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PM मोदी की महिला सुरक्षा वाले बयान पर छात्राओं ने दी प्रतिक्रिया, कहा- इस पर कदम उठाना बहुत जरूरी - independence day 2024

Independence Day 2024: दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर महिला सुरक्षा के मुद्दे पर बोलकर ऐसा अपराध करने वालों को आगाह कर दिया है. इसपर छात्राओं की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...

छात्राओं ने पीएम मोदी के भाषण पर दी प्रतिक्रिया
छात्राओं ने पीएम मोदी के भाषण पर दी प्रतिक्रिया (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 15, 2024, 4:03 PM IST

नई दिल्ली: 78वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया. अपने भाषण के दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बात की, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा पर भी गंभीरता से विचार करने को कहा. उन्होंने कहा,"हमें गंभीरता से सोचना होगा. हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है. इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा. महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो और राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है."

पीएम मोदी के इस बात पर छात्राओं ने प्रतिक्रिया दी. पत्रकारिता की छात्रा सुजाता ने कहा कि देश में महिला सुरक्षा एक बड़ा सवाल है. आजादी के बाद से अभी तक कई कानून आए. फिर भी महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े होना एक गंभीर विषय है. 10 वर्षों के कार्यकाल के बाद अब 11वें साल में महिला सुरक्षा की बात करना थोड़ा अजीब है. हाल ही में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसने महिला सुरक्षा पर सवाल खड़े किये हैं. कोलकाता में नर्स का रेप के बाद हत्या और मणिपुर में महिलाओं के बर्बरता तो सभी ने देखी. राजधानी को तो रेप कैपिटल का नाम ही दे दिया गया है.

लगातार सामने आ रही घटना: उन्होंने कहा, "पीएम की ओर से महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करना अच्छी बात है, लेकिन यह देखना होगा कि पीएम मोदी जिनको रक्षक कहा रहे हैं, उनको कब और किस तरह से सजा देंगे. सभी जानते है कि निर्भया कांड के समय सभी आरोपियों को फांसी की सजा दी गई थी, लेकिन इसके बाद भी देशभर में लड़कियों और महिलाओं के साथ बलात्कार की घटना सामने आ रही है. कई बार देखने में आया है कि रेप जैसी घटना को भी राजनीति में फंसा दिया जाता है, जैसा कोलकाता में देखा जा रहा है. वहां मौजूदा पार्टियां एक दूसरे की बातों को काउंटर करने में लगी है, लेकिन आरोपियों को सजा नहीं दी गई है."

लोगों को जागरूक होना जरूरी: वहीं, दिल्ली विश्विद्यालय से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी कर चुकी परविंदर कौर ने कहा कि उनको खुशी है कि देश के प्रधानमंत्री ने महिलाओं को सुरक्षा को गंभीरता से लेने की बात कही है. लेकिन इससे पहले यह भी जरुरी है कि लोगों को जागरूक किया जाए. निर्भया कांड के बाद कितने ही ऐसे रेप और हिंसा के मामले हैं, जिनमें एफआईआर ही दर्ज नहीं हुई है. हिंसा के शिकार हुए लोग सामजिक डर के कारण एफआईआर दर्ज कराने से कतराते हैं. वहीं, देश में महिलाओं के साथ बर्बरता के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में यह देखना होगा कि क्या पीएम के इस आश्वाशन के बाद देश में बच्चियों, लड़कियों और महिलाओं के साथ हिंसक बर्ताव करने वाले आरोपियों की कितनी कड़ी और जल्दी सजा दी जाएगी.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में मंत्री कैलाश गहलोत ने फहराया तिरंगा, कहा- अरविंद केजरीवाल आधुनिक स्वतंत्रता सेनानी

मिले कड़ी से कड़ी सजा: उनके अलावा कानून की पढ़ाई करने वाली वंशिका ने कहा कि पीएम मोदी का इस विषय पर बात करना तारीफ के काबिल है. कलकत्ता में नर्स के साथ हुई दर्दनाक घटना व मणिपुर हिंसा जैसे मामले को देखते हुए इसपर कदम उठाना बहुत जरूरी है. इसके अलावा सामाजिक जागरूकता भी एक अहम मुद्दा है. हिंसा की शिकार हुई कई महिलाएं एफआईआर ही दर्ज नहीं करती है. ऐसा नहीं होना चाहिए. वहीं महिला सुरक्षा संबंधी कानूनों में भी बदलाव करने चाहिए और अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए.

यह भी पढ़ें- स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर ही क्यों फहराया जाता है तिरंगा, जानें तिरंगे में अब तक आए बदलाव के बारे में

नई दिल्ली: 78वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया. अपने भाषण के दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बात की, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा पर भी गंभीरता से विचार करने को कहा. उन्होंने कहा,"हमें गंभीरता से सोचना होगा. हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है. इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा. महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो और राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है."

पीएम मोदी के इस बात पर छात्राओं ने प्रतिक्रिया दी. पत्रकारिता की छात्रा सुजाता ने कहा कि देश में महिला सुरक्षा एक बड़ा सवाल है. आजादी के बाद से अभी तक कई कानून आए. फिर भी महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े होना एक गंभीर विषय है. 10 वर्षों के कार्यकाल के बाद अब 11वें साल में महिला सुरक्षा की बात करना थोड़ा अजीब है. हाल ही में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसने महिला सुरक्षा पर सवाल खड़े किये हैं. कोलकाता में नर्स का रेप के बाद हत्या और मणिपुर में महिलाओं के बर्बरता तो सभी ने देखी. राजधानी को तो रेप कैपिटल का नाम ही दे दिया गया है.

लगातार सामने आ रही घटना: उन्होंने कहा, "पीएम की ओर से महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करना अच्छी बात है, लेकिन यह देखना होगा कि पीएम मोदी जिनको रक्षक कहा रहे हैं, उनको कब और किस तरह से सजा देंगे. सभी जानते है कि निर्भया कांड के समय सभी आरोपियों को फांसी की सजा दी गई थी, लेकिन इसके बाद भी देशभर में लड़कियों और महिलाओं के साथ बलात्कार की घटना सामने आ रही है. कई बार देखने में आया है कि रेप जैसी घटना को भी राजनीति में फंसा दिया जाता है, जैसा कोलकाता में देखा जा रहा है. वहां मौजूदा पार्टियां एक दूसरे की बातों को काउंटर करने में लगी है, लेकिन आरोपियों को सजा नहीं दी गई है."

लोगों को जागरूक होना जरूरी: वहीं, दिल्ली विश्विद्यालय से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी कर चुकी परविंदर कौर ने कहा कि उनको खुशी है कि देश के प्रधानमंत्री ने महिलाओं को सुरक्षा को गंभीरता से लेने की बात कही है. लेकिन इससे पहले यह भी जरुरी है कि लोगों को जागरूक किया जाए. निर्भया कांड के बाद कितने ही ऐसे रेप और हिंसा के मामले हैं, जिनमें एफआईआर ही दर्ज नहीं हुई है. हिंसा के शिकार हुए लोग सामजिक डर के कारण एफआईआर दर्ज कराने से कतराते हैं. वहीं, देश में महिलाओं के साथ बर्बरता के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में यह देखना होगा कि क्या पीएम के इस आश्वाशन के बाद देश में बच्चियों, लड़कियों और महिलाओं के साथ हिंसक बर्ताव करने वाले आरोपियों की कितनी कड़ी और जल्दी सजा दी जाएगी.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में मंत्री कैलाश गहलोत ने फहराया तिरंगा, कहा- अरविंद केजरीवाल आधुनिक स्वतंत्रता सेनानी

मिले कड़ी से कड़ी सजा: उनके अलावा कानून की पढ़ाई करने वाली वंशिका ने कहा कि पीएम मोदी का इस विषय पर बात करना तारीफ के काबिल है. कलकत्ता में नर्स के साथ हुई दर्दनाक घटना व मणिपुर हिंसा जैसे मामले को देखते हुए इसपर कदम उठाना बहुत जरूरी है. इसके अलावा सामाजिक जागरूकता भी एक अहम मुद्दा है. हिंसा की शिकार हुई कई महिलाएं एफआईआर ही दर्ज नहीं करती है. ऐसा नहीं होना चाहिए. वहीं महिला सुरक्षा संबंधी कानूनों में भी बदलाव करने चाहिए और अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए.

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