ETV Bharat / state

दिल्ली सरकार ने केंद्र को मंजूरी के लिए दिल्ली हेल्थ बिल भेजा - Delhi Health Bill

दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि स्वास्थ्य मंत्री और विभाग के सचिव दिल्ली हेल्थ बिल को मंजूरी के लिए भारत सरकार को भेजने पर सहमत हुए हैं. इस बीच, दिल्ली में केंद्र सरकार का कानून लागू किया जाएगा.

दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 4, 2024, 10:17 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने दिल्ली हेल्थ बिल पर स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजा है. दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को ये सूचना दी. दिल्ली सरकार ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार दिल्ली हेल्थ बिल को मंजूरी नहीं देती, तब तक केंद्र सरकार का कानून दिल्ली में लागू किया जाएगा.

कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार की इस दलील पर खुशी जताते हुए याचिका का निस्तारण कर दिया. इसके पहले की सुनवाई में हाईकोर्ट ने दिल्ली हेल्थ बिल 2022 के पूरा नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव को तलब किया था.

हाईकोर्ट ने 30 मई 2022 को दिल्ली सरकार से कहा था कि अगर दिल्ली हेल्थ बिल 2022 को लाने में समय लग रहा है तो वो क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट 2010 को लागू करने के बारे में सोचे. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा था कि वो दिल्ली हेल्थ बिल 2022 के पूरा होने का इंतजार कर रही है और तब तक उसने सभी पैथोलॉजिकल लैब्स से कहा कि वे अपने काम में एकरुपता लाएं.

हाईकोर्ट में दिल्ली में अनाधिकृत पैथोलॉजिकल लैब का संचालन अयोग्य तकनीशियनों द्वारा करने के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. याचिका बिजॉन कुमार मिश्रा ने दायर किया था. याचिकाकर्ता की ओर से वकील शशांक सुधी देव ने कहा ता कि दिल्ली के पैथोलॉजिकल लैब सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं. दिल्ली में बहुत सारे पैथोलॉजिकल लेबोरेटरी बिना रजिस्ट्रेशन या संबद्धता के चल रहे हैं.

इसकी वजह से फर्जी और गलत रिपोर्ट जारी होते हैं और इसका खामियाजा आखिरकार मरीजों को भुगतना पड़ता है. याचिका में ये कहा गया था कि दिल्ली सरकार जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा था कि कोरोना के टेस्ट एनएबीएल या आईसीएमआर से मान्यता प्राप्त लैब ही कर सकते हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने दिल्ली हेल्थ बिल पर स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजा है. दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को ये सूचना दी. दिल्ली सरकार ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार दिल्ली हेल्थ बिल को मंजूरी नहीं देती, तब तक केंद्र सरकार का कानून दिल्ली में लागू किया जाएगा.

कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार की इस दलील पर खुशी जताते हुए याचिका का निस्तारण कर दिया. इसके पहले की सुनवाई में हाईकोर्ट ने दिल्ली हेल्थ बिल 2022 के पूरा नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव को तलब किया था.

हाईकोर्ट ने 30 मई 2022 को दिल्ली सरकार से कहा था कि अगर दिल्ली हेल्थ बिल 2022 को लाने में समय लग रहा है तो वो क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट 2010 को लागू करने के बारे में सोचे. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा था कि वो दिल्ली हेल्थ बिल 2022 के पूरा होने का इंतजार कर रही है और तब तक उसने सभी पैथोलॉजिकल लैब्स से कहा कि वे अपने काम में एकरुपता लाएं.

हाईकोर्ट में दिल्ली में अनाधिकृत पैथोलॉजिकल लैब का संचालन अयोग्य तकनीशियनों द्वारा करने के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. याचिका बिजॉन कुमार मिश्रा ने दायर किया था. याचिकाकर्ता की ओर से वकील शशांक सुधी देव ने कहा ता कि दिल्ली के पैथोलॉजिकल लैब सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं. दिल्ली में बहुत सारे पैथोलॉजिकल लेबोरेटरी बिना रजिस्ट्रेशन या संबद्धता के चल रहे हैं.

इसकी वजह से फर्जी और गलत रिपोर्ट जारी होते हैं और इसका खामियाजा आखिरकार मरीजों को भुगतना पड़ता है. याचिका में ये कहा गया था कि दिल्ली सरकार जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा था कि कोरोना के टेस्ट एनएबीएल या आईसीएमआर से मान्यता प्राप्त लैब ही कर सकते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.