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पब्लिक डीलिंग कार्यालयों में लागू हो OTP बेस्ड डिजिटल सिग्नेचर स‍िस्‍टम, एसोसिएशन ने LG को लिखा लेटर - Delhi Government Association Demand

Delhi Government Association wrote letter to LG: दिल्ली सरकार के दास एवं स्टेनो कैडर के कर्मचारियों की यूनियन दिल्ली गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने एलजी से आग्रह किया है कि जिन अधिकारियों को डिजिटल सिग्नेचर की अथॉरिटी दी हुई है, उनके डिजिटल सिग्नेचर के लिए ओटीपी बेस्ड व्यवस्था लागू की जानी चाहिए.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 19, 2024, 4:37 PM IST

दिल्ली गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने LG को लिखा पत्र (ETV Bharat)

नई द‍िल्‍ली: दिल्ली में फर्जी तरीके से कथित तौर पर जाति प्रमाण पत्र बनाने के एक मामले में हाल ही में दिल्ली कैंट के एक एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट और तीन अन्य सहयोगियों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था. इस मामले पर अब दिल्ली सरकार के दास एवं स्टेनो कैडर के कर्मचारियों की यूनियन दिल्ली गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने चिंता जाहिर की है. एसोसिएशन ने पब्लिक डीलिंग से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की जॉब सिक्योरिटी सुनिश्चित करने को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना और चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार से गुहार लगाई है.

एसोसिएशन के महासचिव उमेश बत्रा की ओर से दिल्ली के उपराज्यपाल को लिखे पत्र के जरिए अवगत कराया है कि पब्लिक डीलिंग से जुड़े अधिकारियों के कार्यालय में हर रोज लाखों की संख्या में लोग अपने कार्यों को कराने को लेकर आते हैं और उनकी तरफ से ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड़ से दस्तावेज भी पेश किए जाते हैं जिसको लेकर कई बार उनकी तरफ से कार्यों को कराने के लिए भारी दबाव भी बनाया जाता है. इस दौरान कार्य नहीं करने पर उनको कई बार धमकियां का भी सामना करना पड़ता है और विभागीय स्तर पर उनके खिलाफ अनावश्यक कंप्लेंट भी की जाती है, जिसकी वजह से अधिकारियों की नौकरी हमेशा दांव पर लगी होती है. उनको अपनी सुरक्षा की चिंता भी हमेशा रहती है.

यह भी पढ़ें- MCD के जूनियर इंजीनियर और बेलदार को ACB ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा, जानें पूरा मामला

एसोसिएशन का कहना है कि दिल्ली सरकार के तमाम विभागों में खासकर जो पब्लिक डीलिंग से जुड़े हुए विभाग हैं मसलन एग्जीक्यूटिव कार्यालय, ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी, सब रजिस्टार ऑफिस आदि में रेगुलर स्टाफ का भारी अभाव है. इसके चलते हमेशा कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी के भरोसे काम करना होता है जिनकी कोई जवाबदेही नहीं होती है. इस वजह से गलत कार्य होने पर संबंधित अधिकारी पर ही कार्रवाई होती है या उसे कुछ गलत होने पर जेल तक जाना पड़ रहा है.

एसोसिएशन ने यह भी कहा है कि, "दिल्ली सरकार के तमाम विभागों में 2300 से ज्यादा लोअर डिवीजन क्लर्क की पोस्ट खाली है जबकि ग्रेड 2 अधिकारी अस्सिटेंट सेक्शन ऑफिसर की करीब 800 पोस्ट खाली पड़ी हुई है. इन पदों पर करीब 3100 पद खाली पड़े हुए हैं. उनका कहना है क‍ि करीब 50 फीसदी पद र‍िक्‍त पड़े हैं. जबकि सरकार इनकी जगह कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी की भर्ती करके काम चल रही है जो की अहम पदों पर काम कर रहे अधिकारियों के लिए परेशानी खड़ी करने वाले साबित होते जा रहे हैं."

उन्होंने एलजी से आग्रह किया है कि जिन अधिकारियों को डिजिटल सिग्नेचर की अथॉरिटी दी हुई है, उनके डिजिटल सिग्नेचर के लिए ओटीपी बेस्ड व्यवस्था लागू की जानी चाहिए जिससे कि जब भी कोई दस्तावेज अप्रूव या मंजूर किया जाता है तो उसके लिए संबंधित अधिकारी से ओटीपी बेस्ट अप्रूवल होनी चाहिए. इससे सभी कार्य संबंधित अधिकारी के संज्ञान में रहेंगे और गड़बड़ी होने की आशंका बहुत कम होगी.

यह भी पढ़ें- NEET परीक्षा पर AAP का प्रदर्शन जारी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के घर का किया घेराव

दिल्ली गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने LG को लिखा पत्र (ETV Bharat)

नई द‍िल्‍ली: दिल्ली में फर्जी तरीके से कथित तौर पर जाति प्रमाण पत्र बनाने के एक मामले में हाल ही में दिल्ली कैंट के एक एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट और तीन अन्य सहयोगियों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था. इस मामले पर अब दिल्ली सरकार के दास एवं स्टेनो कैडर के कर्मचारियों की यूनियन दिल्ली गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने चिंता जाहिर की है. एसोसिएशन ने पब्लिक डीलिंग से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की जॉब सिक्योरिटी सुनिश्चित करने को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना और चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार से गुहार लगाई है.

एसोसिएशन के महासचिव उमेश बत्रा की ओर से दिल्ली के उपराज्यपाल को लिखे पत्र के जरिए अवगत कराया है कि पब्लिक डीलिंग से जुड़े अधिकारियों के कार्यालय में हर रोज लाखों की संख्या में लोग अपने कार्यों को कराने को लेकर आते हैं और उनकी तरफ से ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड़ से दस्तावेज भी पेश किए जाते हैं जिसको लेकर कई बार उनकी तरफ से कार्यों को कराने के लिए भारी दबाव भी बनाया जाता है. इस दौरान कार्य नहीं करने पर उनको कई बार धमकियां का भी सामना करना पड़ता है और विभागीय स्तर पर उनके खिलाफ अनावश्यक कंप्लेंट भी की जाती है, जिसकी वजह से अधिकारियों की नौकरी हमेशा दांव पर लगी होती है. उनको अपनी सुरक्षा की चिंता भी हमेशा रहती है.

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एसोसिएशन का कहना है कि दिल्ली सरकार के तमाम विभागों में खासकर जो पब्लिक डीलिंग से जुड़े हुए विभाग हैं मसलन एग्जीक्यूटिव कार्यालय, ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी, सब रजिस्टार ऑफिस आदि में रेगुलर स्टाफ का भारी अभाव है. इसके चलते हमेशा कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी के भरोसे काम करना होता है जिनकी कोई जवाबदेही नहीं होती है. इस वजह से गलत कार्य होने पर संबंधित अधिकारी पर ही कार्रवाई होती है या उसे कुछ गलत होने पर जेल तक जाना पड़ रहा है.

एसोसिएशन ने यह भी कहा है कि, "दिल्ली सरकार के तमाम विभागों में 2300 से ज्यादा लोअर डिवीजन क्लर्क की पोस्ट खाली है जबकि ग्रेड 2 अधिकारी अस्सिटेंट सेक्शन ऑफिसर की करीब 800 पोस्ट खाली पड़ी हुई है. इन पदों पर करीब 3100 पद खाली पड़े हुए हैं. उनका कहना है क‍ि करीब 50 फीसदी पद र‍िक्‍त पड़े हैं. जबकि सरकार इनकी जगह कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी की भर्ती करके काम चल रही है जो की अहम पदों पर काम कर रहे अधिकारियों के लिए परेशानी खड़ी करने वाले साबित होते जा रहे हैं."

उन्होंने एलजी से आग्रह किया है कि जिन अधिकारियों को डिजिटल सिग्नेचर की अथॉरिटी दी हुई है, उनके डिजिटल सिग्नेचर के लिए ओटीपी बेस्ड व्यवस्था लागू की जानी चाहिए जिससे कि जब भी कोई दस्तावेज अप्रूव या मंजूर किया जाता है तो उसके लिए संबंधित अधिकारी से ओटीपी बेस्ट अप्रूवल होनी चाहिए. इससे सभी कार्य संबंधित अधिकारी के संज्ञान में रहेंगे और गड़बड़ी होने की आशंका बहुत कम होगी.

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