नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने वन विभाग को निर्देश दिया है कि वो सेंट्रल रिज इलाके में पेड़ों की कटाई रोकना सुनिश्चित करें. जस्टिस मिनी पुष्कर्णा की अध्यक्षता वाली बेंच ने वन विभाग को निर्देश दिया कि वो सेंट्रल रिज इलाके में कोई कचरा न डालें और पहले से जमा कचरे को तुरंत हटाएं. हाईकोर्ट ने ये आदेश अंजलि कॉलेज ऑफ फार्मेसी की याचिका पर दिया है. कॉलेज की ओर से इसके चेयरमैन देवेंद्र गुप्ता ने अवमानना याचिका दायर की है.
याचिका में कहा गया था कि कोर्ट के आदेश के बावजूद सेंट्रल रिज इलाके के पेड़ काटे जा रहे हैं और वहां कचरा डंप किया जा रहा है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में फोटोग्राफ दाखिल किए गए थे, जिसके मुताबिक सेंट्रल रिज इलाके में बड़ी मात्रा में कचरा डंप किया गया पेड़ों को काटा गया. इस दौरान झाड़ियों को भी नहीं छोड़ा गया. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए पेड़ों को काटना कतई उचित नहीं है.
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कोर्ट ने पश्चिमी दिल्ली के उप वन संरक्षक को निर्देश दिया कि वो सुनवाई की अगली तिथि को कोर्ट में उपस्थित होकर ये बताएं कि, इतनी बड़ी संख्या में पेड़ काटे कैसे गए. सुनवाई के दौरान कोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी ने कोर्ट को बताया कि अगस्त 2023 में वन विभाग ने ये आश्वासन दिया था कि वो पर्याप्त स्टाफ नियुक्त करेगा, ताकि मॉनिटरिंग की जा सके और सेंट्रल रिज इलाके में कोई कचरा डंप न किया जा सके. वन विभाग ने ये भी आश्वासन दिया था कि बिना कोर्ट की अनुमति के सेंट्रल रिज इलाके में कोई पेड़ काटे नहीं जाएंगे. एमिकस क्यूरी ने कहा कि वन विभाग की ओर से कोर्ट को आश्वासन देने के बावजूद सेंट्रल रिज इलाके में पेड़ों को बड़े पैमाने पर काटा गया.
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