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मनरेगा और अन्य विकास कार्यों में अनियमिताएं बरतने पर प्रधान निलंबित, उपायुक्त ने जारी किए आदेश

रोहड़ू उपमंडल में कारासा पंचायत प्रधान को निलंबित किया गया है. मनरेगा समेत अन्य कार्यों में अनियमिताएं बरतने पर ये कार्रवाई हुई है.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 3 hours ago

पंचायत प्रधान को किया निलंबित
पंचायत प्रधान को किया निलंबित (कॉन्सेप्ट इमेज)

शिमला: जिला के विकास खंड रोहड़ू की पंचायत करासा के प्रधान को उपायुक्त शिमला ने निलंबित कर दिया है. करासा पंचायत के प्रधान देवराज पर मनरेगा और 15वें वित्त आयोग के तहत किए जाने वाले विकास कार्यों में अनियमिताएं बरतने का आरोप है. उपायुक्त अनुपम कश्यप ने प्रधान देव राज को निलंबित करने के आदेश की अधिसूचना जारी कर दी है.

ग्राम पंचायत करासा के स्थानीय निवासी ने उक्त प्रधान के खिलाफ लिखित में शिकायत खंड विकास अधिकारी रोहड़ू के पास की थी. इस शिकायत की प्रारंभिक जांच की गई. 6 मई 2024 को 135 पन्नों की जांच रिपोर्ट सौंपी गई. इसी रिपोर्ट में वर्ष 2020 से 2024 तक विकासात्मक कार्यों में वित्तीय अनियमिताएं पाए जाने की पुष्टि हुई. 1 जुलाई 2024 को जांच में लगे आरोपों को लेकर प्रधान ग्राम पंचायत करासा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

4 जुलाई 2024 को प्रधान ने उक्त आरोपों पर लिखित में अपना जवाब दायर किया है. इसके बाद प्रधान के लिखित जवाबों का आवलोकन पंचायत के रिकॉर्ड के साथ किया गया. जांच में प्रधान की ओर से अपने बचाव में पेश किए तथ्य सही नहीं पाए गए. प्रधान ने फर्जी बिल, समान की खरीददारी में अनियमिताएं बरतने, कार्यों के बजट को स्थानांतरित करने, अधूरे कार्यों, मजदूरों के खातों में सीधे मजदूरी न ट्रांसफर करने, एक ही व्यक्ति को बिना कोटेशन के कार्य आवंटित करने, बिना बजट के अत्याधिक कार्य करवाने, तकनीकी अनुमति के बिना कार्य करने आदि की अनियमिताएं जांच में सामने आई हैं.

ऐसे में उपायुक्त ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145 (1) (c) के तहत प्रधान को अपने कार्य में लापरवाही बरतने के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही पंचायत से जुड़ा सारा रिकॉर्ड, स्टोर, स्टॉक, स्टांप आदि जो प्रधान के पास मौजूद है उसे पंचायत सचिव को सौंपने के आदेश जारी किए है.

शिमला: जिला के विकास खंड रोहड़ू की पंचायत करासा के प्रधान को उपायुक्त शिमला ने निलंबित कर दिया है. करासा पंचायत के प्रधान देवराज पर मनरेगा और 15वें वित्त आयोग के तहत किए जाने वाले विकास कार्यों में अनियमिताएं बरतने का आरोप है. उपायुक्त अनुपम कश्यप ने प्रधान देव राज को निलंबित करने के आदेश की अधिसूचना जारी कर दी है.

ग्राम पंचायत करासा के स्थानीय निवासी ने उक्त प्रधान के खिलाफ लिखित में शिकायत खंड विकास अधिकारी रोहड़ू के पास की थी. इस शिकायत की प्रारंभिक जांच की गई. 6 मई 2024 को 135 पन्नों की जांच रिपोर्ट सौंपी गई. इसी रिपोर्ट में वर्ष 2020 से 2024 तक विकासात्मक कार्यों में वित्तीय अनियमिताएं पाए जाने की पुष्टि हुई. 1 जुलाई 2024 को जांच में लगे आरोपों को लेकर प्रधान ग्राम पंचायत करासा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

4 जुलाई 2024 को प्रधान ने उक्त आरोपों पर लिखित में अपना जवाब दायर किया है. इसके बाद प्रधान के लिखित जवाबों का आवलोकन पंचायत के रिकॉर्ड के साथ किया गया. जांच में प्रधान की ओर से अपने बचाव में पेश किए तथ्य सही नहीं पाए गए. प्रधान ने फर्जी बिल, समान की खरीददारी में अनियमिताएं बरतने, कार्यों के बजट को स्थानांतरित करने, अधूरे कार्यों, मजदूरों के खातों में सीधे मजदूरी न ट्रांसफर करने, एक ही व्यक्ति को बिना कोटेशन के कार्य आवंटित करने, बिना बजट के अत्याधिक कार्य करवाने, तकनीकी अनुमति के बिना कार्य करने आदि की अनियमिताएं जांच में सामने आई हैं.

ऐसे में उपायुक्त ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145 (1) (c) के तहत प्रधान को अपने कार्य में लापरवाही बरतने के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही पंचायत से जुड़ा सारा रिकॉर्ड, स्टोर, स्टॉक, स्टांप आदि जो प्रधान के पास मौजूद है उसे पंचायत सचिव को सौंपने के आदेश जारी किए है.

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