नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा की साजिश से जुड़े आरोपी खालिद सैफी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस सुरेश कैत की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा था कि अब तक कितने चार्जशीट दाखिल किए गए हैं. इसके जवाब में दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व करने वाले विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कहा कि अब तक 4 पूरक चार्जशीट दाखिल किए गए हैं.
6 फरवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा था कि आप साफ-साफ बताइए कि आरोपी की भूमिका क्या है. सुनवाई के दौरान अमित प्रसाद चार्जशीट के उन हिस्सों के बारे में बता रहे थे जिसमें व्हाट्सऐप पर बातचीत का जिक्र है. इस पर कोर्ट ने कहा था कि वो जमानत याचिका पर पूरी चार्जशीट नहीं पढ़ने जा रही हैं. कोर्ट ने कहा था कि अगर वे प्रदर्शन कर रहे थे तो इसमें क्या गलत है. कोर्ट ने कहा था कि जमानत पर सुनवाई के लिए असीमित समय नहीं दिया जा सकता है. आप सात हजार पेज पढ़कर दलील नहीं दे सकते हैं. आप साफ-साफ बताइए कि खालिद सैफी की भूमिका क्या है.
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बता दें, दिल्ली हिंसा की साजिश से जुड़े आठ आरोपियों की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट नए सिरे से सुनवाई कर रहा है. इन आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर पहले से सुनवाई कर रहे जज जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल को मणिपुर हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाये जाने के बाद जस्टिस सुरेश कैत की बेंच सुनवाई कर रही है. दिल्ली हिंसा की साजिश से जुड़े जिन आरोपियों ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर कर रखी है. उनमें शरजील इमाम, खालिद सैफी, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, शादाब अहमद, अतहर खान, शिफा उर रहमान और सलीम खान शामिल हैं.
हाईकोर्ट इस मामले के एक आरोपी इशरत जहां को मिली जमानत को चुनौती देनेवाली दिल्ली पुलिस की याचिका पर भी सुनवाई कर रही है. बता दें, 18 अक्टूबर 2022 को हाईकोर्ट ने इस मामले के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. उमर खालिद ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है.