नई दिल्ली: दिल्ली में क्लस्टर योजना के तहत चल रहीं 300 इलेक्ट्रिक बसें पिछले एक सप्ताह से सड़क से हट गई हैं. आरोप है कि दिल्ली सरकार से 75 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया न मिलने से बस संचालक कंपनी ड्राइवरों और तकनीकी कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रही है. वेतन भुगतान में समस्या आने के बाद 16 अक्टूबर से चालकों ने बसों का संचालन रोक दिया है. इससे उत्तर, उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व दिल्ली के परिवहन सेवाओं पर असर पड़ा है.
दिल्ली में वर्तमान में 1970 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें हैं. इसमें से अधिकांश बसें दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) द्वारा संचालित होती हैं. कुछ बसें क्लस्टर योजना के तहत दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (डिम्ट्स) द्वारा चलाई जाती हैं. जो कंपनियां इलेक्ट्रिक बसों को बना रही हैं. वही संचालन भी करा रही हैं. सिर्फ दिल्ली सरकार का बस में कंडक्टर होता है. अनुबंध के अनुसार दिल्ली सरकार को परिवहन विभाग की ओर से बस बना रही कंपनियों को भुगतान करना पड़ता है.
दिल्ली सरकार ने नहीं किया 75.4 करोड़ रुपये का भुगतान: आरोप है कि पिछले आठ महीनों में दिल्ली सरकार को बस संचालक को 75.4 करोड़ रुपये का भुगतान करना था. आरोप है कि पैसा नहीं मिला है. सरकार के आश्वासन पर हम बिना पैसे के बसों का संचालन कर रहे थे. अब गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है. कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं. बिजली कंपनियों ने दो बार बिल न चुका पाने के कारण बिजली काट दी, जिससे बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ था.
कंपनी को पैसा ना मिलने के कारण कंपनी चालकों और अन्य तकनीकई कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रही है. ऐसे में रोहिणी सेक्टर 37 और बुराडी डिपो से करीब 300 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन बंद हो चुका है. बीती 16 अक्टूबर से चालक हड़ताल पर हैं. बस डिपो पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
दिल्ली सरकार बस संचालकों पर लगा रही ब्लैकमेल करने का आरोप: वहीं, दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि बस संचालक अब ड्राइवरों के वेतन न देने के बहाने सरकार को ब्लैकमेल कर रहे हैं. तीन बसों में हाल में आग लगने के मामले ने उनके गुणवत्ता के बारे में गंभीर चिंता जताई है. आईआईटी दिल्ली की एक तकनीकी टीम इलेक्ट्रिक बसों में आग लगने के कारणों की जांच कर रही है. अब रोहिणी सेक्टर-37 और बुराड़ी डिपो से चलने वाली इलेक्ट्रिक बसों का संचालन नहीं हो रहा है. दरअसल, दो माह से चालकों का वेतन नहीं मिला है. ऐसे में वह बसें सड़क पर नहीं उतार रहे हैं. इसकी वजह से दिल्ली में यात्रियों को बस के लिए स्टैंड पर इंतजार करना पड़ रहा है.
चालकों ने बयां किया दर्द: इलेक्ट्रिक बस चालक अनिल गुप्ता का कहना है कि वेतन नहीं मिलने से परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. उधार मांगकर मकान का किराया चुका दिया, लेकिन बच्चों की फीस और अन्य खरचे कहां से लाएं. वेतन न मिलने के विरोध में 16 अक्टूबर से बस का संचालन ना कर प्रदर्शन कर रहे हैं. चालक संदीप का कहना है कि दीपावाली का त्योहार आने वाला है. सितंबर का वेतन मिला नहीं, अक्टूबर के वेतन और बन गया है. बिना पैसों के त्योहार कैसे मनाएं. बस संचालन करने वाली कंपनी के अधिकारी कहते हैं कि दिल्ली सरकर से पैसा मिलने के बाद ही वेतन मिल पाएगा. हम लोग सीधे दिल्ली सरकर से पैसा मांग नहीं सकते. हमारे पास बस संचालन बंद कर प्रदर्शन करने के अलावा कोई और रस्ता नहीं है.
"आप सरकार दिल्ली में प्रदूषण पर नियंत्रण करने की बजाय राजनीति करने में व्यस्त है. पिछले 1 महीने में दिल्ली की सड़कों से 300 इलेक्ट्रिक बसों का सरकार द्वारा भुगतान न करने के कारण वह हड़ताल पर चली गई हैं और 500 नई इलेक्ट्रिक बसें जो इनके डिपो में खड़ी हैं उन्हें आप सरकार सड़क पर लाने को तैयार नहीं है. दिल्ली में चारों तरफ प्रदूषण से हाल बेहाल है, पंरतु आम आदमी पार्टी की सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है. इस समय प्रदूषण से निपटने के लिए बसों की सबसे ज्यादा जरूरत है ताकि जनता अपने निजी वाहनों का उपयोग कम कर सके और यह भी कहा जा रहा है कि 40% प्रदूषण सड़क पर चलने वाली गाड़ियों के कारण ही हो रहा है. हमारी दिल्ली सरकार से मांग है कि जो बसें आपने डिपो में खड़ी कर दीं हैं उन्हें सड़कों पर लाइये ताकि जनता को इसका लाभ मिल सके." -विजेंद्र गुप्ता, विधानसभा में नेता विपक्ष
इन रूटों से कम हुई हैं इलेक्ट्रिक बसें
रुट नंबर | कहां से कहां तक |
502 | कश्मीरी गेट से महरौली |
206 | भजनपुरा से मयूर विहार फेस 3 |
259 | जहांगीरपुरी से हर्ष विहार |
861 | उत्तम नगर से टिकरी बॉर्डर |
Yms | मोरी गेट से लोनी बॉर्डर |
ये भी पढ़ें : वेतन न मिलने से नाराज इलेक्ट्रिक बस चालकों ने दिया धरना, दिल्ली के इन दो डिपो की बसों का संचालन बंद
ये भी पढ़ें : 409 करोड़ की लागत से 2 साल में बनकर तैयार होगा मल्टीलेवल इलेक्ट्रिक बस डिपो -