नई दिल्ली: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग हादसे पर कोहराम मचा हुआ है. सड़क से लेकर संसद तक इस मामले की गूंज है. दिल्ली के नालों की साफ सफाई अच्छे से नहीं होने और कागजों में करने को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. शहर के बदहाल ड्रेनेज सिस्टम को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. ऐसे में दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार ने सभी विभागों को सख्त निर्देश दिया है कि वह गाद निकालने के काम में जुटें. किसी भी ठेकेदार को तब तक कोई पेमेंट नहीं करें जब तक उनके गाद निकालने के काम का थर्ड पार्टी ऑडिट नहीं हो जाता.
नरेश कुमार ने शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज को भेजे एक नोट में साफ किया है कि दिल्ली के लिए 'स्ट्रोम वाटर एंड ड्रेनेज एक्ट' की भी सख्त आवश्यकता है. विधायी ढांचे की कमी के चलते स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज सिस्टम में इस तरह की बड़ी रूकावट को नियंत्रित कर पाना संभव नहीं हैं. इस तरह की व्याप्त समस्या के चलते जब भी दिल्ली में भारी बारिश होती है तो कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हो जाते हैं. नोट में यह भी स्पष्ट किया है कि नालों की गाद निकालने के काम को थर्ड पार्टी ऑडिट के जरिए ही वेरिफाई किया जाएगा. इससे पहले किसी भी ठेकेदार को डिसिल्टिंग के कार्यों के लिए भुगतान नहीं किया जाएगा.
साढ़े 5 महीने तक मंत्रालय में पड़ी रही फाइलः मुख्य सचिव ने मंत्री को भेजी रिपोर्ट में यह भी अवगत कराया है कि अतिक्रमण की समस्या शहर में इतनी व्यापक है कि उचित कानूनी ढांचे के बिना इसको कंट्रोल नहीं किया जा सकता है. उनकी तरफ से अवगत कराया गया है कि इस वजह से अगस्त 2023 में शहरी विकास मंत्री को इस तरह के विधायी ढांचे की सिफारिश की गई थी.
बताया जाता है कि इससे संबंधित प्रस्ताव 21 अगस्त, 2023 से 2 फरवरी, 2024 तक करीब साढ़े 5 महीने से ज्यादा के वक्त तक शहरी विकास मंत्री के कार्यालय में लंबित पड़ा रहा. वहीं, मंत्री सौरभ भारद्वाज की तरफ से भी आरोप लगाया गया था कि नालों की सफाई कागजों में की गई है, जो अपने तरह का एक स्कैम हैं, इसका थर्ड पार्टी ऑडिट होना चाहिए.
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चीफ सेक्रेटरी की ओर से आग्रह किया गया है कि मंत्री के कार्यालय में 8 अगस्त 2023 से लंबित 'स्ट्रोम वाटर एंड ड्रेनेज एक्ट' का मसौदा तैयार करने वाली फाइल को सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव को वापस भेज दी जाए, जिससे कानून ढांचा तैयार करने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जा सके. वहीं, शहरी विकास विभाग की ओर से 27 मई, 2024 को सभी विभागों को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशों का अनुपालन करते हुए थर्ड पार्टी ऑडिट कराने को पत्र लिखा था. इसलिए, अतिरिक्त मुख्य सचिव (यूडी) को एक फेक्चयुअल नोट प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही मंत्री की ओर से इस संबंध में एक तय समय सीमा के भीतर मांगी गई जानकारी भी मुहैया करवायी जा सकेगी.
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