एनटीए ने कहा कि चौथे याचिकाकर्ता को ग्रेस मार्क्स मिला था और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उसे 23 जून को दोबारा परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गई है.
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