दतिया। देश को आजाद हुए 75 साल से ज्यादा हो गए. विकास के लंबे-चौड़े वादे व दावे सरकार करती है. लेकिन कई गांव अब भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. दतिया जिले की भांडेर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत तगा में आने वाले गांव नरेटा विकास के लिए तरस रहा है. नरेटा की तगा से दूरी महज 700 मीटर है. गांव नरेटा में प्राथमिक विद्यालय है. यहां पढ़ाई पूरी करने के बाद मासूम बच्चे पढ़ने के लिए नरेटा से तगा जाते हैं. लेकिन नरेटा से तगा जाने के लिए बच्चों को जान हथेली पर रखनी पड़ती है. इन बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए नदी पार करनी पड़ती है.
रोजाना नदी में तेज बहाव के बीच पार करने की चुनौती
बता दें तगा और नरेटा के बीच में एक नदी बहती है. आसपास नहरें होने के कारण इस नदी में पूरे वर्ष पानी रहता है. मासूमों को इसी दरिया को पार कर विद्यालय जाना पड़ता है. इस दरिया में सांप बिच्छू एवं अन्य कीड़े भी रहते हैं. जिनका भय इन छात्र-छात्राओं को रहता है. साथ में पानी का बहाव तेज होने के कारण कई बार बच्चे बह जाते हैं. उन्हें पानी में गोते लगाने पड़ते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि नदी पर रपटा बनवाने की मांग कई बार जनप्रतिनिधियों से की लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया.
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नदी पार करने के दौरान बच्चों के साथ दो बार हादसे
ये तस्वीर दतिया जिला मुख्यालय से तकरीबन 10 से 12 किलोमीटर की दूरी की है. नरेटा से तगा गांव जाने के लिए बच्चों को नदी को पार करना पड़ता है. नदी पार करने के दौरान दो बार घटनाएं भी घटित हो चुकी हैं. कुछ बच्चे पानी के तेज बहाव में बहकर अपनी जान गंवा चुके हैं. इन बच्चों की सुध लेने के लिए कोई भी अधिकारी या नेता आज तक नहीं पहुंचा. तगा विद्यालय के प्राचार्य लक्ष्मण प्रसाद पैंकरा का कहना है कि तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिखे हैं. प्रस्ताव भी भेजे हैं. जिला शिक्षाधिकारी को भी अवगत कराया है. यदि शासन कोई मदद नहीं करता है तो हम एक वोट खरीदेंगे और उससे बच्चों को पार कराएंगे.