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केदारनाथ मार्ग पर लिंनचोली में मलबे में दबे मिले तीन शव, SDRF ने किया रेस्क्यू, दो की हुई शिनाख्त - kedarghati disaster rescue

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 16, 2024, 7:15 AM IST

Updated : Aug 16, 2024, 5:35 PM IST

Kedarghati Disaster 2024: केदारनाथ पैदल मार्ग को दुरुस्त करने समय मजदूरों को तीन शव दिखाई दिए. सूचना पाकर मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने बोल्डर और मलबा हटाकर शवों को निकाला. दो शवों की शिनाख्त हो गई है.

SDRF team rescued the bodies
एसडीआरएफ की टीम ने शवों को किया रेस्क्यू (Photo-Etv Bharat)

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ पैदल मार्ग पर 31 जुलाई की रात आई आपदा के बाद से लगातार सर्च अभियान जारी है. इसके साथ ही पैदल मार्ग को दुरुस्त करने का कार्य भी किया जा रहा है. वहीं गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग के यात्रा पड़ाव छोटी लिंचोली एमआरपी से ऊपर मलबे में दबे तीन शव मिले हैं. मलबा हटाते समय मजदूरों को ये शव दिखाई दिए. इसकी सूचना एसडीआरएफ को दी गई. सूचना पाकर मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने शव को निकालकर पुलिस के सुपुर्द किया. दो मृतकों की पहचान कर ली गई है.

मजदूरों को दिखाई दिए शव: गौर हो कि केदारनाथ पैदल मार्ग को दुरुस्त करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है. जिससे यात्री पैदल केदारनाथ की यात्रा कर सके. बीते दिन लिंनचोली में पैदल मार्ग से मलबा हटाते समय मजदूरों को कुछ शव दिखाई दिए. उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी. इसके बाद मलबे से शवों को निकालने को लेकर एसडीआरएफ की टीम ने एसआई प्रेम सिंह के नेतृत्व में घटनास्थल पर पहुंचकर सर्च अभियान चलाया.

दो शवों की हुई शिनाख्त: जिसके बाद बड़े-बड़े बोल्डरों के नीचे दबे शवों को बाहर निकाल कर जिला पुलिस के सुपर्द किया गया. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि शवों को मलबे से करीब 7 घंटे की मशक्कत के बाद निकालकर भीमबली आपातकालीन हेलीपैड में लाया गया लेकिन मौसम खराब होने के कारण हेली सेवा संचालित नहीं हो पाई, इसलिए शवों को एमआरपी भीमबली में रखवाया गया है.

शव की पहचान कृष्ण पटेल (पुत्र लाल बहादुर पटेल निवासी जय पालपुर रामनगर उत्तर प्रदेश) व सुमित शुक्ला (पुत्र राम विकेश शुक्ला निवासी आरसी 240190 अर्चना एनक्लेव खोडा गाजियाबाद उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है. इन दोनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना सोनप्रयाग में दर्ज है. तीसरे शव की पहचान नहीं हो पाई है. शवों को मौसम सही होने पर शनिवार सुबह भीमबली हेलीपैड से भिजवाया जाएगा.

बता दें कि बीते 31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल मार्ग पर हुई त्रासदी के बाद जहां 15 हजार के करीब तीर्थ यात्रियों एवं स्थानीय लोगों का रेस्क्यू किया गया. वहीं अभी भी कई लोगों के शव यात्रा मार्ग पर मिल रहे हैं. इसके साथ ही पैदल मार्ग को दुरुस्त करने को लेकर 260 से ज्यादा मजदूर जुटे हुए हैं.

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रुद्रप्रयाग: केदारनाथ पैदल मार्ग पर 31 जुलाई की रात आई आपदा के बाद से लगातार सर्च अभियान जारी है. इसके साथ ही पैदल मार्ग को दुरुस्त करने का कार्य भी किया जा रहा है. वहीं गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग के यात्रा पड़ाव छोटी लिंचोली एमआरपी से ऊपर मलबे में दबे तीन शव मिले हैं. मलबा हटाते समय मजदूरों को ये शव दिखाई दिए. इसकी सूचना एसडीआरएफ को दी गई. सूचना पाकर मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने शव को निकालकर पुलिस के सुपुर्द किया. दो मृतकों की पहचान कर ली गई है.

मजदूरों को दिखाई दिए शव: गौर हो कि केदारनाथ पैदल मार्ग को दुरुस्त करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है. जिससे यात्री पैदल केदारनाथ की यात्रा कर सके. बीते दिन लिंनचोली में पैदल मार्ग से मलबा हटाते समय मजदूरों को कुछ शव दिखाई दिए. उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी. इसके बाद मलबे से शवों को निकालने को लेकर एसडीआरएफ की टीम ने एसआई प्रेम सिंह के नेतृत्व में घटनास्थल पर पहुंचकर सर्च अभियान चलाया.

दो शवों की हुई शिनाख्त: जिसके बाद बड़े-बड़े बोल्डरों के नीचे दबे शवों को बाहर निकाल कर जिला पुलिस के सुपर्द किया गया. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि शवों को मलबे से करीब 7 घंटे की मशक्कत के बाद निकालकर भीमबली आपातकालीन हेलीपैड में लाया गया लेकिन मौसम खराब होने के कारण हेली सेवा संचालित नहीं हो पाई, इसलिए शवों को एमआरपी भीमबली में रखवाया गया है.

शव की पहचान कृष्ण पटेल (पुत्र लाल बहादुर पटेल निवासी जय पालपुर रामनगर उत्तर प्रदेश) व सुमित शुक्ला (पुत्र राम विकेश शुक्ला निवासी आरसी 240190 अर्चना एनक्लेव खोडा गाजियाबाद उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है. इन दोनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना सोनप्रयाग में दर्ज है. तीसरे शव की पहचान नहीं हो पाई है. शवों को मौसम सही होने पर शनिवार सुबह भीमबली हेलीपैड से भिजवाया जाएगा.

बता दें कि बीते 31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल मार्ग पर हुई त्रासदी के बाद जहां 15 हजार के करीब तीर्थ यात्रियों एवं स्थानीय लोगों का रेस्क्यू किया गया. वहीं अभी भी कई लोगों के शव यात्रा मार्ग पर मिल रहे हैं. इसके साथ ही पैदल मार्ग को दुरुस्त करने को लेकर 260 से ज्यादा मजदूर जुटे हुए हैं.

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Last Updated : Aug 16, 2024, 5:35 PM IST
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