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लखनऊ की दीपाली कनौजिया को मिला अमेरिका में पढ़ने का मौका, यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए हासिल की स्कॉलरशिप - Deepali Kanojia

कहते हैं अगर आप में कुछ कर गुजरने का हौसला है तो मुश्किलें बाधा नहीं बन सकतीं. इसे लखनऊ की दसवीं की छात्रा दीपाली कनौजिया ने साबित करके दिखाया है.

लखनऊ की होनहार छात्रा दीपाली को अमेरिका में एक साल तक पढ़ाई का मौका मिला है.
लखनऊ की होनहार छात्रा दीपाली को अमेरिका में एक साल तक पढ़ाई का मौका मिला है. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 2, 2024, 7:57 PM IST

Updated : Aug 2, 2024, 8:11 PM IST

लखनऊ की होनहार छात्रा दीपाली को अमेरिका में एक साल तक पढ़ाई का मौका मिला है. (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊः कहते हैं अगर आप में कुछ कर गुजरने का हौसला है तो मुश्किलें बाधा नहीं बनती हैं. इसे लखनऊ की दसवीं की छात्रा दीपाली कनौजिया ने साबित करके दिखाया है. दीपाली देश भर में आयोजित हुई इंटरनेशनल लेवल प्रतियोगिता में टॉप 30 में अपनी जगह बनाने में कामयाब रही हैं. 30 सदस्य छात्राओं के दल में वह उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. जानिए दीपाली की संघर्ष गाथा.

Photo Credit; ETV Bharat
अपनी मां सुमन के साथ होनहार छात्रा दीपाली. (Photo Credit; ETV Bharat)

दीपाली कनौजिया लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र में एक कमरे के मकान में अपने माता-पिता और भाई बहन के साथ रहती हैं. उनके पिता धोबी का काम करते थे और बीते कुछ समय से दोनों पैरों की प्लेटलेट खराब होने से वह चल पाने में सक्षम नहीं हैं. उनकी मां और दो बहनों ने पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठा रखी है. अपनी बहनों को रोल मॉडल मानने वाली दीपाली ने भी उन्हीं की तरह ही अपने सभी मुश्किलों को पीछे छोड़ते हुए अपने हुनर के दम पर इंटरनेशनल लेवल पर यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में शामिल होने के लिए स्कॉलरशिप हासिल की है.

कड़ी मेहनत से पाई सफलता: दीपाली कनौजिया ने बताया कि वह मौजूदा समय में गोमती नगर के स्टडी हॉल पब्लिक स्कूल में कक्षा दसवीं की छात्रा हैं. बताया कि कक्षा 9 में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेटस कैनेडी-लुगर यूथ एक्सचेंज एंड स्टडी प्रोग्राम के बारे में पता चला. इसके बाद उन्होंने इस प्रोग्राम के लिए आवेदन किया. जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के अलावा कई देशों के बच्चे हिस्सा लेते हैं. दीपाली ने बताया कि इस परीक्षा के आवेदन करने के बाद इसमें कई लेवल पर उनका टेस्ट लिया गया. जिसमें ग्रुप डिस्कशन के अलावा निबंध लेख और कई तरह के एग्जाम्स उन्हें क्लियर करने पड़े. इसके बाद 1 साल तक अमेरिका में रहकर विभिन्न देशों के रहन-सहन, खानपान, सभ्यता-संस्कृति के बारे में सीखने और जानने का मौका मिलेगा. दीपाली ने बताया कि उनका चयन जब देशभर के 30 छात्रों के दल में हुआ, जो इस प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका जाएगा तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि वह इस पूरे प्रोग्राम को एक चैलेंज के तौर पर ले रही हैं और अपने सपनों को पूरा करने के लिए इसके अनुभव का प्रयोग करेंगी.

चार भाई बहनों में सबसे छोटी हैं दीपाली : ईटीवी भारत से बातचीत में दीपाली ने बताया कि उनके पिता मोतीलाल कनौजिया धोबी का काम करते थे. पैरों की बीमारी के कारण बीते कुछ समय से चल भी नहीं पा रहे हैं. घर की पूरी जिम्मेदारी उनकी मां सुमन, बहन लक्ष्मी और ज्योति पर है. बताया कि वह परिवार में सबसे छोटी हैं. एक भाई भी है जो बीकॉम कर रहा है. सबसे बड़ी बहन लक्ष्मी उन्हीं के स्कूल में टीचर हैं. वहीं दूसरी बहन ज्योति टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज में काम कर रही हैं.

स्कूल ने माफ कर रखी है पूरी फीस : दीपाली ने बताया कि उनका एडमिशन गरीब बच्चियों के लिए काम करने वाली संस्था ने प्रेरणा गर्ल्स स्कूल में कराया था. जो स्टडी हॉल एजुकेशन फाउंडेशन के तहत संचालित होता है. यहीं से आठवीं तक की पढ़ाई करने के बाद उन्हें कक्षा 9 में एडमिशन दिया गया. यहां स्कूल प्रशासन उनकी पूरी फीस माफ कर दी है. परिवार को सिर्फ मेरी किताबें और स्कूल ड्रेस का ही इंतजाम करना होता है. बताया कि वह 19 अगस्त को अमेरिका जा रही हैं. जहां पर वह अगले साल जून तक रहकर इस यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम का हिस्सा रहेंगी. इस दौरान उनकी हाईस्कूल की पढ़ाई तो बाधित रहेगी, जिसे वह वहां से आने के बाद पूरा करेंगी.

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लखनऊ की होनहार छात्रा दीपाली को अमेरिका में एक साल तक पढ़ाई का मौका मिला है. (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊः कहते हैं अगर आप में कुछ कर गुजरने का हौसला है तो मुश्किलें बाधा नहीं बनती हैं. इसे लखनऊ की दसवीं की छात्रा दीपाली कनौजिया ने साबित करके दिखाया है. दीपाली देश भर में आयोजित हुई इंटरनेशनल लेवल प्रतियोगिता में टॉप 30 में अपनी जगह बनाने में कामयाब रही हैं. 30 सदस्य छात्राओं के दल में वह उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. जानिए दीपाली की संघर्ष गाथा.

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अपनी मां सुमन के साथ होनहार छात्रा दीपाली. (Photo Credit; ETV Bharat)

दीपाली कनौजिया लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र में एक कमरे के मकान में अपने माता-पिता और भाई बहन के साथ रहती हैं. उनके पिता धोबी का काम करते थे और बीते कुछ समय से दोनों पैरों की प्लेटलेट खराब होने से वह चल पाने में सक्षम नहीं हैं. उनकी मां और दो बहनों ने पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठा रखी है. अपनी बहनों को रोल मॉडल मानने वाली दीपाली ने भी उन्हीं की तरह ही अपने सभी मुश्किलों को पीछे छोड़ते हुए अपने हुनर के दम पर इंटरनेशनल लेवल पर यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में शामिल होने के लिए स्कॉलरशिप हासिल की है.

कड़ी मेहनत से पाई सफलता: दीपाली कनौजिया ने बताया कि वह मौजूदा समय में गोमती नगर के स्टडी हॉल पब्लिक स्कूल में कक्षा दसवीं की छात्रा हैं. बताया कि कक्षा 9 में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेटस कैनेडी-लुगर यूथ एक्सचेंज एंड स्टडी प्रोग्राम के बारे में पता चला. इसके बाद उन्होंने इस प्रोग्राम के लिए आवेदन किया. जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के अलावा कई देशों के बच्चे हिस्सा लेते हैं. दीपाली ने बताया कि इस परीक्षा के आवेदन करने के बाद इसमें कई लेवल पर उनका टेस्ट लिया गया. जिसमें ग्रुप डिस्कशन के अलावा निबंध लेख और कई तरह के एग्जाम्स उन्हें क्लियर करने पड़े. इसके बाद 1 साल तक अमेरिका में रहकर विभिन्न देशों के रहन-सहन, खानपान, सभ्यता-संस्कृति के बारे में सीखने और जानने का मौका मिलेगा. दीपाली ने बताया कि उनका चयन जब देशभर के 30 छात्रों के दल में हुआ, जो इस प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका जाएगा तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि वह इस पूरे प्रोग्राम को एक चैलेंज के तौर पर ले रही हैं और अपने सपनों को पूरा करने के लिए इसके अनुभव का प्रयोग करेंगी.

चार भाई बहनों में सबसे छोटी हैं दीपाली : ईटीवी भारत से बातचीत में दीपाली ने बताया कि उनके पिता मोतीलाल कनौजिया धोबी का काम करते थे. पैरों की बीमारी के कारण बीते कुछ समय से चल भी नहीं पा रहे हैं. घर की पूरी जिम्मेदारी उनकी मां सुमन, बहन लक्ष्मी और ज्योति पर है. बताया कि वह परिवार में सबसे छोटी हैं. एक भाई भी है जो बीकॉम कर रहा है. सबसे बड़ी बहन लक्ष्मी उन्हीं के स्कूल में टीचर हैं. वहीं दूसरी बहन ज्योति टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज में काम कर रही हैं.

स्कूल ने माफ कर रखी है पूरी फीस : दीपाली ने बताया कि उनका एडमिशन गरीब बच्चियों के लिए काम करने वाली संस्था ने प्रेरणा गर्ल्स स्कूल में कराया था. जो स्टडी हॉल एजुकेशन फाउंडेशन के तहत संचालित होता है. यहीं से आठवीं तक की पढ़ाई करने के बाद उन्हें कक्षा 9 में एडमिशन दिया गया. यहां स्कूल प्रशासन उनकी पूरी फीस माफ कर दी है. परिवार को सिर्फ मेरी किताबें और स्कूल ड्रेस का ही इंतजाम करना होता है. बताया कि वह 19 अगस्त को अमेरिका जा रही हैं. जहां पर वह अगले साल जून तक रहकर इस यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम का हिस्सा रहेंगी. इस दौरान उनकी हाईस्कूल की पढ़ाई तो बाधित रहेगी, जिसे वह वहां से आने के बाद पूरा करेंगी.

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Last Updated : Aug 2, 2024, 8:11 PM IST
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