नई दिल्ली: गाजीपुर में नाले में गिरकर हुई मां और बच्चे की मौत मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए नगर निगम को फटकार लगाई है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने एमसीडी से कहा कि ऐसा लगता है आपके अधिकारी काम करने को गुनाह मानते हैं. अगर आप खुद दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे तो हम अधिकारियों को निलंबित करना शुरू कर देंगे.
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान खुले नाले के आसपास तुरंत बैरिकेडिंग करने के निर्देश दिए. इसके साथ वहां पर पड़े मलबे को भी हटाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने जांच अधिकारी से रिपोर्ट तलब करते हुए पूछा कि घटनास्थल की ऑडियो वीडियोग्राफी की गई या नहीं. कोर्ट ने नाले की तस्वीर देखने के बाद कहा कि यह बहुत परेशान करने वाली तस्वीरें हैं. चिकनगुनिया, डेंगू जैसे बीमारियां भी शहर में हैं और नालों का यह हाल है. क्या नगर निगम काम कर रही है.
कोर्ट ने कहा कि वहां पर साल भर से मलबा पड़ा है. दिल्ली में इतने खुले नाले क्यों हैं? किसी प्राधिकार को यह क्यों नहीं पता है कि वह किसके अधिकार क्षेत्र में आता है? हाईकोर्ट ने कहा कि मानसून चल रहा है. अभी भी तेज बारिश हो सकती है. इस तरह की घटना दोबारा भी हो सकती है.
ज़िम्मेदार अधिकारी के खिलाफ तुरंत लें एक्शन: सुनवाई के दौरान दिल्ली नगर निगम ने कहा कि जो नाला कवर है वह डीडीए के अंदर था और जो खुले थे उसको नगर निगम कवर करने का काम कर रही है. वहां पर रेगुलर बेस पर सफाई होती है. तब हाईकोर्ट ने निगम के वकील को टोकते हुए कहा कि ऐसा मत बोलिए, क्योंकि वहां पर मलबा साल भर से पड़ा हुआ है. वहा रेगुलर बेस पर सफाई नहीं होती है. लोकल कमिश्नर को वहां पर भेजिए, इसके लिए ज़िम्मेदार अधिकारी के खिलाफ तुरंत एक्शन लीजिए.
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यह है पूरा मामला: गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी में 22 वर्षीय महिला तनुजा और उसका तीन साल का बेटा 31 जुलाई को गाजीपुर से गुजर रहे थे. काफी बारिश की वजह से गाजीपुर नाले से पानी ओवरफ्लो हो रहा था. महिला अपने बच्चे के साथ नाले में गिर पड़ी और दोनों की मौत हो गई.