नई दिल्लीः सेंट स्टीफंस कॉलेज के स्थापना दिवस समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी ने अपने संबोधन में राजनीति में युवाओं की भागीदारी का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि अगर शिक्षित और अच्छे लोग राजनीति से दूर रहते हैं, तो वे बुरे लोगों को हमारे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण फैसले करने का मौका दे देते हैं. मुख्यमंत्री ने आप सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के प्रभाव को उजागर किया, जिनसे लाखों दिल्लीवालों के जीवन में बदलाव आया है.
सीएम आतिशी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वे भारत के भविष्य को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं और राजनीति से जुड़ें. अतिशी ने कहा, '' यह मेरे लिए सम्मान और सौभाग्य की बात है कि मैं सेंट स्टीफंस कॉलेज के स्थापना दिवस पर यहां हूं. एक ऐसा संस्थान जिसने मुझे आज यहां तक पहुँचाया. यह दो दशक पहले की बात है जब मैं यहां की छात्रा थी. मुख्यमंत्री ने अपने छात्र जीवन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि उस समय बदलाव लाने का ख्याल सिर्फ समाज सेवा से जुड़ी संस्थाओं में काम करने, जरूरतमंद बच्चों को पढ़ाने या अच्छे कारणों के लिए दान देने तक सीमित था. राजनीति को कभी बदलाव के रास्ते के रूप में नहीं देखा जाता था.''
मुख्यमंत्री ने छात्रों से साझा किए कॉलेज जीवन के अनुभव:
मुख्यमंत्री ने अपने छात्र जीवन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि उस समय राजनीति को गंदा धंधा माना जाता था, जो सिर्फ अपराधियों और सत्ताधारियों द्वारा नियंत्रित किया जाता था. तब कभी यह नहीं लगा कि राजनीति से बदलाव लाया जा सकता है. सीएम ने बताया कि जब वे कॉलेज में थीं, तो राजनीति में जाने का कोई स्पष्ट रास्ता नहीं था. राजनीति में कैसे प्रवेश करें? इसका कोई मार्गदर्शन नहीं था.
सीएम आतिशी ने अपनी राजनीतिक यात्रा के बारे में साझा करते हुए बताया कि मैंने राजनीति के बारे जितना सोचा था, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल था. जब 2015 में हमारी सरकार आई, हम बदलाव लाना चाहते थे. लेकिन, हमारे सामने कई अड़चन और मुश्किलें थीं. हमने इसके ख़िलाफ संघर्ष किया और मेरे कई सहयोगी इन संघर्षों के कारण जेल में भी गए. मुख्यमंत्री ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सुधार को इसका उदाहरण बताया.
आतिशी ने कहा कि 2015 में दिल्ली में सरकारी स्कूलों की हालत बदहाल थी. क्लासरूम में डेस्क नहीं थे. टेबल-कुर्सियां नहीं थी. बुनियादी सुविधाएं तक मौजूद नहीं थे. लेकिन, पिछले 10 सालों में सरकारी स्कूलों में बदलाव लेकर आए और आज दिल्ली सरकार के स्कूल प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर हैं. उन्होंने लोकतंत्र को एक बाजार से तुलना करते हुए कहा कि जहां नागरिकों की सक्रियता से ही नेताओं को जवाबदेह ठहराया जा सकता है. अगर लोग घर, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और अवसरों की मांग करेंगे, तभी नेता इन्हें पूरा करेंगे.
मुख्यमंत्री ने सेंट स्टीफंस कॉलेज में अपने समय को याद करते हुए कहा कि कॉलेज में रहते हुए वे सोशल सर्विस लीग का हिस्सा थीं, जहां वे रक्तदान शिविर और कॉलेज के गैर-शैक्षिक कर्मचारियों के बच्चों के लिए कक्षाएं आयोजित करती थी. उन्होंने कहा कि यह कॉलेज सेवा का महत्व सिखाता है. आज मैं आप सभी से अपील करती हूं कि आप इस भावना को आगे बढ़ाएं. अपने करियर में सफल बनें. लेकिन, ये भी याद रखें आपका काम समाज और देश को आकार देते हैं.
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