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भिवानी में बेटा-बेटी एक समान का समाज को संदेश, पिता ने शादी से पहले दोनों बेटियों की निकाली घुड़चढ़ी

भिवानी में बेटा-बेटी एक समान का संदेश देते हुए एक पिता ने अपनी दोनों बेटियों की शादी से पहले घुड़चढ़ी निकाली.

daughters Horse riding in Bhiwani
daughters Horse riding in Bhiwani (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 3 hours ago

Updated : 1 hours ago

भिवानी: हरियाणा में एक कहावत काफी मशहूर है...म्हारी छोरी-छोरो से कम है के. दरअसल, हरियाणा के भिवानी में बवानीखेड़ा के गांव पुर में बेटियों की शादी से पहले गांव में घुड़चढ़ी निकालकर बेटियों के पिता पवन कुमार ने एक अनोखी मिसाल पेश की. दोनों लड़कियों की घुड़चढ़ी निकालकर लड़कियों के माता-पिता ने लड़का-लड़की एक समान का संदेश दिया है.

बेटियों की घुड़चढ़ी में खुश हुआ गांव: प्रदेश में पूर्व कालीन सभ्यता से जहां शादी-विवाह की अलग-अलग तरीके से रस्में निभाई जाती थी. ऐसे में पुर गांव में बेटियों के विवाह से पहले गांव में घुड़चढ़ी निकाल, लड़कियों के पिता पवन कुमार ने क्षेत्र में अनोखी पहल की शुरुआत की है और परिजनों ने नाच-गाने पर नृत्य कर खुशी मनाई. बेटियों के सम्मान को लेकर गांव पुर में दो लड़कियों की घुड़चढ़ी निकाली गई. जिसमें महिलाओं और पुरुषों ने नाच-गाकर जश्न मनाया गया. जिसके चलते समाज में लड़का-लड़की का भेदभाव दूर होगा.

daughters Horse riding in Bhiwani (Etv Bharat)

बेटा-बेटी एक समान का समाज को संदेश: समाज को एक अच्छा संदेश व बेटियों को बढ़ावा मिलेगा. परिजनों का कहना है कि पूर्व सभ्यता में केवल लड़को की शादी विवाह में ही घुड़चढ़ी निकाली जाती थी. लेकिन आज के दौर में सामाजिक बदलाव होने से लड़कियां भी किसी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं है. उनके सम्मान में हर वर्ग से सामाजिक बढ़ावे के प्रयास किये जा रहे हैं. बेटियों के पिता ने कहा कि उन्हें अपनी दोनों लड़कियों की गांव में घुड़चढ़ी निकालने की बड़ी खुशी है.

लड़कियों के परिजनों में खुशी की लहर: लड़कियों के पिता पवन कुमार, ताऊ नरेश, भाई पंकज व बुआ ने बताया कि पुर गांव में अपनी दो लड़कियों की घुड़चढ़ी निकाल कर वह बेहद खुश है. उनके परिवार में भी खुशी का माहौल है. उन्होंने अपनी दोनों लड़कियों का पालन-पोषण भी बेटे की तरह ही किया है. उनकी दोनों लड़कियों की इच्छा थी कि उनकी गांव में घुड़चढ़ी निकाली जाए. उनका उद्देश्य है कि समाज में लड़का-लड़की में भेदभाव न हो. लड़कियों को भी बेटे का दर्जा दिया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: Lesbian wedding in Haryana: 2 लड़कियों में हुआ प्यार और भाग कर रचा ली शादी

ये भी पढ़ें:हरियाणा में विवाह पंजीकरण करवाना हुआ आसान, कई पदाधिकारी विवाह रजिस्ट्रार नामित, सरकार ने अधिसूचना जारी की - Marriage Registration in Haryana

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बेटियों की घुड़चढ़ी में खुश हुआ गांव: प्रदेश में पूर्व कालीन सभ्यता से जहां शादी-विवाह की अलग-अलग तरीके से रस्में निभाई जाती थी. ऐसे में पुर गांव में बेटियों के विवाह से पहले गांव में घुड़चढ़ी निकाल, लड़कियों के पिता पवन कुमार ने क्षेत्र में अनोखी पहल की शुरुआत की है और परिजनों ने नाच-गाने पर नृत्य कर खुशी मनाई. बेटियों के सम्मान को लेकर गांव पुर में दो लड़कियों की घुड़चढ़ी निकाली गई. जिसमें महिलाओं और पुरुषों ने नाच-गाकर जश्न मनाया गया. जिसके चलते समाज में लड़का-लड़की का भेदभाव दूर होगा.

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बेटा-बेटी एक समान का समाज को संदेश: समाज को एक अच्छा संदेश व बेटियों को बढ़ावा मिलेगा. परिजनों का कहना है कि पूर्व सभ्यता में केवल लड़को की शादी विवाह में ही घुड़चढ़ी निकाली जाती थी. लेकिन आज के दौर में सामाजिक बदलाव होने से लड़कियां भी किसी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं है. उनके सम्मान में हर वर्ग से सामाजिक बढ़ावे के प्रयास किये जा रहे हैं. बेटियों के पिता ने कहा कि उन्हें अपनी दोनों लड़कियों की गांव में घुड़चढ़ी निकालने की बड़ी खुशी है.

लड़कियों के परिजनों में खुशी की लहर: लड़कियों के पिता पवन कुमार, ताऊ नरेश, भाई पंकज व बुआ ने बताया कि पुर गांव में अपनी दो लड़कियों की घुड़चढ़ी निकाल कर वह बेहद खुश है. उनके परिवार में भी खुशी का माहौल है. उन्होंने अपनी दोनों लड़कियों का पालन-पोषण भी बेटे की तरह ही किया है. उनकी दोनों लड़कियों की इच्छा थी कि उनकी गांव में घुड़चढ़ी निकाली जाए. उनका उद्देश्य है कि समाज में लड़का-लड़की में भेदभाव न हो. लड़कियों को भी बेटे का दर्जा दिया जाना चाहिए.

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Last Updated : 1 hours ago
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