रांची: रांची विश्वविद्यालय में 37वां दीक्षांत समारोह का आयोजन शुक्रवार को किया गया. इसमें झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. मुख्य अतिथि के पहुंचने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने शंखनाद कर राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया. इसके बाद कार्यक्रम की शुरुआत की गई.
कुल 4043 स्टूडेंट्स के बीच बांटी गई डिग्रियां
वहीं कार्यक्रम में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति अजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति को पूरे राज्य में सबसे पहले रांची विश्वविद्यालय ने लागू किया. उन्होंने बताया कि 37वें दीक्षांत समारोह में 4043 छात्रों के बीच डिग्रियां बांटी गई हैं. जिसमें 61 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया. इनमें 40 छात्राएं और 21 छात्र शामिल रहे.
इस मौके पर स्थानीय भाषा कुरमाली से पीजी कर चुकीं छात्रा प्रियंका कुमारी ने गोल्ड मेडल मिलने पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि आज वह जो कुछ भी हैं अपने माता-पिता और शिक्षकों की वजह से हैं. उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्र के लिए गोल्ड मेडल की उपाधि पाना एक सपना होता है. आज उनका भी सपना पूरा हुआ, जब राज्य के सबसे सर्वमान्य व्यक्ति ने उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में गोल्ड मेडल प्रदान किया. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में वह कुरमाली भाषा से पीएचडी करना चहती हैं और स्थानीय लोगों के बीच कुरमाली भाषा को बचाने और संरक्षित करने का प्रयास करेंगी.
राज्यपाल ने स्टूडेंट्स को दी शुभकामनाएं
वहीं कार्यक्रम में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गोल्ड मेडल और डिग्रियां प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि आज स्टूडेंट्स ने किताबी ज्ञान में उपाधि प्राप्त की है, जिंदगी का ज्ञान लेना अभी बाकी है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि जिस तरह स्टूडेंट्स ने किताबी ज्ञान में गोल्ड मेडल प्राप्त किया है, वैसे ही जीवन के पथ पर भी गोल्ड मेडल प्राप्त करेंगे.
विकसित भारत के संकल्प को पूरा में जिम्मेदारी निभाएं छात्रः अर्जुन मुंडा
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत का संकल्प पूरा करना है तो छात्रों को आकलन करने की आवश्यकता है. उन्होंने छात्रों के बीच संदेश देते हुए कहा कि आज जो छात्र 21 से 22 वर्ष के हैं वो वर्ष 2047 तक 45 से 50 वर्ष के हो जाएंगे. ऐसे में उन्हें यह अभी से ही विचार करना होगा कि कैसे हम 2047 में अपने देश को विकसित देश बना सकें. उन्होंने कहा कि जब प्रत्येक व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग होगा तो निश्चित रूप से आने वाले समय में भारत विकसित बनेगा.
इन विषयों के छात्रों को प्रदान की गई डिग्रियां
बताते चलें कि रांची विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कॉमर्स, विज्ञान, गणित, पंचपड़गानिया, संथाल, हो, संस्कृत और अंग्रेजी सहित विभिन्न विषयों से संबंधित छात्रों ने डिग्रियां प्राप्त की.
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