पलामू: बाघों के चर्चित पलामू टाइगर रिजर्व में रांची के भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान से 28 नर और 146 मादा हिरण को लाया गया है. सभी को बारेसाढ़ स्थित सॉफ्ट रिलीज सेंटर में रखा गया है. पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों के प्रवास को बेहतर करने के लिए चार सॉफ्ट रिलीज सेंटर बनाए गए हैं. चारों सॉफ्ट रिलीज सेंटर को ग्रास लैंड के रूप में भी विकसित किया जा रहा है.
नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी से अनुमति मिलने के बाद पलामू टाइगर रिजर्व ने भगवान बिरसा मुंडा जैविक विधान से 300 हिरण और 10 काला हिरण को पीटीआर में शिफ्ट करने की योजना तैयार की थी. पहले चरण में 28 नर और 146 मादा हिरण को लाया गया है. सभी को बोमा तकनीक के माध्यम से पलामू टाइगर रिजर्व में लाया गया है. अगले कुछ दिनों में काला हिरण को भी बोमा तकनीक से पलामू टाइगर रिजर्व में लाया जाएगा.
पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेशकांत जेना ने बताया कि पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों को बेहतर प्रवास के लिए कई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. इसी कड़ी में सॉफ्ट रिलीज केंद्र बनाए गए हैं. जहां हिरण और चीतल को शिफ्ट किया जा रहा है. एचटीसी अनुमति मिलने के बाद हिरण और चीतल को पीटीआर में लाया जा रहा है.
1129 वर्ग किलोमीटर में फैला है पीटीआर
पलामू टाइगर रिजर्व 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. पलामू टाइगर रिजर्व के सिर्फ वितरण नेशनल पार्क के इलाके में ही हिरण की मौजूदगी है. जबकि पूरा पलामू टाइगर रिजर्व बाघों के लिए चर्चित है. पलामू टाइगर रिजर्व के सभी इलाकों में हिरण की मौजूदगी हो, इसी वजह से सॉफ्ट रिलीज की स्थापना की गई है. हिरण और चीतल को कुछ दिनों तक सॉफ्ट रिलीज सेंटर में रखा जाएगा, उसके बाद स्थानीय वन क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा. बिरसा मुंडा जैविक उद्यान से लाए गए हिरण और चीतल को पहले जंगली वातावरण के अनुकूल बनाया जाएगा, उसके बाद उन्हें जंगल में छोड़ा जाएगा.
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