सरगुजा : सरगुजा में एक बार फिर स्वास्थ्य कर्मियों की बेहद गंभीर लापरवाही सामने आई है. 8 जून को प्रसव पीड़ा से तड़पती एक महिला को परिजन दरिमा के नवानगर पीएचसी लेकर पहुंचे. लेकिन नवानगर पीएचसी का नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर गायब थे. इस बीच प्रसूता का वहीं स्वास्थ्य केंद्र के जमीन पर ही प्रसव हो गया, जिसकी वजह से एक प्रसूता और उसका नवजात बच्चा जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे थे.
नर्स और डॉक्टर की गैरमौजूदगी में डिलीवरी : नवानगर निवासी प्रसूता 25 साल की प्रियावती पैकरा को 8 जून की सुबह प्रसव पीड़ा होने पर परिजन डिलीवरी के लिए दरिमा के नवानगर पीएचसी पहुंचे थे, लेकिन अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ और चिकित्सक नदारद थे. लगातार सूचना के बाद भी चिकित्सक और नर्स अस्पताल नहीं पहुंचे. इस दौरान प्रसूता दर्द से तड़पती रही औरव वहीं एक घंटे बाद महिला का जमीन पर ही प्रसव हो गया. इस गंभीर लापरवाही के चलते जच्चा-बच्चा दोनों की जान खतरे में पड़ गई. परिजनों ने गांव से दाई को बुलाया और महिला के पेट की सफाई कराई और नाभी नाल काटा गया.
स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ पर गिरी गाज : दरिमा के नवानगर पीएचसी में प्रसूता का जमीन पर प्रसव हो जाने और अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ व चिकित्सक के गायब रहने को जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लिया. रविवार को सीएमएचओ और अन्य अधिकारियों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण कर घटना की जानकारी लिया और जांच की. जांच के बाद दोषी पाए गए नर्स को निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक एएनएम का तबादला किया गया है. बीएमओ को भी बिना देरी किए सस्पेंड कर दिया गया है. फिलहाल, व्यवस्था के लिए मनोरमा टोप्पो और अनुराधा बड़ा की ड्यूटी अस्पताल में लगाईं गई है.
"अधिकारी एवं कर्मचारी, मितानिन का बयान लेने और दस्तावेजों के परीक्षण के बाद बीएमओ के प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई करते हुए रात्रि कालिन स्टॉफ द्वितीय एएनएम मीना चौहान को तत्काल प्रभाव से हटाकर आयुष्मान मंदिर रेवापुर स्थानांतरित कर दिया गया है. नियम के अनुसार, एएनएम को नए शिफ्ट की नर्स के आने से पहले अस्पताल से नहीं जाना चाहिए था. इसी तरह ड्यूटी में पदस्थ स्टॉफ नर्स कन्या पैकरा बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित थी, उन्हें संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवा डॉ पीएस सिसोदिया ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. ड्यूटी से बिना सूचना नदारत रहने वाले आरएमए डॉ. वीरेंद्र कुमार पटेल को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है. बीएमपी एन राजवाड़े को भी राज्य शासन ने सस्पेंड कर दिया है." - डॉ आर एन गुप्ता, सीएमएचओ
घटना के बाद अस्पताल के दौरे पर पहुंचे अधिकारी: रविवार को सीएमएचओ डॉ आरएन गुप्ता, डीपीएम डॉ पुष्पेंद्र राम और जिला मितानिन समन्वयक अस्पताल पहुंचे और घटना की जांच की गई. जांच के दौरान सभी के समक्ष प्रभावितों के बयान दर्ज किए गए. साथ ही प्रसूता व नवजात की जांच की गई. फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.
यह वही छत्तीसगढ़ है, जहां यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम की नीवं रखी गई थी. स्वास्थ्य के ढांचे को सबसे छोटी इकाई से दुरुस्त किया जा रहा है. लगातार छोटे छोटे ग्रामीण अस्पताल नेशनल अवार्ड जीत रहे हैं. ऐसे में इस तरह की अमानवीय हरकतें सामने आना बेहद गंभीर लापरवाही है. इसे लापरवाही कहें या सरकारी पैसे में ऐश करते मदमस्त कर्मचारियों का दम्भ, जिसकी वजह से लाख प्रयासों के बावजूद व्यवस्था दम तोड़ रही है. जैसे खाद्य का अधिकार मिला, वैसे ही स्वास्थ्य के अधिकार की परिकल्पना की जा रही है. लेकिन सरकारी सिस्टम इस तरह की परिकल्पनाओं को अपनी बेपरवाही से धराशायी करने पर अमादा है.