नई दिल्ली: दिल्ली में अगले होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी सरकार की नजर एक बार फिर अनधिकृत कॉलोनियों के वोट बैंक की तरफ टिक गई है. सरकार ने अब इन कालोनियों में अगले छह माह के भीतर बड़े विकास कार्य की योजना बनाई है, जिसमें 400 करोड़ रुपए का फंड खर्च किया जाएगा. अनधिकृत कॉलोनी में होने वाले इन सभी विकास कार्यों को सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से कराया जाएगा.
दरअसल दिल्ली में करीब 1731 अनधिकृत कॉलोनियां हैं, जिनको चरणबद्ध तरीके से नियमित करने की कवायद की जा रही है. हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी एक चुनावी सभा के दौरान यह घोषणा की थी कि 1731 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का काम मोदी सरकार की ओर से शुरू कर दिया गया है. इन सभी कॉलोनियों को 2026 तक केंद्र सरकार नियमित कर देगी. इन कॉलोनियों के नियमित होने के बाद करीब 60 लाख लोगों को फायदा होगा.
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उधर अब दिल्ली सरकार भी इन अनधिकृत कालोनियों को लेकर गंभीर हो गई है. केजरीवाल सरकार की इन कालोनियों पर पैनी नजर है. सरकार ने इन अनधिकृत कालोनियों में विकास के कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम करने की योजना तैयार की है. दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग की ओर से इन कॉलोनियों का विकास करने के लिए 400 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग इन कॉलोनियों में नालों से जुड़े प्रोजेक्ट से लेकर सड़क निर्माण, जलभराव से निजात दिलाने और दूसरे कार्य करेगा. साथ ही शहरी विकास विभाग की ओर से फ्लड कंट्रोल विभाग को यह भी सख्त हिदायत दी गई है कि वह सभी कार्यों को पूरी पारदर्शिता के साथ निपटाए. वहीं प्रोजेक्ट से जुड़े खर्च का पूरा ब्यौरा, दिए गए निर्देशों के अनुपालन के तहत ही दिया जाए.
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सूत्र बताते हैं कि शहरी विकास विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉ. मनीष गुप्ता की ओर इस संबंध में एक पत्र सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण के प्रमुख को भेजा गया है. इसके बाद अब साफ हो गया है कि दिल्ली सरकार जल्द से जल्द अनधिकृत कॉलोनीयों में विकास कार्य शुरू करना चाहती है, जिससे कि आने वाले चुनाव में उसे बड़ा फायदा मिल सके.
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गौर करने वाली बात यह है कि दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में दिल्ली नगर निगम के फंड से विकास कार्य नहीं कराए जा सकते हैं. इन कालोनियों में एमएलए लोकल एरिया विकास (MLALAD) और सांसद निधि को ही खर्च किया जा सकता है. अब सरकार सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के जरिए इन कालोनियों की दशा को सुधारने के प्रयास में है. दरअसल, दिल्ली सरकार का शहरी विकास विभाग, इस तरह के विकास कार्यों के मामले में कंट्रोलिंग एजेंसी के रूप में जिम्मेदारी निभाता है.
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