नई दिल्लीः दिल्ली सरकार के 10वें बजट में वित्त मंत्री आतिशी ने इस साल शिक्षा के लिए 16 हजार 396 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया है. अपने बजट भाषण में आतिशी ने शिक्षा को लेकर कहा कि केजरीवाल सरकार लगातार अपने बजट का सबसे बड़ा हिस्सा शिक्षा को देती आई है. इस साल भी बजट का सबसे बड़ा हिस्सा शिक्षा को आवंटित किया जा रहा है.
आतिशी ने कहा कि चीफ मिनिस्टर सुपर टैलेंटेड कोचिंग स्कीम सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए जेईई (मेन/एडवांस) एवं नीट परीक्षाओं की तैयारी में मदद करती है. इसके तहत 600 विद्यार्थियों को वर्ष 2023-24 में छात्रवत्ति के लिए चुना गया है. खेल भी पढ़ाई जितना महत्वपूर्ण है. दिल्ली में खिलाड़ियों को बेहतर स्पोर्ट्स सुविधाएं मिल सकें. इसलिए इस वित्त वर्ष में हमने स्पोर्ट्स के क्षेत्र में भी बजट का प्रावधान किया है.
इसके अलावा दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले विश्वविद्यालयों को भी बजट में अलग से धन आवंटित किया है. उच्च शिक्षा केविद्यार्थियों में एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए केजरीवाल सरकार अपने विश्वविद्यालयों और आईटीआई में बिजनेस ब्लास्टर्स सीनियर के नाम से एक नई पहल शुरू करने जा रही है. इस योजना के लिए भी वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रावधान किया गया है.
वित्त एवं शिक्षा मंत्री आतिशी ने आगे कहा कि जिस प्रकार संविधान के 72वें और 73वें संशोधन ने पंचायतों और लोकल बॉडी के माध्यम से निर्णय लेने की शक्ति को लोगों के करीब पहुंचा दिया. ठीक उसी तरह शिक्षा का अधिकार अधिनियम ने स्कूल मैनेजमेंट कमिटी (एसएमसी) के द्वारा स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के पेरेंट्स के हाथों में स्कूल से जड़े निर्णय लेने की शक्ति दी है. स्कूल को छोटे कामों के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने या अधिकारियों के सामने हाथ फ़ैलाने न पड़े इसलिए इस साल सरकार ने दिल्ली शिक्षा क्रांति के स्तंभ एसएमसी के लिए बजट का प्रावधान किया है.
वित्त मंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में हुए काम का किया गुणगान: आतिशी ने बताया कि हमारी सरकार ने शिक्षा के बजट को भी कई गुना बढ़ाया है. 22 हजार सात सौ 11 क्लासरूम भी बनाए हैं. जहां स्कूलों की सीढ़ियां टूटी होती थीं. वहां, आज लिफ्ट लगी है. टीन और टप्पर में चलने वाले दिल्ली के सरकारी स्कूलों से आज टैलेंट निकल रहा है. आतिशी ने कहा कि वर्ष 2014-15 में शिक्षा के लिए 6500 करोड़ का बजट था. आज हमारी सरकार ने 2024-25 में शिक्षा पर 16,396 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. पहले बच्चों के अभिभावकों को स्कूलों में नहीं घुसने दिया जाता है. आज सरकारी स्कूलों में मेगा पीटीएम होता है. सम्मान के साथ बच्चों के माता-पिता स्कूल पहुंचते हैं.
आतिशी ने कहा कि हमारी सरकार ने विश्वस्तरीय शिक्षा देने के लिए तमाम सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और प्रधानाचार्य को कैंब्रिज, हांगकांग और आईआईएम अहमदाबाद में प्रशिक्षण दिला चुके हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि जब तक हम अपने शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण नहीं दिला देते तब तक ये लोग बच्चों को विश्वस्तरीय शिक्षा कैसे देंगे. सरकार ने बड़ी संख्या में 324 प्रधानाचार्यों की नियुक्ति यूपीएससी के जरिए की. जबकि 389 उप प्रधानाचार्यों को प्रमोट करके प्रधानाचार्य बनाया गया है. बिना प्राधानाचार्य के चलने वाले दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आज प्रधानाचार्यों की नियुक्तियां हुई हैं. अभी शिक्षकों की नियुक्ति की भी प्रक्रिया चल रही है.
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