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जुनून ऐसा की शख्स ने उम्र को दी मात, 82 साल में बुजुर्ग ने दूसरी बार की PhD, बोले- पढ़ते जाना है - Datia Old Man Passion For Education

एमपी के दतिया के एक शख्स का जज्बा ऐसा की, आराम की उम्र में भी लगातार दूसरी बार पीएचडी कर दी. 82 साल के इन बुजुर्ग ने युवाओं के सामने एक नई मिसाल पेश की. साथ ही इस वाक्य को भी सच कर दिखाया कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती है.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 15, 2024, 5:46 PM IST

DATIA OLD MAN PASSION FOR EDUCATION
जुनून ऐसा की शख्स ने उम्र को दी मात, 82 साल में बुजुर्ग ने दूसरी बार की PhD, बोले- पढ़ते जाना है

दतिया। अक्सर लोग कहते हैं उम्र महज एक नंबर होते हैं, बाकि दिल से वे जवान ही रहते हैं. ऐसे ही शिक्षा ग्रहण करने की भी कोई उम्र नहीं होती. अगर व्यक्ति दिल से ठान ले तो वह उम्र के नंबरों को मात देकर अपने सपनों को पूरा कर सकता है. कुछ ऐसा ही एमपी के दतिया जिले में 82 साल के एक बुजुर्ग ने कर दिखाया है. जी हां 82 साल की उम्र में 18 साल का जोश लेकर ओपी सक्सेना ने लॉ विषय में अपनी पीएचडी पूरी की है. जीवाजी विश्वविद्यालय ने 5 अप्रैल को पीएचडी पूरा करने का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है.

82 में भी कर ली पीएचडी आगे और तैयारी

शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र नहीं होती ये बात सही है. व्यक्ति जीवन भर सीखता है और आगे बढ़ता है. यह कहावत 82 साल के डॉ. ओपी सक्सेना के लिए सच साबित हुई है. 82 वर्ष की जिस उम्र में लोग आराम करते हैं. डॉ. सक्सेना पढ़ाई में 18 वर्ष के युवाओं को पीछे छोड़ रहें हैं. हाल ही में उन्होंने दूसरी बार पीएचडी पूरी की है, जीवाजी विश्वविद्यालय ने लॉ विषय में उनकी पीएचडी पूरा करने का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. आगे भी डॉ सक्सेना पढ़ाई के लिए निरंतर तैयार हैं और एक नई खोज में जुटे हुए हैं.

डॉ. ओपी सक्सेना की यह दूसरी पीएचडी है. इससे पहले उन्हें वर्ष 2000 में शिक्षा के विषय में पीएचडी अवार्ड किया था. शहर के होलीपुरा निवासी डॉ. सक्सेना शिक्षा विभाग के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विश्वविद्यालय क्रमांक 1 दतिया के प्राचार्य पद से सेवानिवृत हैं. उन्होंने सेवानिवृति के बाद हाइकोर्ट में प्रैक्टिस की, लेकिन पढ़ाई करने की ओर बार-बार उनका मन भागता रहा. उन्होंने कॉलेज में प्रवेश लेकर वर्ष 2013-14 में एलएलएम की डिग्री पूरी कर ली. वह यहीं नहीं रुके और अपनी आगे भी पढ़ाई जारी रखी. उन्होंने आगे लॉ विषय में पीएचडी करने के बारे में सोचा.

वर्ष 2018 में उन्होंने पीएचडी के लिए एप्लाई किया और उन्हें 2019 में काउंसलिंग के बाद एडमिशन भी मिल गया. अब ग्वालियर में ‘चिकित्सकीय लापरवाही और चिकित्सकीय कदाचार पर एक विशलेष्णात्मक अध्ययन’ विषय पर डॉ. गणेश दुबे के मागर्दशन में डॉक्टर और ऑफ फिलॉसफी की डिग्री हासिल की है.

पिता की इच्छा थी निरंतर पढ़ाई जारी रखे

डॉ सक्सेना ने बताया कि उस उम्र में पढ़ाई करना क्यों चुना. जब ज्यादातर लोग आराम करना चाहते हैं. इस पर सक्सेना कहते हैं कि 'उनके पिता की इच्छा थी कि वह लगातार पढ़ते रहे हैं. उन्हीं की प्रेरणा से आज भी पढ़ाई जारी है और आगे जब तक जीवन रहा और जो विषय समझ आया. उसमें भी वह अपनी रुचि के साथ पढ़ाई करेंगे. दतिया निवासी डॉक्टर सक्सेना वर्तमान में ग्वालियर में निवासरत हैं और हाइकोर्ट में प्राइवेट प्रैक्टिस भी कर रहे हैं.

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डॉ. सक्सेना के पास अब कुल 8 डिग्रियां

डॉक्टर सक्सेना लंबे समय तक दतिया में ही पदस्थ रहे. वह उत्कृष्ट उ.मा.वि. क्रमांक 1 में प्राचार्य पद पर पदस्थ रहे हैं. पीएचडी का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब उनके पास कुल 8 डिग्रियां हो गई हैं. डॉ. सक्सेना के पास बीएससी, एमएमसी केमिस्ट्री की डिग्री है. इसके बाद उन्होंने वर्ष 1967 में बीएड किया. इसके बाद वर्ष 1973 में उन्होंने एमएड की डिग्री प्राप्त की. नौकरी करने के दौरान ही उन्होंने शासन से अनु​मति लेकर एलएलबी की डिग्री की थी. इसी दौरान उन्होंने वर्ष 2000 में दतिया की शिक्षा के क्षेत्र विषय में पीएचडी प्राप्त की. सेवानिवृति के बाद उन्होंने वर्ष 2013 में एलएलम किया है. इसके बाद 2024 में उनकी लॉ विषय में पीएचडी पूरी हो गई है.

दतिया। अक्सर लोग कहते हैं उम्र महज एक नंबर होते हैं, बाकि दिल से वे जवान ही रहते हैं. ऐसे ही शिक्षा ग्रहण करने की भी कोई उम्र नहीं होती. अगर व्यक्ति दिल से ठान ले तो वह उम्र के नंबरों को मात देकर अपने सपनों को पूरा कर सकता है. कुछ ऐसा ही एमपी के दतिया जिले में 82 साल के एक बुजुर्ग ने कर दिखाया है. जी हां 82 साल की उम्र में 18 साल का जोश लेकर ओपी सक्सेना ने लॉ विषय में अपनी पीएचडी पूरी की है. जीवाजी विश्वविद्यालय ने 5 अप्रैल को पीएचडी पूरा करने का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है.

82 में भी कर ली पीएचडी आगे और तैयारी

शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र नहीं होती ये बात सही है. व्यक्ति जीवन भर सीखता है और आगे बढ़ता है. यह कहावत 82 साल के डॉ. ओपी सक्सेना के लिए सच साबित हुई है. 82 वर्ष की जिस उम्र में लोग आराम करते हैं. डॉ. सक्सेना पढ़ाई में 18 वर्ष के युवाओं को पीछे छोड़ रहें हैं. हाल ही में उन्होंने दूसरी बार पीएचडी पूरी की है, जीवाजी विश्वविद्यालय ने लॉ विषय में उनकी पीएचडी पूरा करने का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. आगे भी डॉ सक्सेना पढ़ाई के लिए निरंतर तैयार हैं और एक नई खोज में जुटे हुए हैं.

डॉ. ओपी सक्सेना की यह दूसरी पीएचडी है. इससे पहले उन्हें वर्ष 2000 में शिक्षा के विषय में पीएचडी अवार्ड किया था. शहर के होलीपुरा निवासी डॉ. सक्सेना शिक्षा विभाग के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विश्वविद्यालय क्रमांक 1 दतिया के प्राचार्य पद से सेवानिवृत हैं. उन्होंने सेवानिवृति के बाद हाइकोर्ट में प्रैक्टिस की, लेकिन पढ़ाई करने की ओर बार-बार उनका मन भागता रहा. उन्होंने कॉलेज में प्रवेश लेकर वर्ष 2013-14 में एलएलएम की डिग्री पूरी कर ली. वह यहीं नहीं रुके और अपनी आगे भी पढ़ाई जारी रखी. उन्होंने आगे लॉ विषय में पीएचडी करने के बारे में सोचा.

वर्ष 2018 में उन्होंने पीएचडी के लिए एप्लाई किया और उन्हें 2019 में काउंसलिंग के बाद एडमिशन भी मिल गया. अब ग्वालियर में ‘चिकित्सकीय लापरवाही और चिकित्सकीय कदाचार पर एक विशलेष्णात्मक अध्ययन’ विषय पर डॉ. गणेश दुबे के मागर्दशन में डॉक्टर और ऑफ फिलॉसफी की डिग्री हासिल की है.

पिता की इच्छा थी निरंतर पढ़ाई जारी रखे

डॉ सक्सेना ने बताया कि उस उम्र में पढ़ाई करना क्यों चुना. जब ज्यादातर लोग आराम करना चाहते हैं. इस पर सक्सेना कहते हैं कि 'उनके पिता की इच्छा थी कि वह लगातार पढ़ते रहे हैं. उन्हीं की प्रेरणा से आज भी पढ़ाई जारी है और आगे जब तक जीवन रहा और जो विषय समझ आया. उसमें भी वह अपनी रुचि के साथ पढ़ाई करेंगे. दतिया निवासी डॉक्टर सक्सेना वर्तमान में ग्वालियर में निवासरत हैं और हाइकोर्ट में प्राइवेट प्रैक्टिस भी कर रहे हैं.

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डॉ. सक्सेना के पास अब कुल 8 डिग्रियां

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