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सिलक्यारा टनल से मलबा हटाना बना चुनौती, ऑस्ट्रेलियाई कंपनी से इस तकनीक की ली जाएगी मदद - सिलक्यारा सुरंग में मलबा

Debris in Silkyara Tunnel उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में हादसे के बाद भारी भरकम मलबा पड़ा हुआ है. जिसे हटाना चुनौती बना हुआ है. अब मलबे को हटाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई कंपनी से कैविटी ट्रीटमेंट डिजाइन तकनीक की मदद ली जाएगी.

Debris Will be Removed With Australian Company Technology
सिलक्यारा सुरंग
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 20, 2024, 5:14 PM IST

उत्तरकाशी: सिलक्यारा सुरंग में पड़े हजारों टन मलबे को हटाने के लिए अब ऑस्ट्रेलियाई कंपनी की मदद ली जाएगी. सुरंग के अंदर से मलबे को ऑस्ट्रेलियाई कंपनी के कैविटी ट्रीटमेंट डिजाइन तकनीक से निकाला जाएगा. कार्यदायी संस्था के अधिकारियों का कहना है कि मलबे को हटाने के दौरान किसी प्रकार का जोखिम नहीं लिया जा सकता है. इसलिए मलबा हटाने की प्रक्रिया डिजाइन तकनीक की रिपोर्ट आने के बाद ही शुरू की जाएगी.

गौर हो कि बीती साल 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग के निर्माण के दौरान करीब 65 मीटर हिस्से में भारी मलबा आ गया था. जिस कारण सुरंग में मजदूर और टेक्निशियन समेत 41 लोग फंस गए थे. जिन्हें 17 दिन की जद्दोजहद के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया था. सुरंग हादसे के दौरान अंदर करीब 65 मीटर हिस्से में हजारों टन मलबा आ गया था. जिसे हटाना अब कार्यदायी संस्था नवयुगा कंपनी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है.

एक हफ्ते पहले एसडीआरएफ के जवानों ने सुरंग के अंदर डी वाटरिंग समेत आवश्यक कार्यों की जानकारी जुटाई, लेकिन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने के बाद एसडीआरएफ के जवानों ने भी पिछले 3 से 4 दिनों से सुरंग में जाना बंद कर दिया है. हालांकि, एनएचआईडीसीएल के अधिकारी मौके पर निर्माण कार्य दोबारा शुरू करने के लिए स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं.

मलबा हटाते हुए कोई हादसा न हो, इसके लिए कार्यदायी संस्था नवयुगा कंपनी की ओर से ऑस्ट्रेलिया की एक कंपनी से मलबे के निस्तारण के लिए कैविटी ट्रीटमेंट डिजाइन की तकनीक रिपोर्ट मांगी है. वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही सुरंग से मलबा हटाने का काम शुरू हो पाएगा. कंपनी के पीएम डिजाइन तकनीक रिपोर्ट आने के बाद ही मलबे के निस्तारण समेत सुरंग के निर्माण का कार्य दोबारा शुरू हो पाएगा.

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उत्तरकाशी: सिलक्यारा सुरंग में पड़े हजारों टन मलबे को हटाने के लिए अब ऑस्ट्रेलियाई कंपनी की मदद ली जाएगी. सुरंग के अंदर से मलबे को ऑस्ट्रेलियाई कंपनी के कैविटी ट्रीटमेंट डिजाइन तकनीक से निकाला जाएगा. कार्यदायी संस्था के अधिकारियों का कहना है कि मलबे को हटाने के दौरान किसी प्रकार का जोखिम नहीं लिया जा सकता है. इसलिए मलबा हटाने की प्रक्रिया डिजाइन तकनीक की रिपोर्ट आने के बाद ही शुरू की जाएगी.

गौर हो कि बीती साल 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग के निर्माण के दौरान करीब 65 मीटर हिस्से में भारी मलबा आ गया था. जिस कारण सुरंग में मजदूर और टेक्निशियन समेत 41 लोग फंस गए थे. जिन्हें 17 दिन की जद्दोजहद के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया था. सुरंग हादसे के दौरान अंदर करीब 65 मीटर हिस्से में हजारों टन मलबा आ गया था. जिसे हटाना अब कार्यदायी संस्था नवयुगा कंपनी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है.

एक हफ्ते पहले एसडीआरएफ के जवानों ने सुरंग के अंदर डी वाटरिंग समेत आवश्यक कार्यों की जानकारी जुटाई, लेकिन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने के बाद एसडीआरएफ के जवानों ने भी पिछले 3 से 4 दिनों से सुरंग में जाना बंद कर दिया है. हालांकि, एनएचआईडीसीएल के अधिकारी मौके पर निर्माण कार्य दोबारा शुरू करने के लिए स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं.

मलबा हटाते हुए कोई हादसा न हो, इसके लिए कार्यदायी संस्था नवयुगा कंपनी की ओर से ऑस्ट्रेलिया की एक कंपनी से मलबे के निस्तारण के लिए कैविटी ट्रीटमेंट डिजाइन की तकनीक रिपोर्ट मांगी है. वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही सुरंग से मलबा हटाने का काम शुरू हो पाएगा. कंपनी के पीएम डिजाइन तकनीक रिपोर्ट आने के बाद ही मलबे के निस्तारण समेत सुरंग के निर्माण का कार्य दोबारा शुरू हो पाएगा.

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