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केंद्र सरकार के बजट से दिल्ली को ढेरों उम्मीदें, केंद्रीय करों में से 10 हज़ार करोड़ की मांग - Delhi expectations from Budget

संसद में मंगलवार को पेश किए जाने वाले बजट को लेकर दिल्ली के लोगों को बड़ी उम्मीदे हैं. हाल में में दिल्ली सरकार की तरफ से एमसीडी के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपये की मांग की गई है.

केंद्रीय बजट से दिल्ली को उम्मीदें
केंद्रीय बजट से दिल्ली को उम्मीदें (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 22, 2024, 4:32 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की तरफ से मंगलवार को संसद में पेश किए जाने वाले बजट से दिल्ली सरकार और आम लोगों को काफी अपेक्षाएं हैं. लोगों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार की दिल्ली से जुड़ी महत्वाकांक्षी योजनाओं पर बजट के चलते किसी तरह की कोई अड़चन नहीं आएगी. वहीं दिल्ली के नौकरीपेशा लोग भी आयकर छूट सीमा बढ़ाए जाने और इनकम टैक्स स्लैब में परिवर्तन किए जाने की आस लगाए बैठे हैं.

अभी तक केंद्र सरकार द्वारा पेश बजट को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार की प्रतिक्रिया यही रही है कि उन्हें निराशा हाथ लगी है. दो दिन पहले ही दिल्ली सरकार में वित्त मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा था कि दिल्ली वाले 2 लाख करोड़ रुपये इनकम टैक्स देते हैं. लेकिन बजट में दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार सिर्फ औपचारिकता पूरा करने के लिए पैसे देती है. इस बार दिल्ली सरकार ने केंद्रीय करों में से 10 हज़ार करोड़ रुपये देने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: निर्मला सीतारमण बनेंगी सबसे ज्यादा बजट पेश करने वाली वित्त मंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री का तोड़ेंगी रिकॉर्ड

दिल्ली को जोड़ने वाली एक्सप्रेसवे और पेरीफेरल निर्माण अंतिम चरण में है. उसके लिए पर्याप्त फंड को लेकर दिल्लीवासी और आप सरकार उम्मीद लगाए बैठी है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरीफेरल बन जाने से अन्य राज्यों से आने वाली गाड़ियां बिना दिल्ली में प्रवेश किए ही गंतव्य की ओर चली जाएंगी और इससे दिल्ली में ट्रैफिक जाम की समस्या नहीं होगी.

दिल्ली एम्स और राम मनोहर लोहिया जैसे मेडिकल इंस्टिट्यूट के लिए भी केंद्र सरकार बजट देती है. इस बार भी वे पर्याप्त बजट की आस लगाए हुए हैं. यहां इलाज कराने वालों में अच्छी खासी संख्या दिल्ली के लोगों की होती है. दिल्ली सरकार ये भी उम्मीद लगाए रखती है कि इन अस्पतालों के अलावा सफदरजंग, लेडी हार्डिंग, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वेद जैसे केंद्रीय मेडिकल संस्थानों के लिए पर्याप्त बजट मिले.

ये भी पढ़ें: आम बजट 2024: डिफेंस सेक्टर में 7 से 9 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद

दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस व अन्य केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के जिम्मे है. दिल्ली सरकार को इस मद में एक भी रुपया खर्च नहीं करना होता है. इसलिए केंद्र सरकार की बजट से दिल्ली सरकार आस लगाए रहती है कि दिल्ली पुलिस को पर्याप्त बजट मिले. फरवरी में केंद्र सरकार द्वारा पेश अंतरिम बजट में दिल्ली पुलिस को 11397 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे. जो गत वर्ष के मुकाबले 534 करोड़ कम था.

दिल्ली पुलिस पर दिल्ली के कानून व्यवस्था को बनाए रखने के अलावा ट्रैफिक मैनेजमेंट की भी जिम्मेदारी होती है. पर्याप्त रकम मिलने पर ही दिल्ली पुलिस और हाईटेक हो पाएगी. ट्रैफिक नेटवर्क बेहतर हो सकेगा, कम्युनिकेशन नेटवर्क को अपग्रेड किया जा सकता है.

दिल्ली में रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास और विस्तार के लिए भी बजट का प्रावधान किया जाता है. आने वाले समय दिल्ली से अलवर के बीच 104 किलोमीटर की नई रेल लाइन के अलावा दिल्ली से सहारनपुर बाईपास के बीच 175 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक बिछाया जाना है. इसके अलावा नई दिल्ली से तिलक ब्रिज के बीच दो नई लाइन बिछाने की योजना प्रस्तावित है. दिल्ली सब्जी मंडी और नई दिल्ली के बीच अतिरिक्त लाइन बिछाने की भी योजना है. इसलिए इन सब योजनाओं के लिए केंद्रीय बजट में पर्याप्त फंड होने पर ही समय पर काम संभव हो सकेगा. तभी दिल्ली वालों को भी इसका लाभ मिलेगा, यह उम्मीद जनता लगाए बैठी है.

ये भी पढ़ें: मंत्री आतिशी ने केंद्र सरकार से बजट में एमसीडी के लिए मांगे 10 हजार करोड़, कहा- नगर निकाय को नहीं मिलता उसका हिस्सा

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की तरफ से मंगलवार को संसद में पेश किए जाने वाले बजट से दिल्ली सरकार और आम लोगों को काफी अपेक्षाएं हैं. लोगों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार की दिल्ली से जुड़ी महत्वाकांक्षी योजनाओं पर बजट के चलते किसी तरह की कोई अड़चन नहीं आएगी. वहीं दिल्ली के नौकरीपेशा लोग भी आयकर छूट सीमा बढ़ाए जाने और इनकम टैक्स स्लैब में परिवर्तन किए जाने की आस लगाए बैठे हैं.

अभी तक केंद्र सरकार द्वारा पेश बजट को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार की प्रतिक्रिया यही रही है कि उन्हें निराशा हाथ लगी है. दो दिन पहले ही दिल्ली सरकार में वित्त मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा था कि दिल्ली वाले 2 लाख करोड़ रुपये इनकम टैक्स देते हैं. लेकिन बजट में दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार सिर्फ औपचारिकता पूरा करने के लिए पैसे देती है. इस बार दिल्ली सरकार ने केंद्रीय करों में से 10 हज़ार करोड़ रुपये देने की मांग की है.

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दिल्ली को जोड़ने वाली एक्सप्रेसवे और पेरीफेरल निर्माण अंतिम चरण में है. उसके लिए पर्याप्त फंड को लेकर दिल्लीवासी और आप सरकार उम्मीद लगाए बैठी है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरीफेरल बन जाने से अन्य राज्यों से आने वाली गाड़ियां बिना दिल्ली में प्रवेश किए ही गंतव्य की ओर चली जाएंगी और इससे दिल्ली में ट्रैफिक जाम की समस्या नहीं होगी.

दिल्ली एम्स और राम मनोहर लोहिया जैसे मेडिकल इंस्टिट्यूट के लिए भी केंद्र सरकार बजट देती है. इस बार भी वे पर्याप्त बजट की आस लगाए हुए हैं. यहां इलाज कराने वालों में अच्छी खासी संख्या दिल्ली के लोगों की होती है. दिल्ली सरकार ये भी उम्मीद लगाए रखती है कि इन अस्पतालों के अलावा सफदरजंग, लेडी हार्डिंग, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वेद जैसे केंद्रीय मेडिकल संस्थानों के लिए पर्याप्त बजट मिले.

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दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस व अन्य केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के जिम्मे है. दिल्ली सरकार को इस मद में एक भी रुपया खर्च नहीं करना होता है. इसलिए केंद्र सरकार की बजट से दिल्ली सरकार आस लगाए रहती है कि दिल्ली पुलिस को पर्याप्त बजट मिले. फरवरी में केंद्र सरकार द्वारा पेश अंतरिम बजट में दिल्ली पुलिस को 11397 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे. जो गत वर्ष के मुकाबले 534 करोड़ कम था.

दिल्ली पुलिस पर दिल्ली के कानून व्यवस्था को बनाए रखने के अलावा ट्रैफिक मैनेजमेंट की भी जिम्मेदारी होती है. पर्याप्त रकम मिलने पर ही दिल्ली पुलिस और हाईटेक हो पाएगी. ट्रैफिक नेटवर्क बेहतर हो सकेगा, कम्युनिकेशन नेटवर्क को अपग्रेड किया जा सकता है.

दिल्ली में रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास और विस्तार के लिए भी बजट का प्रावधान किया जाता है. आने वाले समय दिल्ली से अलवर के बीच 104 किलोमीटर की नई रेल लाइन के अलावा दिल्ली से सहारनपुर बाईपास के बीच 175 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक बिछाया जाना है. इसके अलावा नई दिल्ली से तिलक ब्रिज के बीच दो नई लाइन बिछाने की योजना प्रस्तावित है. दिल्ली सब्जी मंडी और नई दिल्ली के बीच अतिरिक्त लाइन बिछाने की भी योजना है. इसलिए इन सब योजनाओं के लिए केंद्रीय बजट में पर्याप्त फंड होने पर ही समय पर काम संभव हो सकेगा. तभी दिल्ली वालों को भी इसका लाभ मिलेगा, यह उम्मीद जनता लगाए बैठी है.

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