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दमोह लोकसभा सीट से किन्नर दुर्गा मौसी ने ठोकी ताल, नेताओं को दिखाया आईना - "वह न तो भ्रष्ट हैं और न दागी" - Damoh kinnar Durga mausi nomination - DAMOH KINNAR DURGA MAUSI NOMINATION

दमोह लोकसभा सीट का चुनाव रोचक होने वाला है. यहां पर कटनी से आई किन्नर दुर्गा मौसी ताल ठोकने के लिए तैयार हैं. वह तामझाम के साथ गुरुवार को अपना पर्चा दाखिल करेंगी.

Damoh Lok Sabha seat kinnar Durga mausi
दमोह लोकसभा सीट किन्नर दुर्गा मौसी ने ठोकी ताल
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 3, 2024, 7:05 PM IST

किन्नर दुर्गा मौसी लड़ेंगी लोकसभा चुनाव

दमोह। दमोह लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा के बाद अब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कटनी से आई किन्नर दुर्गा मौसी अपना नामांकन गुरुवार को दाखिल करेंगी. बुधवार को वह अपनी साथियों के साथ जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय पहुंचीं और नाम निर्देशन पत्र लिया. मीडिया से बातचीत में किन्नर दुर्गा मौसी ने बताया "वह कटनी के एक गांव से 7 साल तक सरपंच रही हैं. वर्तमान में वह जनपद सदस्य भी हैं. वह जनता की सेवा करना चाहती हैं, उनके मन में कोई लोभ लालच नहीं है. इसलिए वह चुनाव लड़ेंगी.'

दमोह की जनता की मांग पर लड़ रही चुनाव

दुर्गा मौसी का कहना है 'दमोह की जनता की मांग थी, उन्होंने मुझे बुलाया है. इसलिए मैं यहां पर चुनाव लड़ने के लिए आई हूं. अभी नामांकन लिया है. कल सभी साथियों के साथ नामांकन दाखिल करेंगी. तन, मन, धन से जनता की सेवा करेंगी. उनके मन में लोक सेवा करने की इच्छा है, वह ऐसी चाहत रखती हैं. यदि यहां की जनता ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया तो उनकी सभी समस्याओं को हल करने में वह अपना बड़ा योगदान देंगी. इससे जनता को बड़ी राहत मिलेगी. न तो वह भ्रष्ट नेता हैं और न दागी हैं. उन्हें कोई लोभ लालच नहीं है."

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राजनीति में साफ-सुथरी छवि के नेताओं की जरूरत

दुर्गा मौसी ने कहा "मैं चाहती हूं कि जनता साफ सुथरे नेता चुनकर लाएं ताकि उनके कोई भी कार्य रुक न सकें. यह पूछे जाने पर कि वह कटनी छोड़कर दमोह लोकसभा सीट से चुनाव क्यों लड़ना चाहती हैं? इस पर उन्होंने कहा कि जनता की मांग है. इसलिए वह यहां पर आई हैं. हमारे और भी साथी यहां पर हैं. उनका घर है. वैसे तो हम किन्नरों का सारा संसार ही परिवार है. इसलिए यह कहना गलत है कि यहां से चुनाव क्यों लड़ रही हैं." गौरतलब है कि दमोह से कोई किन्नर चुनाव लड़ रहा है, ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. इसके पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में दमोह की ही रहने वाली सब्बू बुआ भी चुनाव लड़ चुकी हैं. उनके भी पहले 1998 में सुहागपुर विधानसभा सीट से शबनम मौसी सदन में जा चुकी हैं. उसके बाद कमल मौसी सागर की महापौर निर्वाचित हुई थीं, लेकिन कोर्ट ने उनका निर्वाचन अवैध ठहरा दिया था.

किन्नर दुर्गा मौसी लड़ेंगी लोकसभा चुनाव

दमोह। दमोह लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा के बाद अब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कटनी से आई किन्नर दुर्गा मौसी अपना नामांकन गुरुवार को दाखिल करेंगी. बुधवार को वह अपनी साथियों के साथ जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय पहुंचीं और नाम निर्देशन पत्र लिया. मीडिया से बातचीत में किन्नर दुर्गा मौसी ने बताया "वह कटनी के एक गांव से 7 साल तक सरपंच रही हैं. वर्तमान में वह जनपद सदस्य भी हैं. वह जनता की सेवा करना चाहती हैं, उनके मन में कोई लोभ लालच नहीं है. इसलिए वह चुनाव लड़ेंगी.'

दमोह की जनता की मांग पर लड़ रही चुनाव

दुर्गा मौसी का कहना है 'दमोह की जनता की मांग थी, उन्होंने मुझे बुलाया है. इसलिए मैं यहां पर चुनाव लड़ने के लिए आई हूं. अभी नामांकन लिया है. कल सभी साथियों के साथ नामांकन दाखिल करेंगी. तन, मन, धन से जनता की सेवा करेंगी. उनके मन में लोक सेवा करने की इच्छा है, वह ऐसी चाहत रखती हैं. यदि यहां की जनता ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया तो उनकी सभी समस्याओं को हल करने में वह अपना बड़ा योगदान देंगी. इससे जनता को बड़ी राहत मिलेगी. न तो वह भ्रष्ट नेता हैं और न दागी हैं. उन्हें कोई लोभ लालच नहीं है."

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दुर्गा मौसी ने कहा "मैं चाहती हूं कि जनता साफ सुथरे नेता चुनकर लाएं ताकि उनके कोई भी कार्य रुक न सकें. यह पूछे जाने पर कि वह कटनी छोड़कर दमोह लोकसभा सीट से चुनाव क्यों लड़ना चाहती हैं? इस पर उन्होंने कहा कि जनता की मांग है. इसलिए वह यहां पर आई हैं. हमारे और भी साथी यहां पर हैं. उनका घर है. वैसे तो हम किन्नरों का सारा संसार ही परिवार है. इसलिए यह कहना गलत है कि यहां से चुनाव क्यों लड़ रही हैं." गौरतलब है कि दमोह से कोई किन्नर चुनाव लड़ रहा है, ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. इसके पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में दमोह की ही रहने वाली सब्बू बुआ भी चुनाव लड़ चुकी हैं. उनके भी पहले 1998 में सुहागपुर विधानसभा सीट से शबनम मौसी सदन में जा चुकी हैं. उसके बाद कमल मौसी सागर की महापौर निर्वाचित हुई थीं, लेकिन कोर्ट ने उनका निर्वाचन अवैध ठहरा दिया था.

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