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राजेंद्र नगर की कोचिंग में छात्रों की मौत के पांच आरोपियों की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित - Rajendra Nagar coaching Case

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 30, 2024, 9:39 PM IST

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर की कोचिंग में छात्रों की मौत मामले में पांच आरोपियों की जमानत अर्जी पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

तीस हजारी कोर्ट
तीस हजारी कोर्ट (Etv bharat)

नई दिल्ली: अदालत ने RAU’S IAS स्टडी सर्कल में जलसैलाब से हुई तीन छात्रों की मौत के मामले में गिरफ्तार पांच आरोपियों की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. तीस हजारी कोर्ट के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट विनोद कुमार ने कल यानि 31 जुलाई को फैसला सुनाने का आदेश दिया.

कोर्ट ने थार चालक मनुज कथुरिया और कोचिंग के सह-मालिकों तेजिंदर सिंह, परविंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. सुनवाई के दौरान थार चालक की ओर से पेश वकील राकेश मल्होत्रा ने कहा कि उसने जानबूझकर गेट नहीं तोड़ा. घटना के समय थार की स्पीड 15 किलोमीटर प्रति घंटा की थी. उन्होंने कहा कि जल-जमाव वाले क्षेत्र में गाड़ी चलाना कठिन काम होता है. जलजमाव को रोकने के लिए नगर निगम है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली कोचिंग हादसे की जांच के लिए गृह मंत्रालय ने बनाई कमेटी, 30 दिनों के अंदर मांगी रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि जलजमाव रोकने के लिए न तो नगर निगम ने कोई काम किया और न ही दिल्ली जल बोर्ड ने. कहा कि इस मामले में ट्रैफिक इंस्पेक्टर, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है. रोड पर भी कोई रोक नहीं थी. पानी ढाई फीट ऊपर से आ रहा था. कोचिंग के चार सह-मालिकों की ओर से पेश वकील अमित चड्डा ने कहा कि कोचिंग में लाइब्रेरी चलाना कोर्ट की लाइब्रेरी से अलग होता है, जहां किताबें नियत जगह पर रखी होती हैं. कोचिंग के लाइब्रेरी का इस्तेमाल क्लासेज के बीच में होता है. इसका दूसरे काम के लिए दुरुपयोग नहीं होता है.

उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 102 के तहत सूचना और मंशा दो मुख्य हिस्से हैं. दूसरी धारा 106 में लापरवाही से मौत का है. धारा 102 और 106 विरोधाभासी हैं. ऐसे में दोनों धाराएं कोचिंग के मालिकों पर नहीं लगाई जा सकती हैं. दिल्ली पुलिस ने 29 जुलाई को RAU’s IAS स्टडी सर्कल के चार सह मालिकों और एक थार चालक को गिरफ्तार किया था. इस मामले में अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस मामले में कोर्ट ने 28 जुलाई की देर रात में कोचिंग के मालिक अभिषेक गुप्ता और कोआर्डिनेटर देशपाल सिंह को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था.

पुलिस ने इन आरोपियों के अलावा बिल्डिंग मैनेजमेंट, सिस्टम की देखरेख करनेवाले निगमकर्मियों और दूसरे आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। दिल्ली पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 106(1), 115(2), 3(5) के तहत केस दर्ज किया है.

बता दें कि RAU’S IAS स्टडी सर्कल के बेसमेंट में स्थित लाइब्रेरी में यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र पढ़ाई कर रहे थे. इस बेसमेंट में अचानक आए पानी में पढ़ाई कर रहे तीन छात्र फंस गए और इनकी मौत हो गई.

ये भी पढ़ें: दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा कोचिंग सेंटर में 3 छात्रों की मौत का मामला, 31 को होगी सुनवाई

नई दिल्ली: अदालत ने RAU’S IAS स्टडी सर्कल में जलसैलाब से हुई तीन छात्रों की मौत के मामले में गिरफ्तार पांच आरोपियों की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. तीस हजारी कोर्ट के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट विनोद कुमार ने कल यानि 31 जुलाई को फैसला सुनाने का आदेश दिया.

कोर्ट ने थार चालक मनुज कथुरिया और कोचिंग के सह-मालिकों तेजिंदर सिंह, परविंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. सुनवाई के दौरान थार चालक की ओर से पेश वकील राकेश मल्होत्रा ने कहा कि उसने जानबूझकर गेट नहीं तोड़ा. घटना के समय थार की स्पीड 15 किलोमीटर प्रति घंटा की थी. उन्होंने कहा कि जल-जमाव वाले क्षेत्र में गाड़ी चलाना कठिन काम होता है. जलजमाव को रोकने के लिए नगर निगम है.

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उन्होंने कहा कि जलजमाव रोकने के लिए न तो नगर निगम ने कोई काम किया और न ही दिल्ली जल बोर्ड ने. कहा कि इस मामले में ट्रैफिक इंस्पेक्टर, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है. रोड पर भी कोई रोक नहीं थी. पानी ढाई फीट ऊपर से आ रहा था. कोचिंग के चार सह-मालिकों की ओर से पेश वकील अमित चड्डा ने कहा कि कोचिंग में लाइब्रेरी चलाना कोर्ट की लाइब्रेरी से अलग होता है, जहां किताबें नियत जगह पर रखी होती हैं. कोचिंग के लाइब्रेरी का इस्तेमाल क्लासेज के बीच में होता है. इसका दूसरे काम के लिए दुरुपयोग नहीं होता है.

उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 102 के तहत सूचना और मंशा दो मुख्य हिस्से हैं. दूसरी धारा 106 में लापरवाही से मौत का है. धारा 102 और 106 विरोधाभासी हैं. ऐसे में दोनों धाराएं कोचिंग के मालिकों पर नहीं लगाई जा सकती हैं. दिल्ली पुलिस ने 29 जुलाई को RAU’s IAS स्टडी सर्कल के चार सह मालिकों और एक थार चालक को गिरफ्तार किया था. इस मामले में अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस मामले में कोर्ट ने 28 जुलाई की देर रात में कोचिंग के मालिक अभिषेक गुप्ता और कोआर्डिनेटर देशपाल सिंह को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था.

पुलिस ने इन आरोपियों के अलावा बिल्डिंग मैनेजमेंट, सिस्टम की देखरेख करनेवाले निगमकर्मियों और दूसरे आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। दिल्ली पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 106(1), 115(2), 3(5) के तहत केस दर्ज किया है.

बता दें कि RAU’S IAS स्टडी सर्कल के बेसमेंट में स्थित लाइब्रेरी में यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र पढ़ाई कर रहे थे. इस बेसमेंट में अचानक आए पानी में पढ़ाई कर रहे तीन छात्र फंस गए और इनकी मौत हो गई.

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