जबलपुर. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ मानहानि का मुकदमा चलाया जाएगा. दरअसल, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया था कि ओबीसी आरक्षण मामले की सुनवाई के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, वीडी शर्मा व भूपेंद्र सिंह ने अधिवक्ता विवेक तन्खा के खिलाफ गलत बयानबाजी की थी.
क्यों दर्ज हुआ मानहानि का केस?
वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा (Vivek Tankha) ने एमपी एमएलए कोर्ट में भाजपा के तीनों दिग्गज नेताओं के खिलाफ मानहानि (Defamation) के मुकदमे दर्ज किए जाने की मांग की थी. प्रकरण की सुनवाई करते हुए एमपी एमएलए कोर्ट की विशेष न्यायाधीश विश्वेश्वरी मिश्रा ने तीनों पर धारा 500 (IPC 500) के तहत प्रकरण दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं. गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में पंचायत और निकाय चुनाव से संबंधित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्यसभा सांसद व अधिवक्ता पैरवी के लिए उपस्थित हुए थे. आरोप हैं कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) पर रोक लगाए जाने के कारण भाजपा (Bjp) के इन नेताओं ने सांसद व अधिवक्ता विवेक तन्खा के खिलाफ बयानबाजी की थी.
तीनों को दिया था 10 करोड़ का मानहानि नोटिस
बताया गया कि विवेक तन्खा द्वारा भाजपा के तीनों दिग्गज नेताओं को 10 करोड़ की मानहानि का नोटिस जारी किया गया था. नोटिस का जवाब नहीं आने पर उन्होंने 6 जनवरी 2023 को जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया था. परिवाद की सुनवाई के दौरान 29 अप्रैल 2023 को उन्होंने न्यायालय के समक्ष अपने बयान दर्ज करवाए. अदालत में राज्यसभा सांसद ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में ओबीसी आरक्षण से संबंधित कोई बात नहीं कही थी. उन्होंने मध्यप्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव मामले में परिसीमन और रोटेशन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी. लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी तो भाजपा नेताओं ने साजिश करते हुए इसे गलत ढंग से पेश किया.
भाजपा नेताओं ने की गलत बयानबाजी
राज्यसभा सांसद ने कहा, 'सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh chouhan), वीडी शर्मा (VD Sharma) और भूपेन्द्र सिंह (Bhupendra Singh) ने गलत बयान देकर ओबीसी आरक्षण का ठीकरा मेरे सिर फोड़ दिया. उन्होंने मेरी छवि धूमिल करके आपराधिक मानहानि की है.' पूर्व एडवोकेट जनरल और सीनियर एडवोकेट शशांक शेखर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को लेकर फैसला दिया था. इस फैसले के बाद सीएम शिवराज सिंह, वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह ने विवेक तन्खा के खिलाफ गलत टिप्पणियां की और उनकी छवि खराब करने की कोशिश की.