पटना: पिछले दिनों कश्मीर में हुए आतंकी हमले में तीन बिहारी मजदूरों की मौत हो गई थी. मृतकों में मोहम्मद हनीफ और मोहम्मद कलीम मधेपुरा के रहने वाले थे, जबकि फहीम नसीर वैशाली जिले के चेहराकलां अबाबकपुर के निवासी थे. फहीम नसीर सेफ्टी मैनेजर के रूप में वहां काम करते थे. उनका काम पेंटिंग का था, जो लगभग समाप्त हो गया था और जल्द ही वो घर आने वाले थे.
अचानक आ धमके चार नकाबपोश आतंकी: मारे गए लोगों के साथ ही काम कर रहे अन्य लोग भी आज पटना पहुंचे हैं. हनीफ के रिश्तेदार सिराज ने बताया कि शाम सात बजे काम बंद कर वो लोग खाना खाने वाले थे, उसी समय चार नकाबपोश आए और ताबड़तोड़ गोलियां चलाने लगे. जिसके बाद सभी अपने घर के अंदर भागने लगे. दरवाजा बंद करने के थोड़ी देर बाद जब वो बाहर निकलकर आए तो देखा कि उनके रिश्तेदार हनीफ मरे हुए थे. उनके पेट और छाती में दो गोलियां लगी थी.
"शाम का समय था, काम करने के बाद हम सभी खाना खाने जा रहे थे. अचानक वहां चार नकाबपोश आ गए और गोलियां बरसाने लगें. इस गोलीबाड़ी में हनीफ को दो गोली पेट और छाती में लगी, जिससे उनकी मौत हो गई. हम सभी ने दो दिनों से कुछ खाया भी नहीं है."- रियाज हुसैन, मृतक हनीफ का रिश्तेदार
मजदूरों के बीच खौफ: इस हमले से मजदूर काफी डर गए थे. उनका कहना है कि आतंकी के वहां छुपे होने का सोचकर ही वो दहशत में थे. हालांकि कुछ देर में ही मौके पर पुलिस और कंपनी के लोग आ गए. जिसके बाद सभी व्यवस्था की गई. वहीं कलीम के रिश्तेदार अरबाज कहते हैं कि बहुत दुखद घटना हुई है. वो लोग कमाने और परिवार को पालने के लिए बाहर जाते हैं. ऐसी घटना से वह काफी डरे हुए हैं.
"मेरा नौसेरा भाई कलीम अब नहीं रहा. गोली लगने से उसकी मौत हो गई है. हमें अब बाहर जाकर काम करने में बहुत डर लगता है. अब यह सोचना पड़ेगा कि क्या करें और कहां कमाने जाए." -अरवाज खान, मृतक कलीम के रिश्तेदार
घटना से परिजनों में आक्रोश: वहीं आज पटना एयरपोर्ट पर जब आतंकी हमले के मारे गए लोगों का शव आया तो माहौल पूरी तरह गमगीन था. परिजन काफी आक्रोशित थे और उनका कहना था कि आखिर ऐसे हमले क्यों होते हैं. बेकसूर की जान लेना कहीं से उचित नहीं है. फिलहाल सरकार के तरफ से इन लोगों के परिवार को क्या सहायता मिलेगी यह अभी साफ नहीं हो पाया है. अभी इनके शव को उनके पैतृक गांव ले जाया गया है, जहां उन्हे दफनाया जाएगा.