बाड़मेर. जिले में 6 दिन पहले मिले अज्ञात युवक का रविवार को पुलिस अंतिम संस्कार करने की तैयारी में थी. इसी बीच मृतक के परिजन जिला अस्पताल की मॉर्चरी पहुंचे और मृतक के शव की शिनाख्त की. इतना ही नहीं मृतक युवक के परिजनों ने पुलिस पर युवक के गुमशुदी की दर्ज नहीं करने का आरोप लगाते हुए शव उठाने से इनकार कर दिया. जिस पर पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और मृतक के परिजनों से समझाइश कर सहमति बनाई. वहीं मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी नरेंद्र सिंह मीणा ने लापरवाह पुलिस कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दी.
दरअसल 4 मार्च की रात बाड़मेर के रीको थाना इलाके में बीएनसी होटल के पास रेलवे ट्रैक पर अज्ञात युवक का शव मिला था. जिस पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया और शिनाख्त के प्रयास शुरू किए. 6 दिन तक शिनाख्त नहीं होने के चलते पुलिस ने रविवार को अज्ञात शव का अंतिम संस्कार करने की कार्रवाई शुरू कर दी. इस बीच मृतक के परिजन जिला अस्पताल की मोर्चरी पहुंचे और जितेंद्र कुमार (35) पुत्र गोविंद राम के रूप में शिनाख्त कर कोतवाली पुलिस पर युवक की गुमशुदगी दर्ज नहीं करने का आरोप लगाते हुए शव उठाने से इनकार कर दिया.
इसके बाद पुलिस के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और मृतक के परिजनों से समझाइश के प्रयास किए. मृतक के भाई पुनीत के अनुसार कि उसका भाई जितेंद्र कुमार जीनगर 4 मार्च को घर से निकला था. जिसके बाद वह घर नहीं लौटा. 8 मार्च को कोतवाली थाने में गुमशुदगी की लिखित रिपोर्ट देने के बावजूद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. मृतक के भाई ने बताया कि आज हमें जानकारी मिली कि मोर्चरी में एक अज्ञात युवक का शव पड़ा है. पता चला कि यह शव जितेंद्र का है. 6 दिन से शव यहां पड़ा है, लेकिन हमें कोई सूचना नहीं दी.
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बाड़मेर उपाधीक्षक रमेश कुमार ने बताया कि 4 मार्च को ट्रेन से कटी हुई एक व्यक्ति की बॉडी मिली थी. जिसे जिला अस्पताल की मोर्चरी में सुरक्षित रखवाया गया था. आज शव की पहचान हुई है. मृतक के भाई ललित ने शव की जितेंद्र कुमार जीनगर के रूप में शिनाख्त की है. उन्होंने बताया कि मृतक के भाई ललित कुमार की रिपोर्ट के आधार पर मर्ग दर्ज कर जांच की जा रही है.
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लापरवाह हेड कांस्टेबल लाइन हाजिर: रमेश कुमार ने बताया कि 8 मार्च को जितेंद्र के परिजन रिपोर्ट लेकर कोतवाली थाने गए थे, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की. इस संबंध में मृतक के परिजनों और समाज के अन्य लोगों द्वारा आक्रोश व्यक्त किया गया. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट दर्ज नहीं करने वाले डीओ हेड कांस्टेबल के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी. हेड कांस्टेबल परमवीर को पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार लाइन भेज दिया गया है.