नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी और एक नाबालिग लड़की के प्रेमी को जमानत दे दी है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने जमानत देते हुए कहा कि लड़कियों से प्यार कर रहे लड़कों के खिलाफ कानून का गलत उपयोग किया जाता है जो यौवन की दहलीज पर पहुंच चुके होते हैं. हाईकोर्ट ने आरोपी लड़के को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.
हाईकोर्ट ने कहा कि माता-पिता अपनी बेटियों के लड़कों के साथ संबंधों को पसंद नहीं करते हैं. उनकी ओर से दायर याचिकाओं की वजह से लड़कों को जेलों में रहना होता है. इस मामले में लड़की की उम्र अपराध के समय 16 साल की थी वहीं लड़का बालिग था. उसके पर लड़की का अपहरण कर उसके साथ रेप करने का आरोप है. लड़की के माता-पिता की ओर से नवंबर 2021 में शिकायत की गई थी कि उनकी बेटी याचिकाकर्ता के साथ रह रही थी.
ये भी पढ़ें: तय समय पर ही होगा MCD जोनल और स्थायी कमेटी का चुनाव, हाईकोर्ट ने चुनाव टालने की याचिका खारिज की
पुलिस ने अपहरण और पॉक्सो की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया था. लड़की ने मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए अपने बयान में कहा था कि वह अपनी इच्छा से लड़के के यहां गई थी. इसके लिए लड़के ने कोई दबाव नहीं बनाया था.
हाईकोर्ट ने कहा कि 18 से कम उम्र की लड़कियों और 20 से ज्यादा उम्र के लड़कों के बीच सहमति से बने यौन संबंधों के मामले कानून का कमजोर पक्ष है. क्योंकि कानून की नजर में लड़की की सहमति को वैध सहमति नहीं मानी जाती है. हाईकोर्ट ने पाया कि अक्सर ये देखा गया है कि पॉक्सो के मामले लड़की के परिवार वालों की ओर से दर्ज कराए जाते हैं जो लड़की के प्रेम संबंधों को स्वीकार नहीं करते हैं.
हाईकोर्ट ने कहा कि वे इस सवाल में नहीं पड़ना चाहती है कि याचिकाकर्ता लड़के ने अपराध किया है या नहीं? हाईकोर्ट की चिंता बस इस बात की है कि याचिकाकर्ता करीब तीन सालों से हिरासत में है. हाईकोर्ट ने पाया कि इस मामले में लड़की के अलावा सभी सार्वजनिक गवाहों का परीक्षण हो चुका है.
ये भी पढ़ें: नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज "IC814-द कंधार हाईजैक” पर रोक लगाने की मांग