छिन्दवाड़ा : पांच रुपए में भोजन उपलब्ध कराने वाली दीनदयाल रसोई के बुरे हाल हैं. इस रसोई को संचालित कर रही समितियों को पिछले दस से ग्यारह माह से अनुदान की राशि नहीं मिली है. वहीं हर महीने मिलने वाला गेहूं और चावल भी नियमित नहीं मिलने से रसोई पर संकट के बादल हैं. ऐसे में दीनदयाल रसोई चलाने वाली समिति का कहना है कि जैसे-तैसे रसोई को नियमित किया जा रहा है और ऐसे ही हाल रहे तो इसे चला पाना मुश्किल होगा.
उधारी में रसोई चलाने मजबूर संचालक
आर्थिक संकट से जूझ रही इन दीनदयाल रसोई को चलाने के लिए राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण अब जुगाड़ या उधारी में इसे संचालित किया जा रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी रसोई का काम संभाल रहे कर्मचारियों के भुगतान में हो रही है. शहर में एक चलित और तीन स्थाई दीनदयाल रसोई चल रही हैं, जो गांधीगंज, जिला अस्पताल और थोक सब्जी मंडी में सचांलित होती हैं. दीनदयाल रसोई सुबह नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक संचालित होती है, जहां पांच रुपए में भोजन उपलब्ध कराया जाता है.
प्रतिदिन 400-500 लोगों की मिटाते हैं भूख
जिला चिकित्सालय के गेट नंबर चार से प्रवेश करते ही दीनदयाल अंत्योदय रसोई का संचालन समाज कल्याण सेवा समिति द्वारा किया जा रहा है. इस समिति को पिछले 11 माह पूर्व ही जिम्मेदारी मिली है. बताया जा रहा है कि यहा प्रतिदिन औसतन 400 से 500 लोग भोजन करने आते हैं. दीनदयाल रसोई के लिए नगरनिगम की ओर से गेहूं और चावल का आवंटन 40 ग्राम प्रति व्यक्ति के अनुसार मिलता है. यहां पर पिछले चार माह से ज्यादा वक्त बीत गया है गेहूं-चांवल का आवंटन नहीं हुआ है. समिति द्वारा रसोई का संचालन पिछले 11 माह से किया जा रहा है लेकिन अब तक प्रति व्यक्ति दस रूपए के हिसाब से मिलने वाली अनुदान राशि भी नहीं मिली है.
गांधी टीन शेड पर रोजाना 700 से 800 लोगों का भोजन
गांधी टीन शेड शेड के पास बने भवन में पिछले आठ सालों से शुभम शिक्षा समिति के माध्यम से दीनदयाल रसोई का संचालन किया जा रहा है. गांधीगंज क्षेत्र में होने के कारण यहां पर मजदूर वर्ग से लेकर अन्य श्रेणी के लोग भी भोजन करने पहुंचते हैं. दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना के तहत यहां पर तकरीबन 16 से 18 क्विंटल चावल और 48 क्विंटल के आसपास गेहूं की डिमांड होती है. लेकिन यहां भी अनाज का आवंटन लंबे समय से नहीं हुआ है. रसोई में हर दिन तकरीबन 700 से 800 लोग औसतन यहां भोजन करने आते है लेकिन यहां भी अनुदान की राशि का भुगतान समिति को नहीं हुआ है.
क्या कहते हैं जिम्मेदार?
नगरपालिक निगम के सिटी मिशन मैनेजर उमेश पयासी ने बताया, '' पोर्टल में तकनीकी खराबी होने के कारण पिछले तीन माह से अनाज का आवंटन नहीं हो पा रहा है. उम्मीद है कि दिसंबर माह में आवंटन कर दिया जाएगा. अनुदान राशि भी जल्द जारी की जाएगी, बीच में कुछ राशि जारी की गई थी.
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