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हिन्दू शरणार्थियों को शिविर खाली करने के नोटिस के खिलाफ याचिका, दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब - pakistani hindu refugees camp

दिल्ली के मजनू का टीला में पाक हिन्दू शरणार्थियों के शिविर को खाली करने के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मंगा है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 20, 2024, 7:15 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मजनू का टीला में पाक हिन्दू शरणार्थियों के शिविर को खाली करने के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को दो हफ्ते का समय दे दिया है. हाईकोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 24 अप्रैल को करेगा.

बता दें कि 13 मार्च को हाईकोर्ट ने डीडीए को निर्देश दिया था कि वो मजनू का टीला स्थि शरणार्थी शिविर में रहने वाले पाकिस्तान से आए करीब आठ सौ हिंदू शरणार्थियों के खिलाफ कोई निरोधात्मक कार्रवाई न करे. ये आदेश 24 अप्रैल यानि अगली सुनवाई तक जारी रहेगा. याचिका में कहा गया था कि 4 मार्च को डीडीए ने नोटिस जारी कर गई थी, जिसमें 6 मार्च तक शिविर खाली करने के लिए कहा गया था. याचिका में कहा गया है कि पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी कई वर्षों से मजनू का टीला में रह रहे हैं, उन्हें अधिकारियों द्वारा बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि एक तरफ तो सरकार पड़ोसी देशों के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता दे रही है, दूसरी तरफ दिल्ली के शरणार्थी शिविरों में रह रहे लोगों को हटाया जा रहा है. इसके पहले भी मजनू का टीला में रह रहे लोगों को बुनियादी सुविधाएं देने की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी जिसके बाद उन्हें सुविधाएं मिलनी शुरू हुई.

पहले की याचिका में चमेली सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा गया था कि आश्रय का अधिकार धारा 21 के तहत मौलिक अधिकार है. इस अधिकार के तहत बिजली का अधिकार भी शामिल है. पहले की याचिका में कहा गया था कि शरणार्थियों ने टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्युशन लिमिटेड से भी अपनी समस्या बताई थी और उन्हें अपना वीजा और आधार कार्ड दिखाया था. लेकिन उनके आवेदन को खारिज कर दिया गया था.

ये भी पढ़ें : कोर्ट में दिल्ली पुलिस बोली- CAA के विरोध प्रदर्शन के नाम पर शरजील इमाम ने हिंसा की साजिश रची

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मजनू का टीला में पाक हिन्दू शरणार्थियों के शिविर को खाली करने के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को दो हफ्ते का समय दे दिया है. हाईकोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 24 अप्रैल को करेगा.

बता दें कि 13 मार्च को हाईकोर्ट ने डीडीए को निर्देश दिया था कि वो मजनू का टीला स्थि शरणार्थी शिविर में रहने वाले पाकिस्तान से आए करीब आठ सौ हिंदू शरणार्थियों के खिलाफ कोई निरोधात्मक कार्रवाई न करे. ये आदेश 24 अप्रैल यानि अगली सुनवाई तक जारी रहेगा. याचिका में कहा गया था कि 4 मार्च को डीडीए ने नोटिस जारी कर गई थी, जिसमें 6 मार्च तक शिविर खाली करने के लिए कहा गया था. याचिका में कहा गया है कि पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी कई वर्षों से मजनू का टीला में रह रहे हैं, उन्हें अधिकारियों द्वारा बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि एक तरफ तो सरकार पड़ोसी देशों के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता दे रही है, दूसरी तरफ दिल्ली के शरणार्थी शिविरों में रह रहे लोगों को हटाया जा रहा है. इसके पहले भी मजनू का टीला में रह रहे लोगों को बुनियादी सुविधाएं देने की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी जिसके बाद उन्हें सुविधाएं मिलनी शुरू हुई.

पहले की याचिका में चमेली सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा गया था कि आश्रय का अधिकार धारा 21 के तहत मौलिक अधिकार है. इस अधिकार के तहत बिजली का अधिकार भी शामिल है. पहले की याचिका में कहा गया था कि शरणार्थियों ने टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्युशन लिमिटेड से भी अपनी समस्या बताई थी और उन्हें अपना वीजा और आधार कार्ड दिखाया था. लेकिन उनके आवेदन को खारिज कर दिया गया था.

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