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मंत्री आतिशी ने विकास के लिए मांगे 10 हजार करोड़, कहा- दिल्लीवाले 2 लाख करोड़ इनकम टैक्स देते हैं, केंद्र सरकार कर रही अन्याय - Delhi demanded 10 thousand crore

Delhi demanded 10 thousand crore FOR BUDGET : दिल्ली सरकार ने इस बार केेंद्र सरकार से इस बजट के लिए 10 हजार करोड़ रुपये देने की मांग की है, जिससे दिल्ली में विकास कार्यों को कराया जा सके. दिल्ली सरकार ने केंद्र पर आरोप लगाया है कि दिल्ली से 25 हजार करोड़ सेंटर को जीएसटी और 2 लाख करोड़ रुपये इनकम टैक्स मिल रहा है. फिर भी केंद्र सरकार दिल्ली को आर्थिक सहयोग के नाम पर एक रुपए भी नहीं दे रही है.

दिल्ली सरकार ने बजट में केंद्र से मांगे 10 हजार करोड़ रूपय
दिल्ली सरकार ने बजट में केंद्र से मांगे 10 हजार करोड़ रूपय (ETV BHARAT REPORTER)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 19, 2024, 1:41 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार में वित्त मंत्री आतिशी ने केंद्र सरकार से इस बार के बजट में 10 हजार करोड़ रुपये देने की मांग की है, जिससे दिल्ली में विकास कार्यों को रफ्तार दी जा सके. दिल्ली के लोग 2 लाख करोड़ रुपये इनकम टैक्स देते हैं. 25 हजार करोड़ सेंटर को जीएसटी देते हैं. आरोप है कि केंद्र सरकार से बजट में दिल्ली को 1 रुपये भी नहीं मिलता है. यह दिल्ली के साथ अन्याय है.

दिल्लीवासी केंद्र सरकार को 2 लाख करोड़ रुपये इनकम टैक्स देते हैं. 25 हजार करोड़ सेंट्रल जीएसटी देते हैं. लेकिन दिल्ली को केंद्र सरकार से बजट में 1 रूपय भी नहीं मिलता है. इस बार के बजट में केंद्र सरकार से दिल्ली वालों के लिए मांगा जा रहा है. दिल्ली वालों को उनका हक मिलना चाहिए. जब दिल्ली के लोग इमानदारी से टैक्स का पैसा जमा करते हैं तो हमें हमारे टैक्स का पैसा हमारे शहर के विकास के लिए क्यों नहीं मिलता. अगर दिल्ली को दिल्ली के हक का पैसा मिलेगा तो विकास कार्यों को रफ्तार मिलेगी. दिल्ली वाले भीख नहीं मांग रहे हैं वे अपना हक मांग रहे हैं.

दिल्ली के साथ भेदभाव का आरोप : उन्होंने कहा, 'हम ये भी नही कह रहे हैं कि सारा पैसा हमे दे दो. हमें पता है कि दिल्ली जैसे बड़े शहर पूरे देश के इकोनामिक डेवलपमेंट में सहयोग करते हैं. देश में ऐसे राज्य जो दिल्ली की तरह विकसित नहीं है. उन इलाकों में पैसा जाना चाहिए. लेकिन ये कैसा न्याय है कि दिल्ली के लोग 2 लाख करोड़ टैक्स दें 25 हजार करोड़ सेंटर को जीएसटी दें लेकिन दिल्ली वालों को उसमें से 1 रुपया भी न मिले. दुनिया के किसी भी देश मे ऐसा नहीं होता है. दिल्ली के साथ जो अन्याय हो रहा है. ऐसा अन्याय किसी भी राज्य के साथ नहीं होता है. ये अन्याय भारत के साथ होता था जब अंग्रेजों का राज था.'

ये भी पढ़ें : दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों में रुकी है 1098 पदों की भर्ती, सरकार ने 195 करोड़ का बजट कम किया

कुल बजट का 0.25 प्रतिशत है 10 हजार करोड़
इस बार दिल्ली वालों की केंद्र सरकार से मांग है कि दिल्ली की जनता जो 2 लाख करोड़ रुपये टैक्स देती हैं. उसमें से 10 हजार करोड़ रुपए मिलने चाहिए. ये 10 हजार रुपये केंद्र सरकार के कुल बजट का 0.25 प्रतिशत है. दिल्ली द्वारा दिए जाने वाले कुल इनकम टैक्स का ये 5 प्रतिशत है. जो दिल्ली वाले टैक्स दे रहे हैं उसका 95 प्रतिशत हिस्सा देश के विकास में खर्च किया जाए.

ये भी पढ़ें : बिजली पर बढ़ाए गए टैक्स को लेकर BJP ने दिल्ली सरकार को घेरा, कहा- DRC केजरीवाल के इशारों पर काम कर रही

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार में वित्त मंत्री आतिशी ने केंद्र सरकार से इस बार के बजट में 10 हजार करोड़ रुपये देने की मांग की है, जिससे दिल्ली में विकास कार्यों को रफ्तार दी जा सके. दिल्ली के लोग 2 लाख करोड़ रुपये इनकम टैक्स देते हैं. 25 हजार करोड़ सेंटर को जीएसटी देते हैं. आरोप है कि केंद्र सरकार से बजट में दिल्ली को 1 रुपये भी नहीं मिलता है. यह दिल्ली के साथ अन्याय है.

दिल्लीवासी केंद्र सरकार को 2 लाख करोड़ रुपये इनकम टैक्स देते हैं. 25 हजार करोड़ सेंट्रल जीएसटी देते हैं. लेकिन दिल्ली को केंद्र सरकार से बजट में 1 रूपय भी नहीं मिलता है. इस बार के बजट में केंद्र सरकार से दिल्ली वालों के लिए मांगा जा रहा है. दिल्ली वालों को उनका हक मिलना चाहिए. जब दिल्ली के लोग इमानदारी से टैक्स का पैसा जमा करते हैं तो हमें हमारे टैक्स का पैसा हमारे शहर के विकास के लिए क्यों नहीं मिलता. अगर दिल्ली को दिल्ली के हक का पैसा मिलेगा तो विकास कार्यों को रफ्तार मिलेगी. दिल्ली वाले भीख नहीं मांग रहे हैं वे अपना हक मांग रहे हैं.

दिल्ली के साथ भेदभाव का आरोप : उन्होंने कहा, 'हम ये भी नही कह रहे हैं कि सारा पैसा हमे दे दो. हमें पता है कि दिल्ली जैसे बड़े शहर पूरे देश के इकोनामिक डेवलपमेंट में सहयोग करते हैं. देश में ऐसे राज्य जो दिल्ली की तरह विकसित नहीं है. उन इलाकों में पैसा जाना चाहिए. लेकिन ये कैसा न्याय है कि दिल्ली के लोग 2 लाख करोड़ टैक्स दें 25 हजार करोड़ सेंटर को जीएसटी दें लेकिन दिल्ली वालों को उसमें से 1 रुपया भी न मिले. दुनिया के किसी भी देश मे ऐसा नहीं होता है. दिल्ली के साथ जो अन्याय हो रहा है. ऐसा अन्याय किसी भी राज्य के साथ नहीं होता है. ये अन्याय भारत के साथ होता था जब अंग्रेजों का राज था.'

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कुल बजट का 0.25 प्रतिशत है 10 हजार करोड़
इस बार दिल्ली वालों की केंद्र सरकार से मांग है कि दिल्ली की जनता जो 2 लाख करोड़ रुपये टैक्स देती हैं. उसमें से 10 हजार करोड़ रुपए मिलने चाहिए. ये 10 हजार रुपये केंद्र सरकार के कुल बजट का 0.25 प्रतिशत है. दिल्ली द्वारा दिए जाने वाले कुल इनकम टैक्स का ये 5 प्रतिशत है. जो दिल्ली वाले टैक्स दे रहे हैं उसका 95 प्रतिशत हिस्सा देश के विकास में खर्च किया जाए.

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