नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बुधवार को असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने मंहगाई भत्ता बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिसकी वजह से मासिक वेतन बढ़ जाएगा. करीब साढ़े पांच सौ से सात सौ रुपए तक की बढ़ोत्तरी की गई है. इससे पहले अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार ने शहरी मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी लागू की, जो देश में "सर्वोच्च" थी.
इसके तहत अकुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 18,066 रुपये, अर्ध-कुशल के लिए 19,929 रुपये और कुशल श्रमिकों के लिए 21,917 रुपये की घोषणा की गई है. उन्होंने कहा कि AAP की सरकार लगातार गरीबों के हित में काम करती आ रही है. इसी कड़ी में दिल्ली में काम करने वाले श्रमिकों को राहत देने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है.
महंगाई भत्ता बढ़ाने के बाद इतना मिलेगा वेतन
नया वेतन | वर्तमान का वेतन | |
अकुशल मजदूर | 18,066 | 17,494 |
अर्धकुशल श्रमिक | 19,929 | 19,279 |
कुशल श्रमिक | 21,917 | 21,215 |
त्यौहारों से पहले दिल्ली सरकार की श्रमिकों को सौगात; एक बार फिर बढ़ाया न्यूनतम वेतन। LIVE https://t.co/RdQVKXFvl1
— AAP (@AamAadmiParty) September 25, 2024
भाजपा को बताया गरीबी विरोधीः CM ने भाजपा पर "गरीब विरोधी" होने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि भाजपा शासित राज्यों में न्यूनतम मजदूरी शायद दिल्ली में दी जा रही मजदूरी की आधी है. भाजपा ने किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए बॉर्डर पर इतनी पुलिस फोर्स लगा दी थी, जितनी कि पाकिस्तान बॉर्डर पर नहीं है. किसानों को खालिस्तानी और आतंकवादी तक कहा गया था. यदि भारतीय जनता पार्टी पाकिस्तान के बॉर्डर पर इतनी शिद्दत से काम करती तो ज्यादा बेहतर होता. केजरीवाल सरकार ने न केवल अदालत के माध्यम से न्यूनतम वेतन लागू किया, बल्कि भाजपा के अवरोध के बावजूद हर साल दो बार इसमें संशोधन भी सुनिश्चित किया.
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