मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का शराब नीति और नशा मुक्ति केंद्र पर दिया बयान अब सियासी चर्चा का केंद्र बन गया है. एक ओर मंत्री जायसवाल ने प्रदेश में ब्रांडेड शराब की उपलब्धता और पारदर्शिता का दावा किया है, तो दूसरी ओर चिरमिरी में नशा मुक्ति सह उपचार केंद्र का उद्घाटन करते हुए नशे को सामाजिक बुराई बताया. उनके इस दोहरे रुख पर विपक्ष के साथ-साथ जनता और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है.
नशा मुक्ति केंद्र का उद्घाटन और विरोधाभास: चिरमिरी में नशा मुक्ति सह उपचार केंद्र का उद्घाटन करते हुए मंत्री जायसवाल ने नशे को समाज के लिए घातक बताया. उन्होंने कहा, "नशा समाज को खोखला कर देता है. हमारी सरकार नशा मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है."
मंत्री के इस बयान पर सवाल उठ रहे हैं. किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने कहा मंत्री जी ब्रांडेड शराब की उपलब्धता की बात कर रहे हैं और उसी दिन नशा मुक्ति केंद्र का उद्घाटन करते हैं. यह दोहरी नीति और दोहरा चरित्र है. एक तरफ वे शराब को बढ़ावा दे रहे हैं, दूसरी ओर नशा मुक्ति की बात कर रहे हैं.
विरोधियों ने कसा तंज: मंत्री जायसवाल के इस बयान के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. विपक्ष ने मंत्री के बयानों को 'दोहरा मापदंड' करार दिया. उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पहले भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार के शराब नीति का विरोध करते हुए प्रदर्शन किए. आज उनकी अपनी सरकार में शराब बंदी का वादा भुला दिया गया और ब्रांडेड शराब उपलब्ध कराने का प्रचार किया जा रहा है.