कुचामनसिटी. किसानों ने खेतों में जुताई का कार्य शुरू कर दिया है. माना जाता है कि गर्मी के मौसम में जुताई का माकूल वक्त अप्रैल और मई का होता है. जिले में जो, गेहूं,सरसों, चना आदि फैसले लेने के बाद क्षेत्र के किसान खेती किसानी के काम में जुट गए हैं, ताकि आगामी मानसून की बारिश होने के बाद बाजरा मूंग मोठ गवार की बुवाई कर सकें. इस बारे में डीडवाना कुचामन के कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को गहरी जुताई करने की अपील की है.
कृषि विभाग के सहायक निदेशक ओम प्रकाश मट्टू ने बताया कि ये समय खरीफ की फसल के लिए जुताई करने का सबसे माकूल समय है. किसानों को खेत में गहरी जुताई करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि गहरी जुताई करने से खरपतवार नियंत्रित होती है. कीड़े मकोड़े और उनके अण्डे जमीन के अंदर से बाहर आकर नष्ट हो जाते हैं. मिट्टी पलटने से क्षारीय और लवणीय मिट्टी ऊपर नीचे होने से फसल स्वस्थ व पैदावार अच्छी होती है.
कृषि अधिकारी डॉक्टर प्रभुदयाल ने बताया कि गहरी जुताई करने से अंकुरण सही होता है और फसलों के उत्पादन में काफी अच्छा परिणाम देखने को मिलता है. कृषि वैज्ञानिकों की ओर से जागरूकता संदेश के बाद किसानों में भी गहरी जुताई करने को लेकर सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं.
गोपालपुरा के किसान परसाराम ने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों के सलाह के बाद वे खेतों में गहरी जुताई कर रहे हैं. इससे आने वाली फसलों में रोग व खरपतवार खत्म हो जाएगी. गहरी जुताई के कारण मिट्टी की पलटी हो जाती है, जिससे फसलों में उत्पादन बढ़ जाता है. गर्मी के समय खेतों में गहरी जुताई करने से सूर्य की किरण सीधी गिरने से मिट्टी का तापमान बढ़ जाता है, जिससे फसलों में लगने वाले कीड़े खत्म हो जाते हैं. गहरी जुताई वाली भूमि में बारिश का पानी सोखने की क्षमता भी होती है. गर्मी के दिनों में जुताई करने से ज्यादा तेज धूप की वजह से मिट्टी गर्म होने से खेतों में उगने वाली खरपतवार पूरी तरह नष्ट हो जाती है.