नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली महिला आयोग (DCW) में कार्यरत कर्मचारियों को पिछले 6 महीने से सैलरी नहीं मिलने के मामले में चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि सैलरी नहीं से DCW कर्मचारियों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है. नेता प्रतिपक्ष ने 13 अगस्त को इस मामले को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखा और आयोग के कर्मचारियों की बकाया सैलरी दिलवाने का आग्रह किया. अब इस पर उपराज्यपाल ने संज्ञान लेते हुए आयोग को इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
बीजेपी नेता ने कहा कि पिछले सप्ताह दिल्ली महिला आयोग के कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की थी. उन्होंने बताया था कि 6 से 9 महीने तक की सेलरी नहीं मिली है, जिसकी वजह से उनको भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. अनेक कर्मचारी तो अपनी बीमारियों के इलाज और दवाइयों तक के लिए भी केवल अपनी सैलरी पर ही निर्भर रहते हैं.
नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि डोमेस्टिक वायलेंस और एसिड अटैक की शिकार हो चुकी कुछ महिलाओं को भी दिल्ली महिला आयोग में बतौर कर्मचारी नियुक्त किया गया था. उनको भी पिछले कई महीनों से सैलरी ना मिलने के कारण भारी आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. इन सभी को भी जल्द सैलरी दी जाए. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उनको वेतन नहीं देना सिर्फ एक आर्थिक मुद्दा ही नहीं है, बल्कि उनके अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है.
विधानसभा में विपक्ष नेता गुप्ता ने आगे कहा कि आयोग के केवल कर्मचारी ही नहीं, बल्कि दिल्ली महिला आयोग की तरफ से सामाजिक संस्थाओं को दिया जाने वाला ग्रांट भी नहीं दिया जा रहा है. इस कारण से यह सामाजिक संस्थाएं भी अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रही हैं.
ये भी पढ़ें: