नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा सत्र की शुरुआत के साथ ही उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर कैग की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने को कहा है. यह रिपोर्टें वर्षों से लंबित है. इससे पहले भी उपराज्यपाल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को पत्र लिखा था. उपराज्यपाल ने पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि इन रिपोर्टों को चालू सत्र में पेश किया जाए.
शुक्रवार को मुख्यमंत्री आतिशी को लिखे पत्र में उपराज्यपाल ने जिक्र किया है कि कैग की रिपोर्ट लगातार पेश करने के लिए लिखता रहा. लेकिन एक सरकार जो पारदर्शिता और जवाबदेही के मुद्दे पर सत्ता में आई थी, वह जानबूझकर खर्च की सार्वजनिक जांच से बच रही है. इससे पहले 17 अगस्त को एलजी ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख कैग की रिपोर्ट सदन पटल पर रखने को कहा था.
उपराज्यपाल ने आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार पर अलग-अलग विभागों के कुल 12 कैग रिपोर्ट दबाने का आरोप लगाया. उपराज्यपाल ने सरकार के वित्त, प्रदूषण, दिल्ली में शराब के विनियमन और आपूर्ति, सार्वजनिक उपक्रमों और सामाजिक और सामान्य क्षेत्रों से संबंधित विभागों के खातों और शेल्टर होम से संबंधित कुल 12 कैग रिपोर्ट मुख्यमंत्री आतिशी के पास लंबित होने की बात कही है. इनमें से कुछ कैग रिपोर्ट 2022 से लंबित हैं.
उपराज्यपाल ने पत्र में लिखा है कि "वर्ष 2017-18 से 2021-22 की अवधि के दौरान दिल्ली में शराब की खरीद-बिक्री से संबंधित ऑडिट पर कैग की रिपोर्ट 04.03.2024 को दिल्ली सरकार को भेजी गई थी, और यह 11.04.2024 से आतिशी (जब वे वित्तमंत्री थीं) के पास लंबित है. दिल्ली सरकार की विवादास्पद दिल्ली आबकारी नीति और उसकी ऑडिट रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण है. जिसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. जिसे बाद में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद केजरीवाल सरकार ने रद्द कर दिया था. इससे पहले उपराज्यपाल सचिवालय की तरफ से लिखा है कि 18.07.2024 को दिल्ली के लेखा नियंत्रक ने एलजी सचिवालय को सूचित किया कि उपरोक्त सभी कैग ऑडिट रिपोर्ट आतिशी के पास लंबित है."
Hon’ble LG, Shri VK Saxena writes to Hon’ble CM, Ms Atishi, requesting her to get various long pending reports of the CAG, tabled in the ongoing session of the Delhi Legislative Assembly. pic.twitter.com/gvNgdLIvH5
— Raj Niwas Delhi 🇮🇳 (@RajNiwasDelhi) November 29, 2024
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पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल से भी किया था अनुरोध: गत 22 फरवरी को उपराज्यपाल सक्सेना ने सभी लंबित 12 कैग रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किए जाने में देरी के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल को भी लिखा था और उनसे अनुरोध किया था कि वे "वित्त मंत्री, दिल्ली को सलाह दें कि वे इन्हें विधानसभा के समक्ष पेश करें. दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 की धारा 48 के साथ संविधान के अनुच्छेद 151 और दिल्ली सरकार के नियम 210 के अनुसार, राज्य के वित्त और दिल्ली में शासन से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों के प्रदर्शन पर कैग रिपोर्ट रखना संवैधानिक जनादेश है.
उपराज्यपाल ने कहा है कि कैग रिपोर्ट को दिल्ली विधान सभा में न रखकर, दिल्ली सरकार विधान सभा और बड़े पैमाने पर जनता की जांच से बच रही है, जो लोकतांत्रिक जवाबदेही के आधार को कमजोर कर रही है. लंबित रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा के समक्ष रखने के मामले में दिल्ली सरकार द्वारा इस तरह की चूक उनके संवैधानिक दायित्वों की घोर उपेक्षा है.
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