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श्रद्धालुओं के लिए बाबा धाम में भगवान भोलेनाथ का दर्शन करना होगा महंगा, शीघ्र दर्शनम कूपन की दर में होगी बढ़ोतरी - Shravani Mela 2024

Shravani Mela 2024. श्रावणी मेला 2024 में भगवान शिव के दर्शन करना श्रद्धालुओं के लिए महंगा होगा. जिला प्रशासन जल्द ही इसे लेकर निर्णय लेने वाला है. मेले को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 5, 2024, 8:49 AM IST

Shravani Mela 2024
बाबा धाम मंदिर (ईटीवी भारत)

देवघर: इस साल श्रावणी मेले के दौरान जो भी श्रद्धालु बाबा धाम में भगवान भोलेनाथ का शीघ्र दर्शन चाहते हैं, उन्हें ज्यादा पैसे चुकाने पड़ सकते हैं. जिला प्रशासन ने शीघ्र दर्शनम कूपन की दर बढ़ाने के लिए मंदिर प्रबंधन और पुजारियों को आपस में विचार-विमर्श करने के लिए कहा है.

शीघ्र दर्शनम कूपन की दर में होगी बढ़ोतरी (ईटीवी भारत)

दरअसल, 22 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावणी मेले को लेकर जिला प्रशासन की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. मेले को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन और अधिकारियों की बैठकें लगातार चल रही हैं. गुरुवार को भी देवघर के डीसी विशाल सागर और एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग ने मंदिर प्रबंधन के लोगों के साथ बैठक की.

मंदिर खुलने और बंद होने का तय हो समय

डीसी कार्यालय के सभागार में देर शाम हुई बैठक के दौरान मेले को लेकर कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. बैठक में डीसी विशाल सागर ने कहा कि श्रावणी मेले को सफल बनाने के लिए मंदिर प्रबंधन से लेकर जिला प्रशासन के सभी स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों का सहयोग अपेक्षित है. उनके सहयोग के बिना मेले को सफल बनाना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि श्रावणी मेले के दौरान मंदिर के खुलने और बंद होने का समय तय किया जाए. इसके अलावा प्रशासन को मंदिर के आसपास अतिक्रमण हटाने का भी निर्देश दिया.

वहीं बैठक में मौजूद मंदिर के मुख्य महंत गुलाब नंद ओझा ने बताया कि बैठक में मंदिर प्रबंधन द्वारा उठाया गया सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा यह था कि जिस तरह से मंदिर के कपाट खुलने का समय तय है, उसी तरह से बाबा के कपाट बंद होने का समय भी तय होना चाहिए.

उन्होंने बताया कि सामान्य दिनों में मंदिर का कपाट शाम 5:00 बजे तक बंद हो जाता है, लेकिन रविवार और शनिवार को मंदिर का कपाट रात में बंद नहीं होता है, जिससे कई बार श्रद्धालुओं की भीड़ अनियंत्रित हो जाती है. इसीलिए इस वर्ष बैठक में पंडा धर्म रक्षणी सभा द्वारा रात्रि 10 बजे तक कपाट बंद करने का सुझाव दिया गया. इस सुझाव पर देवघर के उपायुक्त ने आश्वासन दिया है कि कपाट बंद करने पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा.

दर्शन कूपन को लेकर जल्द लिया जाएगा निर्णय

वहीं बैठक में दर्शनम कूपन की दर में वृद्धि पर भी चर्चा की गई. डीसी विशाल सागर ने पुजारियों और मंदिर प्रबंधन से इस मामले पर आपस में विचार-विमर्श करने को कहा. पुजारियों द्वारा आपस में इस मामले पर विचार-विमर्श करने के बाद जल्द ही दर्शन कूपन की दर में वृद्धि के संबंध में निर्णय लिया जाएगा. उपायुक्त विशाल सागर ने कहा कि करीब चौदह साल पहले शिव दर्शन कूपन की दर तय की गई थी. जो सामान्य दिनों के लिए ढाई सौ रुपये और विशेष दिनों के लिए पांच सौ रुपये है. लेकिन अब समय आ गया है कि शीघ्र दर्शनम कूपन की दर बढ़ाई जाए.

यह भी पढ़ें: झारखंड में बनेगा होली टूरिस्ट कॉरिडोर, रांची से रजरप्पा-लुगुबुरु-मधुबन होते हुए देवघर पहुंचेगी सड़क, चंपाई सरकार ने की पहल - Holy tourist corridor

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यह भी पढ़ें: बसंत पंचमी के मौके पर बाबा धाम में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, मिथिला से बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे बाबा मंदिर

देवघर: इस साल श्रावणी मेले के दौरान जो भी श्रद्धालु बाबा धाम में भगवान भोलेनाथ का शीघ्र दर्शन चाहते हैं, उन्हें ज्यादा पैसे चुकाने पड़ सकते हैं. जिला प्रशासन ने शीघ्र दर्शनम कूपन की दर बढ़ाने के लिए मंदिर प्रबंधन और पुजारियों को आपस में विचार-विमर्श करने के लिए कहा है.

शीघ्र दर्शनम कूपन की दर में होगी बढ़ोतरी (ईटीवी भारत)

दरअसल, 22 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावणी मेले को लेकर जिला प्रशासन की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. मेले को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन और अधिकारियों की बैठकें लगातार चल रही हैं. गुरुवार को भी देवघर के डीसी विशाल सागर और एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग ने मंदिर प्रबंधन के लोगों के साथ बैठक की.

मंदिर खुलने और बंद होने का तय हो समय

डीसी कार्यालय के सभागार में देर शाम हुई बैठक के दौरान मेले को लेकर कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. बैठक में डीसी विशाल सागर ने कहा कि श्रावणी मेले को सफल बनाने के लिए मंदिर प्रबंधन से लेकर जिला प्रशासन के सभी स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों का सहयोग अपेक्षित है. उनके सहयोग के बिना मेले को सफल बनाना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि श्रावणी मेले के दौरान मंदिर के खुलने और बंद होने का समय तय किया जाए. इसके अलावा प्रशासन को मंदिर के आसपास अतिक्रमण हटाने का भी निर्देश दिया.

वहीं बैठक में मौजूद मंदिर के मुख्य महंत गुलाब नंद ओझा ने बताया कि बैठक में मंदिर प्रबंधन द्वारा उठाया गया सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा यह था कि जिस तरह से मंदिर के कपाट खुलने का समय तय है, उसी तरह से बाबा के कपाट बंद होने का समय भी तय होना चाहिए.

उन्होंने बताया कि सामान्य दिनों में मंदिर का कपाट शाम 5:00 बजे तक बंद हो जाता है, लेकिन रविवार और शनिवार को मंदिर का कपाट रात में बंद नहीं होता है, जिससे कई बार श्रद्धालुओं की भीड़ अनियंत्रित हो जाती है. इसीलिए इस वर्ष बैठक में पंडा धर्म रक्षणी सभा द्वारा रात्रि 10 बजे तक कपाट बंद करने का सुझाव दिया गया. इस सुझाव पर देवघर के उपायुक्त ने आश्वासन दिया है कि कपाट बंद करने पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा.

दर्शन कूपन को लेकर जल्द लिया जाएगा निर्णय

वहीं बैठक में दर्शनम कूपन की दर में वृद्धि पर भी चर्चा की गई. डीसी विशाल सागर ने पुजारियों और मंदिर प्रबंधन से इस मामले पर आपस में विचार-विमर्श करने को कहा. पुजारियों द्वारा आपस में इस मामले पर विचार-विमर्श करने के बाद जल्द ही दर्शन कूपन की दर में वृद्धि के संबंध में निर्णय लिया जाएगा. उपायुक्त विशाल सागर ने कहा कि करीब चौदह साल पहले शिव दर्शन कूपन की दर तय की गई थी. जो सामान्य दिनों के लिए ढाई सौ रुपये और विशेष दिनों के लिए पांच सौ रुपये है. लेकिन अब समय आ गया है कि शीघ्र दर्शनम कूपन की दर बढ़ाई जाए.

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