भोपाल : किसी भी राज्य में सत्ता की चाबी महिलाओं के हाथ में है. मध्यप्रदेश में ऐन चुनाव के पहले लागू की गई लाड़ली बहना योजना ने सबसे पहले ये साबित किया. मध्यप्रदेश के चुनाव नतीजे ऐसी नज़ीर बने, जिसके बाद असम से लेकर कर्नाटक, महाराष्ट्र से लेकर तमिलनाडु और ओडिशा तक महिलाओं की कैश ट्रांसफर स्कीम के जरिए पार्टियां सत्ता की राह मजबूत करती रही हैं. ताज़ा मामला दिल्ली का है, जहां आम आदमी पार्टी ने चुनाव से ठीक दो महीने पहले मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना लांच कर दी.
केजरीवाल ने भी लागू किया एमपी का फार्मूला
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सत्ता बरकरार रखने में जुटे पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चुनाव से ठीक दो महीने पहले महिला सम्मान योजना लांच कर दी. इस योजना में महिलाओं को एक हजार रुपए की धनराशि दी जाएगी. दिल्ली से पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले भी महिलाओं के लिए योजना लांच की गई. यहां मुख्यमंत्री लाड़िकी बहिना योजना ने असर दिखाया. महाराष्ट्र के चुनाव में 2019 के मुकाबले 2024 के चुनाव में 5 फीसदी वोटिंग बढ़ गई. ये इजाफा हुआ महिलाओं के वोटिंग प्रतिशत से. 2019 में महिलाओं का मतदान का प्रतिशत 59 फीसदी था, जो 2024 में बढ़कर 65 फीसदी हो गया. ये लाड़िकी बहिना योजना का ही असर था.
एमपी ने दिखाया- महिलाएं बदल सकती हैं सियासी दृश्य
आज भले देश के नौ राज्यों में महिलाओं को कैश ट्रांसफर स्कीम के जरिए पार्टियां अपनी सत्ता की राह मजबूत कर रही हों. लेकिन इसकी जमीन मध्यप्रदेश में तैयार हुई थी. जब 2007 के आखिरी में मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी योजना लांच की. इस योजना की बदौलत मध्यप्रदेश में सत्ता की राह आसान हो पाई. उसके बाद लगातार 2013 तक बीजेपी सत्ता में रही. 2023 में एक बार फिर बीजेपी ने इसी ट्रस्टेड वोटर पर दांव लगाया और लांच की लाड़ली बहना योजना. 2023 में विधानसभा चुनाव के ऐन पहले लाड़ली बहना योजना लांच की गई. मई 2023 में लांच की गई इस योजना में 21 से 60 वर्ष की विवाहित महिलाओं को एक हजार रुपए देने का फैसला लिया गया.
एमपी में लाड़ली बहना योजना के दम पर बीजेपी की बंपर जीत
मध्ध्यप्रदेश में विधासनभा चुनाव से छह महीने पहले 10 जून को लाड़ली बहना योजना लागू की गई. रक्षाबंधन के मौके पर ये राशि बढ़ाकर 1250 कर दी गई. जब नतीजे आए तो साबित हो गया कि महिला वोटर्स ने बीजेपी का राह आसान की. बीजेपी ने 163 सीटों के बहुमत के साथ चुनाव जीत लिया. यही वजह है कि चुनाव जीतने के बाद भी लाड़ली बहना योजना जारी है. 2024 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी ने बंपर जीत दर्ज की और 29 की 29 लोकसभा सीटों पर कमल खिला. राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं "बात सिर्फ ये नहीं है कि बीजेपी सरकार ने महिलाओं पर केन्द्रित कल्याण की योजनाओं की शुरुआत मध्यप्रदेश से की है. जरूरी बात ये है कि शिवराज सरकार से लेकर मौजूदा सीएम डॉ. मोहन यादव के कार्यकाल तक बीजेपी ने महिलाओं पर केन्द्रित योजनाओं पर अमल में लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी."
मोहन यादव बोले- लाड़ली बहना योजना जारी रहेगी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वीकार किया "लाड़ली बहना योजना से सरकार पर बोझ बढ़ा है. लेकिन लाड़ली बहना योजना को लेकर जो कहा जाता रहा कि ये योजना बंद हो जाएगी, ना हमने ये योजना बंद होने दी और ना आगे बंद होगी. हम दूसरे संसाधनों से बजट जुटाएंगे और लाड़ली बहना का बजट बनाकर रखेंगे. प्रदेश की एक करोड़ 29 लाख बहनो को अब तक 19 हजार 212 करोड़ रुपए अधिक की राशि ट्रांसफर कर चुके हैं. प्रदेश की लगभग 26 लाख लाड़ली बहनों को गैस सिलेंडर की रिफिलिंग के लिए 715 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की जा चुकी है."
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वे राज्य, जहां महिलाओं के खाते में सीधे जाती है राशि
महिलाओं के खाते में जहां कैश ट्रांसफर किए जा रहे हैं, उनमें मध्यप्रदेश की लाड़ली बहना योजना के अलावा असम की अरुणोदोई योजना है. इसी तरह छत्तीसगढ में महतारी वंदना योजना, कर्नाटक में गृह लक्ष्मी योजना. महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री माझी लाड़िकी बहिन योजना, ओडिशा में सुभद्रा योजना, तमिलनाडु में मगलीर उरीमाई थोगाई योजना, बंगाल की लक्ष्मी भंडार योजना जारी है. इन राज्यों के बाद दिल्ली में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना शुरू की गई है.