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ऑर्डर डिलीवरी के नाम पर सामान गायब करने का बनाया था प्लान, पुलिस को लग गई खबर, 4 गिरफ्तार - Online Shopping Delivery Fraud

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 10, 2024, 11:52 AM IST

ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल का सामान डिलीवरी करने के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी अपने इलाके में फर्जी एड्रेस पर महंगा सामान ऑर्डर कर, शिपमेंट डिलीवरी के नाम पर ऑर्डर लेकर गायब हो गए.

4 arrest in fraud with e commerce company
4 आरोपी गिरफ्तार (Source: ETV BHARAT)

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली की मधु विहार थाना पुलिस ने ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल का सामान डिलीवरी करने वाली कंपनी के स्टाफ सहित 4 लोगों को डिलीवरी का सामान गायब करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से 15 मोबाइल, एक टैब,दो कैमरा सहित कई कीमती इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद हुआ है.

गिरफ्तार आरोपी की पहचान नितिन गोला, ब्रजेश मौर्या,अभिषेक, और राजा कुमार के तौर पर हुई है. नितिन और ब्रजेश डिलीवरी कंपनी के स्टाफ है. आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि उन लोगों ने अपनी डिलीवरी इलाके में फर्जी पते पर कीमती इलेक्ट्रॉनिक सामान बुक कराया था, और जब उन्हें समान डिलीवर करने के लिए दिया गया तो वह लोग सामान (शिपमेंट) लेकर फरार हो गए.

डीसीपी अपूर्वा गुप्ता ने बताया
19 जून को, शिकायतकर्ता शुभम शर्मा, (हब प्रभारी शैडोफैक्स टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड) ने राजा कुमार नाम के नाम पर मधु विहार थाना में शिकायत दी थी. इस शिकायत में कहा था कि उनके एक कर्मचारी ने 10 लाख 25 हजार 862 रुपये के 37 कंपनी शिपमेंट के गायब कर दिए हैं. ये सूचना पुलिस थाने को दी गई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि 15.06.24 को आरोपी ने अपना फोन बंद कर लिया था और अपने पंजीकृत पते पर नहीं रह रहा था, शिकायत प्राप्त होने पर, प्रारंभिक जांच के बाद एफआईआर दर्ज हुई और जांच शुरू की गई.

अपराध की गंभीरता को देखते हुए, इंस्पेक्टर अरुण कुमार, एसएचओ मधु विहार की देखरेख में एसआई विनीत प्रताप सिंह, एचसी अमित कुमार, एचसी सचिन और एचसी हर्ष यादव की एक टीम का गठन किया गया. जांच के दौरान, टीम ने तकनीकी साक्ष्य एकत्र किए और कॉल डिटेल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया. तकनीकी साक्ष्य के आधार पर, टीम ने मुख्य आरोपी को सफलतापूर्वक पकड़ लिया, जिसकी पहचान राजा कुमार के रूप में हुई है. पूछताछ के दौरान राजा ने खुलासा किया कि उसने बृजेश मौर्य और उसके बड़े भाई अभिषेक के साथ मिलकर कंपनी को धोखा देने की साजिश रची. बाद में कंपनी का एक अन्य कर्मचारी नितिन गोला भी साजिश में शामिल हो गया. उनकी योजना के अनुसार, उन्होंने उसी मार्ग पर उच्च-मूल्य वाले शिपमेंट बुक किए, जिसमें उसे डिलीवरी पर भुगतान किया जाना था. सभी आरोपियों ने मिलीभगत कर इन शिपमेंट को डिलीवरी के लिए राजा को सौंप दिया, जिसने बाद में उसने सभी सामान को गायब कर दिया और अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया. आरोपी राजा की निशानदेही पर बाकी तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. चौथा आरोपी राजा का बड़ा भाई है और वह पहले इन लोगों के साथ काम करता था और शिपमेंट की बुकिंग में सहायता करता था. आरोपियों की निशानदेही पर कई इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद कर लिया गया है.

ये भी पढ़ें- 48 लाख का 6 हजार किलो काजू गायब कर दिया...तीन दिन तक देते रहे पुलिस को चकमा, जानिए कैसे पकड़े गए शातिर

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नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली की मधु विहार थाना पुलिस ने ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल का सामान डिलीवरी करने वाली कंपनी के स्टाफ सहित 4 लोगों को डिलीवरी का सामान गायब करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से 15 मोबाइल, एक टैब,दो कैमरा सहित कई कीमती इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद हुआ है.

गिरफ्तार आरोपी की पहचान नितिन गोला, ब्रजेश मौर्या,अभिषेक, और राजा कुमार के तौर पर हुई है. नितिन और ब्रजेश डिलीवरी कंपनी के स्टाफ है. आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि उन लोगों ने अपनी डिलीवरी इलाके में फर्जी पते पर कीमती इलेक्ट्रॉनिक सामान बुक कराया था, और जब उन्हें समान डिलीवर करने के लिए दिया गया तो वह लोग सामान (शिपमेंट) लेकर फरार हो गए.

डीसीपी अपूर्वा गुप्ता ने बताया
19 जून को, शिकायतकर्ता शुभम शर्मा, (हब प्रभारी शैडोफैक्स टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड) ने राजा कुमार नाम के नाम पर मधु विहार थाना में शिकायत दी थी. इस शिकायत में कहा था कि उनके एक कर्मचारी ने 10 लाख 25 हजार 862 रुपये के 37 कंपनी शिपमेंट के गायब कर दिए हैं. ये सूचना पुलिस थाने को दी गई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि 15.06.24 को आरोपी ने अपना फोन बंद कर लिया था और अपने पंजीकृत पते पर नहीं रह रहा था, शिकायत प्राप्त होने पर, प्रारंभिक जांच के बाद एफआईआर दर्ज हुई और जांच शुरू की गई.

अपराध की गंभीरता को देखते हुए, इंस्पेक्टर अरुण कुमार, एसएचओ मधु विहार की देखरेख में एसआई विनीत प्रताप सिंह, एचसी अमित कुमार, एचसी सचिन और एचसी हर्ष यादव की एक टीम का गठन किया गया. जांच के दौरान, टीम ने तकनीकी साक्ष्य एकत्र किए और कॉल डिटेल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया. तकनीकी साक्ष्य के आधार पर, टीम ने मुख्य आरोपी को सफलतापूर्वक पकड़ लिया, जिसकी पहचान राजा कुमार के रूप में हुई है. पूछताछ के दौरान राजा ने खुलासा किया कि उसने बृजेश मौर्य और उसके बड़े भाई अभिषेक के साथ मिलकर कंपनी को धोखा देने की साजिश रची. बाद में कंपनी का एक अन्य कर्मचारी नितिन गोला भी साजिश में शामिल हो गया. उनकी योजना के अनुसार, उन्होंने उसी मार्ग पर उच्च-मूल्य वाले शिपमेंट बुक किए, जिसमें उसे डिलीवरी पर भुगतान किया जाना था. सभी आरोपियों ने मिलीभगत कर इन शिपमेंट को डिलीवरी के लिए राजा को सौंप दिया, जिसने बाद में उसने सभी सामान को गायब कर दिया और अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया. आरोपी राजा की निशानदेही पर बाकी तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. चौथा आरोपी राजा का बड़ा भाई है और वह पहले इन लोगों के साथ काम करता था और शिपमेंट की बुकिंग में सहायता करता था. आरोपियों की निशानदेही पर कई इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद कर लिया गया है.

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